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बेस्ट फ्रेंड कभी भी थेरेपिस्ट नहीं हो सकते, एक मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट से जानिए इसके 5 कारण

दोस्तों का होना हमेशा अच्छा होता है। ये आपको स्पेशल फील करवाते हैं, आपकी भावनाओं को समझते हैं और आपको मेंटली बूस्ट भी करते हैं। पर जब मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हों, तो जरूरी है किसी एक्सपर्ट की मदद लेना।
मनोवैज्ञानिक व्यक्ति की भावनाओं को जांचता-परखता है। वे आपसे यह जानना चाहते हैं कि आप कैसा महसूस करती हैं।चित्र: शटरस्टॉक
स्मिता सिंह Updated: 23 Oct 2023, 09:08 am IST
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घर-ऑफिस से संबंधित जब भी हमें समस्या होती है, तो हम सबसे पहले अपने बेस्ट फ्रेंड के पास पहुंचते हैं। उनसे समस्या का निदान मांगते हैं। हम चाहते हैं कि बेस्ट फ्रेंड हमारी मदद करे और प्रॉब्लम का सोलुशन बताये। हमें कहीं और हल ढूंढने के लिए कहीं और नहीं जाना पड़े। हमें यह अच्छी तरह समझना चाहिए कि कोई भी समस्या, जो हमारे मन को परेशान करने लगती है या मेंटल हेल्थ को प्रभावित करने लगती है, तो हमें बेस्ट फ्रेंड की बजाय थेरेपिस्ट के पास (best friend and therapist ) जाना चाहिए। विशेषज्ञ इसके पीछे कई कारण गिनाते हैं।

थेरेपिस्ट बेस्ट फ्रेंड की नहीं ले सकते जगह

विशेषज्ञ बताते हैं कि किसी भी समस्या का हल किसी थेरेपिस्ट के पास हो सकता है। दोस्त के पास नहीं। दोस्त और थेरेपिस्ट, दोनों अलग हैं। चिकित्सक सबसे अच्छे दोस्त की जगह नहीं ले सकते हैं। ठीक इसी तरह सबसे अच्छा दोस्त भी थेरेपिस्ट या चिकित्सक की जगह नहीं ले सकता है! सेलिब्रिटी साइकोलॉजिस्ट और मेंटल हेल्थ थेरेपिस्ट दिविजा भसीन अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में बता रही हैं कि ऐसा कैसे हो सकता (Best friend and Therapist) है।

बेस्ट फ्रेंड नहीं दे सकते हैं सही सुझाव

दिविजा भसीन बताती हैं कि यदि किसी महिला का यदि बॉय फ्रेंड के साथ ब्रेकअप होता है, तो वे चाहती हैं कि उनकी बेस्ट फ्रेंड इस मसले पर उन्हें सुझाव दें। पर वे यहां पर कोई भी सही सलाह नहीं दे सकती हैं। वे सिर्फ आपको किसी थेरेपिस्ट से मिलने की सलाह दे सकती हैं।

यहां हैं वे पांच कारण, जो बेस्ट फ्रेंड को थेरेपिस्ट बनने से रोकता है (Best friend and Therapist)

1 दोस्त के लिए तटस्थ (Neutral Friend) रहना हो सकता है मुश्किल

आपकी बेस्ट फ्रेंड पूरी तरह नॉन जजमेंटल नहीं हो सकती है। उनके लिए तटस्थ रूप से समस्या का समाधान सुझाना आसान नहीं हो सकता है।क्योंकि उनका आपके साथ पर्सनल रिलेशनशिप रह चुका है।

आपकी फ्रेंड के लिए आपकी समस्या का समाधान निकालना मुश्किल हो सकता है। चित्र : शटर स्टॉक

भावनात्मक स्तर पर वे आपसे बहुत अधिक जुड़ी रह चुकी हैं।कोई भी बात या फैसला वे सिर्फ आपको ध्यान में रखकर बता सकती हैं। इससे उनकी बात एकतरफा हो सकती है।

2 थेरेपिस्ट फ्रेंडशिप (Friendship) के प्रभाव से मुक्त रहते हैं

थेरेपिस्ट आपका दोस्त नहीं होता है। इसलिए वह किसी भी तरह के फ्रेंडशिप के प्रभाव से मुक्त होगा। वह भावनाओं में बहकर कोई भी निर्णय नहीं लेगा। थेरेपिस्ट बेस्ट फ्रेंड की भावनाओं को ध्यान में रखकर नहीं, बल्कि आपके मेंटल हेल्थ के लिए जो सही होगा, उसे ही बताएगा।

3 बेस्ट फ्रेंड (Best Friend) को सपोर्ट की जरूरत पड़ सकती है

आप यदि किसी ख़ास समस्या से जूझ रही हैं। ऐसी स्थिति में किसी दूसरे की समस्या के बारे में सोचना या उसके बारे में बताना आपके लिए कठिन हो सकता है। संभव है कि आपके बेस्ट फ्रेंड को भी उसी समय कोई समस्या हो जाये। तब उनको भी आपके सपोर्ट की जरूरत पड़ सकती है। कठिन परिस्थिति में आपके लिए ऐसा करना काफी मुश्किल हो सकता है। आपकी दोस्त का आपसे एक्स्पेक्ट करना आपको अन रियलिस्टिक लग सकता है। वहीं थेरेपिस्ट को आपसे किसी भी प्रकार के भावनात्मक सपोर्ट की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि वह सिर्फ आपसे प्रोफेशनल फ्रंट पर जुड़ा हुआ है।

4 थेरेपिस्ट कुशल प्रशिक्षक (Trainer) होते हैं

थेरेपी में सिर्फ सामने वाले की बात ही नहीं सुनी जाती है, बल्कि मेंटल हेल्थ के अनुकूल समाधान भी बताया जाता है। ताकि व्यक्ति डिप्रेशन या एंग्जाइटी का शिकार न हो जाए। कुल मिलाकर थेरेपी एक प्रॉपर ट्रीटमेंट है। इसके लिए थेरेपिस्ट के पास पर्याप्त प्रशिक्षण और अनुभव दोनों होना चाहिए।

थेरेपी में सिर्फ सामने वाले की बात ही नहीं सुनी जाती है, बल्कि मेंटल हेल्थ के अनुकूल समाधान भी बताया जाता है। चित्र : शटरस्टॉक

सामने वाले की समस्या का हल किस तरह निकालना चाहिए, इसका उसे वैज्ञानिक तरीका पता होना चाहिए।

5 थेरेपिस्ट बनाते हैं व्यक्ति को सक्षम (Empower) 

थेरेपिस्ट आपको सिर्फ सलाह ही नहीं देंगे। वे आपको एम्पावर भी करेंगे। ताकि बीती बातों को भुलाकर आप अपने फैसले खुद लेने की क्षमता विकसित कर सकें।

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स्मिता सिंह

स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है। ...और पढ़ें

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