आपने कई बार सुना होगा कि नींद की कमी कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। नींद की कमी से स्ट्रेस हो सकता है और आप बीमार पड़ सकती हैं। मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि नींद ज़्यादा लेना भी समस्या का कारण बन सकता है। यह आपकी पूरी दिनचर्या को प्रभावित कर सकती है। आइए जानते हैं ज्यादा नींद के नुकसान (side effects of oversleeping )।
अमेरिकन जर्नल ऑफ हेल्थ प्रमोशन में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में कहा गया है कि जो कर्मचारी हर रात 10 या उससे ज़्यादा अधिक घंटे सोते हैं, वे बीमारी के कारण औसतन 1.6 गुना अधिक दिन काम करने से चूक जाते हैं। ऐसे लोग रात में हर आठ घंटे सोने वाले कर्मचारियों की तुलना में औसतन 2.2 गुना अधिक प्रॉडक्टिविटी खो देते हैं।
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नींद की ज़रूरतें अलग-अलग लोगों में अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन सामान्य तौर पर, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि स्वस्थ वयस्कों को प्रति रात औसतन 7 से 9 घंटे सोना चाहिए। यदि आपको नियमित रूप से आराम महसूस करने के लिए प्रति रात 8 या 9 घंटे से अधिक नींद की आवश्यकता होती है, तो यह एक अंतर्निहित समस्या का संकेत हो सकता है।
कई स्थितियां नींद को बाधित कर सकती हैं या आपकी नींद की गुणवत्ता में हस्तक्षेप कर सकती हैं। जिससे आप 8 घंटे बिस्तर पर बिताने के बाद भी थका हुआ और सुस्त महसूस कर सकती हैं। जिसकी वजह से प्रॉडक्टिविटी भी प्रभावित होती है, उन स्थितियों में शामिल हैं:
स्लीप एपनिया – एक श्वास विकार जो नींद के दौरान सांस लेने में दिक्कत का कारण बनता है।
रेस्टलेस लेग सिंड्रोम – एक मस्तिष्क विकार जो रात में पैरों को हिलाने का कारण बनता है।
ब्रुक्सिज्म – जिसमें आप सोते समय अपने दांत पीसते हैं
ज़्यादा सोने से फोकस, ध्यान और सतर्कता बनाए रखने में मुश्किल हो सकती है। ज़्यादा सोने से आपको थकान महसूस हो सकती है, जिससे काम पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है।
ज़्यादा नींद लेना भी लो प्रॉडक्टिविटी को जन्म देता है क्योंकि आपको जब किसी काम को जल्दी खतम करना होगा तब आप आलस महसूस करेंगे। आलस की वजह से आप हर काम कल पर टाल सकती हैं।
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कस्टमाइज़ करेंयदि ज़्यादा नींद लेने के कारण आप काम के दौरान अत्यधिक थके हुए हैं। तो यह समय कुछ बदलाव करने का हो सकता है। अमेरिका का नेशनल स्लीप फाउंडेशन 65 साल से कम उम्र के वयस्कों को हर रात 7 से 9 घंटे की नींद लेने की सलाह देता है। तो आप भी अपने सोने के घंटे निर्धारित करें।
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