आज ही बदल दें : ये 6 आदतें, जो बढ़ा रही हैं आपका एंग्जायटी लेवल

एंग्जायटी को दूर कर अपने मानसिक स्वास्‍थ्‍य को दुरुस्त रखना मुश्किल नहीं हैं। आपको बस उन आदतों को छोड़ देना है, जो आपके एंग्जायटी लेवल और तनाव को बढ़ाती हैं।
ये छोटी-छोटी आदतें आपके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य को गंभीर नुकसान पहुंचाती हैं। चित्र : शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Dec 2020, 11:11 am IST
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एंग्‍जायटी एक ऐसा शब्‍द है जो आजकल सबसे ज्‍यादा सुना जाने लगा है। अभी तक अछूता रहा भारत भी अब इस मानसिक बीमारी की चपेट में आने लगा है। असल में बरसों बरस लोगों को यह पता ही नहीं चलता कि वे एंग्‍जायटी के शिकार हैं।

“फोर्टिस हेल्थकेयर के प्रख्यात मनोचिकित्सक, मानसिक स्वास्थ्य एवं व्यवहार विज्ञान विभाग एवं फोर्टिस राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के निदेशक डॉ. समर पारिख कहते हैं,  एंग्‍जायटी को एक मेडिकल प्रोब्‍लम की तरह देखना चाहिए। चिंता को चिकित्सा समस्या के रूप में माना जाना चाहिए। यह कई कारणों से होती है और प्रत्येक व्यक्ति में इसका प्रारूप अलग तरह का होता है। प्रत्येक व्यक्ति में इसके लक्षण अलग तरह के होते हैं, इसलिए उसे अलग तरह के उपचार की आवश्‍यकता होती है।”

इसके लक्षणों पर बात करते हुए डॉ. परिख कहते हैं, एंग्‍जायटी के लक्षणों में आम है : अत्यधिक चिंताग्रस्‍त रहना, कुछ स्थितियों से परहेज करना, और किसी भी संबंध को लंबे समय तक कायम न रख पाना।

हालांकि सही उपचार और एक अच्‍छे डॉक्‍टर की सलाह से इससे उबरा जा सकता है। पर यहां हम उन आदतों का जिक्र कर रहे हैं, जो आपकी एंग्‍जायटी को और भी बढ़ा सकती हैं। आइए जानते हैं कौन सी हैं वे आदतें, जिन्‍हें अपने मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के‍ लिए आपको फौरन बदल देना चाहिए:

1 बहुत ज्यादा कैफीन

हम में से बहुत से  लोग अपने दिन की शुरूआत के लिए एक कप कॉफी या चाय पर निर्भर रहते हैं। लेकिन, क्या आप जानती है कि आपकी ये आदत भी आपको एंग्‍जायटी की ओर धकेलती है।

अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार जो लोग एंग्‍जायटी से पीड़ित हैं, उनके कैफीन के सेवन से स्थिति और भी खराब हो सकती है। क्योंकि यह आपके दिल की धड़कन में वृद्धि करता है। जिससे पैनिक अटैक की स्थिति भी बन सकती है।

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यदि आप कॉफी के बिना दिन की शुरूआत नहीं कर सकतीं, तो आप एंग्जायटी को आमंत्रित कर रहीं हैं। चित्र : शटरस्टॉक

इसके बजाय, आप एक कप गर्म पानी में नींबू के विकल्‍प को चुन सकती हैं। यह एक फ्रेश ऑप्‍शन है और आपको डिटॉक्‍स करने में मदद कर सकता है।

2 वर्कआउट न करना

यह जानना महत्वपूर्ण है कि आपके लिए व्यायाम कितना जरूरी है। एक स्‍वस्‍थ जीवन शैली आपको कई तरह की समस्‍याओं से बचाए रखती है। पबमेड पर प्रकाशित शोध में पाया गया कि लंबे समय तक निष्क्रिय जीवनशैली जीन से या एक ही पोजीशन में लंबे समय तक बैठे रहने का असर आपकी मानसिक स्थिति पर भी पड़ता है। इसलिए यह जरूरी है कि काम के बीच में हल्‍की शारीरिक गतिविधि करते रहें। कुर्सी से उठें, थोड़ी देर टहलें, उठ कर कोई और काम निपटाएं। इससे आप तनावग्रस्‍त होने से बची रह सकती हैं।

