दो जिस्म एक जान अच्छी कहावत है, पर वास्तविकता में न यह होता है और न ही होना चाहिए। हर किसी का शरीर, जीवन जीने का तरीका, नजरिया और पहचान सब अलग होती है। किसी रिश्ते में इतना भी मत खो जाइए कि आप अपने आप को ही भूल जाएं। कई बार रिश्तों में ऐसा होता है कि एक पार्टनर को दूसरे की कोई चीज पसंद नही होती है, तो वह उसे छोड़ देता है।
धीरे-धीरे ये आदत बन जाती है और सामने वाला हर वह चीज करने लगता है, जो उसके पार्टनर को पसंद हो। इसमें वह ये भूल जाता है कि वो कौन है, उसकी क्या पहचान है, उसे क्या करना पसंद है। किसी भी रिश्ते में खुद को खो देना हेल्दी रिलेशनशिप या प्यार का संकेत नहीं है। चलिए जानते है कुछ ऐसे संकेतों को जो बताते हैं कि आप एक रिश्ते में खुद को खो रहे हो।
इसे बारे में ज्यादा जानने के लिए हमने सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष श्रीवास्त से संपर्क किया। डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव बताते है कि किसी रिश्ते में खुद को खोना तब हो सकता है जब आप रिश्ते की गतिशीलता और जरूरतों से अत्यधिक प्रभावित हो जाते हैं, जिससे आपके व्यक्तित्व, रुचियों और आपकी चीजों को नुकसान पहुंचता है।
डॉ. आशुतोष श्रीवास्त बताते है कि यदि आप एक रिलेशनसिप में हैं और महसूस करते है कि आप अब उन शौक या गतिविधियों का पालन नहीं कर रहे हैं जो आपको खुशी और संतुष्टि दिया करते थे और इसके बजाय, आप केवल उस पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो आपके साथी को पसंद है। इससे आपको ये समझ जाना चाहिए कि आप उस रिश्ते में खुलकर नहीं जी पा रहें है।
आपने खुद को उन दोस्तों और परिवार के सदस्यों से दूर कर लिया है जो कभी आपके लिए महत्वपूर्ण थे, क्योंकि आपका साथी ही आपका एकमात्र फोकस बन जाना भी इसका संकेत है। यदि आपका साथी आपके अपने दोस्तों से बात करने से या टाइम देने से रोकता है और सिर्फ अपने लिए ही समय मांगता है बिना आपकी इच्छाओं की चिंता किए तो ये आपको दूसरों और खुद से अलग करता है।
कई बार रिश्ते में लड़कियां खासकर अपने पार्टनर पर इतना निर्भर हो जाती है कि अपने खुद के फैसले भी वो खुद नही लेती है। उन्हे कई बार उस पर भी अपने पार्टनर की ही जरूरत होती है। यदि आपको अपने साथी से परामर्श किए बिना निर्णय लेने में कठिनाई होती है या स्वयं काम करने में असहजता महसूस होती है। तो आपको इस पर ध्यान देना चाहिए।
आप अपने साथी से असहमत होने या अपनी सच्ची भावनाओं को व्यक्त करने से डरते हैं क्योंकि आपको डर है कि इससे लड़ाई हो सकती है या रिश्ता भी ख़त्म हो सकता है। एक रिश्ते को सही तरीके से चलाने के लिए हर पहलू पर बात होना जरूरी है लेकिन अगर आपका पार्टनर आपकी असहमती से नाराज होता है तो इसका मतलब ये है कि वो आपकी वैल्यू नही करता है।
आपको हर बार अपने पार्टनर को ये दिखाना पड़े कि आप उसकी चिंता करते हैं या केयर जिसके लिए आपको हर समय अपने पार्टनर के बारे में ही सोचना पड़े तो ये आपके रिश्ते में आपको संघर्ष की तरह महसूस होगा। क्योंकि केयर और प्यार खुद अपने आप होती है उसके लिए कुछ सोचना या बोलना नही पड़ता है। यदि आपको अपने साथी के आसपास रहने या उनका ध्यान आकर्षित करने की निरंतर आवश्यकता महसूस होती है, और आप अपने आप में संतुष्ट रहने के लिए संघर्ष करते हैं। तो आप खुद को खो चुके हैं।
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