इन 7 तरीकों से आपकी सेहत के लिए धीमा जहर साबित होता है तनाव, जानिए इसके कुछ हिडन साइड इफेक्ट्स

स्ट्रेस एक ऐसी चीज है जिससे आज कल हर एक व्यक्ति ग्रसित है। कई बार कुछ संकेत होने के बाद भी इंसान नही समझ पाता है कि यह सब स्ट्रेस के कारण हो रहा है।
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तनाव और अन्य प्रकार की समस्याएं वजन बढ़ने से संबंधित हैंचित्र:शटरस्टॉक
संध्या सिंह Updated: 23 Oct 2023, 09:20 am IST
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आज बात कुछ ऐसे संकेतो के बारे में जो ये बताते है कि आप स्ट्रेस से गुजर रहे है। आज हर किसी के जीवन में कुछ न कुछ वजह स स्ट्रेस है ही। कोई अपने काम को लेकर स्ट्रेस है तो कोई अपने रिलेशन को लेकर, कोई अपनी फेमली को लेकर, तो कोई करियर को लेकर, कोई शादी में हो रहे तनाव को लेकर स्ट्रेस में है। सभी के जीवन में अपनी अपनी समस्याएं है।

ये समस्या हमारे उपर इतनी हावी हो जाती है कि कभी-कभी हम ये समझ ही नही पाते है कि इससे हमे स्ट्रेस हो रहा है या हमारा मानसिक संतुलन बिगड़ रहा है। जिसकी वजह से ये समस्याएं डिप्रेशन जैसी समस्या बन जाती है। आज आपको बताते है कुछ ऐसे संकेतो के बारे में जो ये बताते है कि आपको स्ट्रेस है लेकिन आप इसे इग्नोर कर देते है।

ये सभी चीजें बताती है कि आपको स्ट्रेस है

अधिक खाना

हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार तनाव भी भोजन की इच्छायों को प्रभावित करता है। जानवरो पर किए गए कई अध्ययनों ने दिखाया है कि शारीरिक या भावनात्मक स्ट्रेस वसा,शुगर, या दोनों में उच्च भोजन का सेवन बढ़ाता है। उच्च कोर्टिसोल स्तर, उच्च इंसुलिन स्तर के संयोजन में जिम्मेदार हो सकते हैं। अन्य शोध बताते हैं कि इसमें घ्रेलिन, जो की एक “भूख हार्मोन” है उसकी भूमिका हो सकती है।

pata karen ki samasya ki vajah kya hai
पता करें कि तनाव की असल वजह क्या है। चित्र: शटरस्टॉक।

एक बार सेवन करने के बाद, वसा और शुगर वाले खाद्य पदार्थों का प्रतिक्रिया प्रभाव पड़ता है जो तनाव से संबंधित प्रतिक्रियाओं और भावनाओं को कम करता है। ये खाद्य पदार्थ वास्तव में “आरामदायक” खाद्य पदार्थ हैं जिसमें वे तनाव को कम करते हैं।

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वजन का बढ़ना

कुछ शोधों में तनाव को वजन बढ़ने के कारण महिलाओं और पुरूषों में अलग-अलग बताए गए है। जिसमें महिलाओं को भोजन और पुरुषों को शराब या धूम्रपान करने की अधिक संभावना होती है। एक फिनिश अध्ययन जिसमें 5,000 से अधिक पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया था, ने दिखाया कि मोटापा महिलाओं में तनाव से संबंधित खाने से जुड़ा था, लेकिन पुरुषों में नहीं।

हार्वर्ड के शोधकर्ताओं ने बताया है कि काम से तनाव और अन्य प्रकार की समस्याएं वजन बढ़ने से संबंधित हैं, लेकिन केवल उन लोगों में जो अध्ययन अवधि की शुरुआत में अधिक वजन वाले थे। एक सिद्धांत यह है कि अधिक वजन वाले लोगों में इंसुलिन का स्तर ऊंचा होता है, और उच्च इंसुलिन की उपस्थिति में तनाव से संबंधित वजन बढ़ने की संभावना अधिक होती है।

पाचन समस्या

दिमाग और आंत आपस में जुड़े हुए है और संवाद करते है। न्यूरोसाइंस पुस्तक में प्रकाशित शोध के अनुसार आंत में रीढ़ की हड्डी से भी अधिक न्यूरॉन्स होते है।

तनाव आंत की गतिशीलता और द्रव स्राव को बढ़ाता है। यही कारण है कि आपको किसी तनावपूर्ण घटना के दौरान या बाद में दस्त या बार-बार पेशाब करने की इच्छा हो सकती है। तनाव पेट की सामग्री को खाली करने में देरी कर सकता है और आंतों के माध्यम से सामग्री के मार्ग को तेज कर सकता है। गतिविधि के इस संयोजन से पेट में दर्द होता है और आंत्र की आदतें बदल जाती हैं।

Stress missed periods ka kaaran hai
अधिक तनाव आपके मिस्ड पीरियड्स का कारण बन सकता है। चित्र : शटरस्टॉक

बहुत पसीना आना

अत्यधिक पसीना, या हाइपरहाइड्रोसिस, सोशल एंग्जाइटी डिसॉडर के लक्षण के रूप में भी हो सकता है। इंटरनेशनल हाइपरहाइड्रोसिस सोसाइटी के अनुसार, सोशल एंग्जाइटी वाले 32 प्रतिशत लोग हाइपरहाइड्रोसिस का अनुभव करते हैं।

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पबमेंड सेंट्रल के अनुसार सोशल एंग्जाइटी, पैनिक डिसॉडर या किसी तरह का फोबिया भी बहुत पसीने आने का कारण बनता है। 86 लोगों के अध्ययनों की समीक्षा में, पैनिक डिसऑर्डर से पीड़ित लोगों को तब अधिक पसीना आता है जब उन्हें ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ता है जिससे डर या घबराहट की भावना पैदा होती है। तनावपूर्ण स्थिति का सामना न करने पर भी वे दैनिक आधार पर अधिक पसीना बहाते थे।

तनाव मासिक धर्म चक्र और लिबिडो को भी प्रभावित करता है

अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के अनुसार तनाव किशोर लड़कियों और महिलाओं में मासिक धर्म को कई तरह से प्रभावित कर सकता है। उदाहरण के लिए, उच्च स्तर का तनाव अनुपस्थित या अनियमित मासिक धर्म चक्र, अधिक दर्दनाक पीरियड और चक्र की लंबाई में परिवर्तन से जुड़ा हो सकता है।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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