3 सोशल मीडिया पर बहुत अधिक समय बिताना

हम इसे चाहें या न चाहें, पर यह सच है कि आज के समय में सोशल मीडिया की अनदेखी करना काफी मुश्किल है। सोशल मीडिया पर आना, उसे लगातार स्‍क्रॉल करते रहना या अपनी कोई फोटो या कमेंट पोस्‍ट करना, हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। हमें इसे खाने जितना जरूरी काम मानने लगे हैं।

why too much social media is bad for mental health
सोशल मीडिया पर जरूरत से ज्‍यादा डूबे रहना आपको एंग्‍जायटी का शिकार बना सकता है। फोटो : शटरस्टॉक

हालांकि, यह आपकी एंग्‍जायटी के लेवल को बढ़ा सकता है क्योंकि आप हर बार लॉग ऑन करते हुए ‘लापता’  हो जाते हैं और उससे बाहर आने के लिए आपको काफी संघर्ष करना पड़ता है। जर्नल ऑफ सोशल एंड क्लिनिकल साइकोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में यह देखा गया कि जितना अधिक समय आप सोशल मीडिया पर खर्च करते हैं, उतना ही ज्‍यादा नकारात्मक भावनाओं से घिर जाते हैं और इसका असर आपके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर पड़ता है।

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4 ज्‍यादा मात्रा में शराब पीना

कुछ लोगों की यह आदत होती है कि जैसे ही वे तनाव या चिंता के शिकार होते हैं तो शराब पीना शुरू कर देते हैं। इससे आप उस समय के लिए तो चिंता मुक्‍त हो जाते हैं, पर बाद में यह आपके एंग्‍जायटी लेवल को बढ़ा देता है। अमेरिकी नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में यह कहा गया है कि लंबी अवधि तक शराब का सेवन आपके मस्तिष्क को क्षति पहुंचाता है। इससे आपके मस्तिष्‍क की रीवायरिंग ऐसी हो जाती है कि आप और ज्‍यादा चिंता का अनुभव करने लगते हैं।

5 भोजन ठीक से न करना

हम में से बहुतों की बिजी लाइफ में ऐसा कभी न कभी जरूर होता है कि काम को निपटाने की फि‍क्र में हम या तो खाना खाते ही नहीं हैं, या ठीक से नहीं खा पाते। परंतु इससे आपके ब्‍लड में शुगर लेवल डाउन हो सकता है, जिससे आप ज्‍यादा चिढ़चिढ़ापन महसूस कर सकते हैं। इसलिए, अपने खाने के रूटीन को सही बनाए रखने के लिए इस बात का ध्‍यान रखें कि अपनी व्‍यस्‍ततम दिनचर्या में भी कम से कम 15 मिनट अपने हर मील के लिए निकालें।

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अगर काम की फि‍क्र में भोजन करना गैरजरूरी लगता है, तो आप जल्‍दी ही एंग्‍जायटी की शिकार हो जाएंगी। चित्र : शटरस्टॉक

6 आप पानी पीना भूल जाती हैं

हमने हर किसी से यही सुना होगा कि हमें हर दिन आठ गिलास पानी पीना चाहिए। ये इतनी बार सुना गया है हो सकता है आप बोर होने लगे हों। पर यह बार-बार इसलिए कहा जा रहा है कि यह आपको कई तरह की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से बचा सकता है। इससे न केवल आपकी त्वचा हेल्‍दी रहेगी, बल्कि यह आपकी बॉडी को नेचुरली क्‍लीन करता है। खुद को हाइड्रेट रख कर आप एंग्‍जायटी से भी खुद को दूर रख सकती हैं।

इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि आप उन तमाम उपायों पर गौर करें, जिनसे आप चिंता मुक्‍त रह सकती हैं। पर जब भी किसी तरह के एंग्‍जायटी के लक्षण महसूस करें, तो किसी प्रोफे‍शनल मनोचिकित्‍सक से जरूर मिलें।

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