गलत खानपान, खराब लाइफ़स्टाइल और शारीरिक रूप से स्थिर रहने के कारण दिन प्रतिदिन दिल से जुड़ी बीमारी की संख्या बढ़ती जा रही है। वहीं हार्ट स्ट्रोक ओर हार्ट फेलियर के कारण मौत के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं। कुछ समय पहले सिद्धार्थ शुक्ला और उसके बाद केके, राजू श्रीवास्तव और कई अन्य सेलिब्रिटीज हार्ट डिजीज के कारण हमसे जुदा हो गए। पर क्या आप जानती हैं कि हार्ट हेल्थ को सिर्फ आपका लाइफस्टाइल और खानपान ही नुकसान नहीं पहुंचाता, बल्कि कभी-कभी भावनाओं से जुड़े मुद्दे भी इसके लिए जोखिम खड़ा कर देते हैं। आइए जानते हैं कि आपकी हार्ट हेल्थ को कैसे नुकसान पहुंचाता है इमोशनल स्ट्रेस।
यदि आप एक हेल्दी हार्ट चाहती है, तो जरूरी खानपान और एक्सरसाइज के साथ अपने इमोशनल हेल्थ पर भी ध्यान देना शुरू कर दें। स्ट्रेस, डिप्रेशन, एंग्जाइटी, जरूरत से ज्यादा नशा यह सभी आपके हार्ट हेल्थ को प्रभावित करते हैं। इसलिए किसी भी इमोशनल स्ट्रेस में पढ़ने से पहले यह जान लेना जरूरी है कि ये किस तरह आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
तो चलिए जानते हैं, आखिर हार्ट हेल्थ और इमोशनल स्ट्रेस का क्या संबंध है। और साथ ही जानेंगे इमोशनल स्ट्रेस से बचने के कुछ प्रभावी उपाय।
हालांकि इमोशनल हेल्थ का सीधा प्रभाव हार्ट हेल्थ पर नहीं पड़ता, परंतु इमोशनल हेल्थ और मेंटल हेल्थ एक-दूसरे से कनेक्टेड हैं। जबकि मेंटल हेल्थ हार्ट हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। इसीलिए यदि आप भावनात्मक रूप से विचलित रहती हैं, तो यह आपके मेंटल हेल्थ को प्रभावित करेगा। वहीं आपका मेंटल हेल्थ हार्ट हेल्थ को मुसीबत में डाल सकता है।
इमोशनल स्ट्रेस के कारण मेंटल स्ट्रेस होता है, वहीं नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार मेंटल स्ट्रेस अनिश्चित रूप से हार्ट अटैक, कार्डियक डेथ, हार्ट फेलियर और हार्ट बीट बढ़ने का कारण बन सकता है।
इसी के साथ यदि आप भावनात्मक रूप से परेशान हैं, तो आपका ब्लड प्रेशर अचानक से बढ़ या घट सकता है। इसके साथ ही अचानक से हार्ट रेट में बदलाव आता है, जो आपके दिल के लिए खतरनाक हो सकता है। इसी के साथ शरीर में कोर्टिसोल नामक स्ट्रेस हार्मोन के बढ़ने से भी हार्ट हेल्थ प्रभावित होता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया कि यदि कोई व्यक्ति लंबे समय से डिप्रेशन और एंग्जाइटी से पीड़ित है तो उनमें दिल से जुड़ी समस्याएं होने की संभावना काफी ज्यादा होती है। वहीं यदि आप काफी ज्यादा गुस्सा करती हैं तो यह भी आपके लिए नुकसानदेह हो सकता है।
वहीं की गई एक स्टडी के अनुसार आप अपने भावनाओं की वजह से डिप्रेशन, एंग्जाइटी, स्ट्रेस, इत्यादि जैसी मानसिक समस्याओं से परेशान रह सकती हैं। जिस वजह से आपकी कार्डियक रियेक्टिविटी जैसे कि असामान्य हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर कि समस्या होना आम है। इसी के साथ यह ब्लड फ्लो को कम कर देता है, जिस वजह से खून पूरी तरह दिल तक नहीं पहुंच पाती। वहीं स्ट्रेस हार्मोन का बढ़ना भी दिल की सेहत को प्रभावित करने का एक अहम कारण हो सकता है।
असामान्य रूप से हार्टबीट का बढ़ना।
अचानक से ब्लड प्रेशर का हाई या लो होना।
शरीर में ऑक्सीजन की कमी महसूस होना।
शरीर में अधिक मात्रा में स्ट्रेस हार्मोन का रिलीज होना।
हार्ट ब्लड वेसल्स का सिकुड़ जाना। जिस वजह से दिल तक अच्छी तरह ब्लड फ्लो न हो पाना।
स्ट्रेस पैदा करने वाली स्थितियों से खुद को दूर रखने की कोशिश करें।
मेंटल हेल्थ को संतुलित रखने के लिए नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
रात को सोने से पहले अपने भावनात्मक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए मेडिटेशन का अभ्यास करना उचित रहेगा।
महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरपूर फल, सब्जी और अनाज का सेवन करें। यह आपके हार्ट के साथ-साथ आपकी मेंटल हेल्थ को भी संतुलित रखेगा।
धूम्रपान करने से बचें।
शराब का सेवन न करें। यदि करती हैं, तो इसकी एक सीमित मात्रा लेने की कोशिश करें। क्योंकि शराब का अधिक सेवन इमोशनल स्ट्रेस को बढ़ा सकता है।
खुदको अपनी मनपसंदीदा कार्यों को करने में व्यस्त रखें। जैसे कि कोई भी खेल, किताबें पढ़ना, योग, डांसिंग, इत्यादि।
अपने आसपास पॉजिटिव वाइब्स रखने की कोशिश करें।
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