आध्यात्म या स्पिरिचुएलिटी सिर्फ एक नया प्रचलन नहीं है। इस शब्द के हर व्यक्ति के लिए अलग मायने होते हैं। आसान शब्दों में कहें, तो यह हमारे जीवन को एक बेहतर अर्थ देता है। कुछ लोगों का मानना है कि आध्यात्म धार्मिक है, लेकिन ऐसा नहीं है। आध्यात्मिक होना हर प्रकार के बंधनों से परे होना है।
जैसे अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना महत्वपूर्ण है, वैसे ही मानसिक स्वास्थ्य भी महत्वपूर्ण है। इस महामारी के कारण कई महीनों से हमारा मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ा है। जिसके कारण इस विषय पर चर्चा बढ़ी है। इस नकारात्मक समय में, अपने अंदर की शांति को बनाए रखना जरूरी है और आध्यात्म यही करता है।
सीनियर क्लीनिकल और चाइल्ड साइकोलोजिस्ट भावना बर्मी के अनुसार, आध्यात्मिक दर्शन मनुष्य की समस्या को खत्म करता है, सिर्फ लक्षणों को दूर नहीं करता।
वह बताती हैं, “यह खुद से बड़ी शक्ति को महसूस करने की प्रक्रिया है। अध्यात्म किसी व्यक्ति को जीवन को लेकर नए दर्शन प्रदान करता है, एक नया नजरिया देता है। यह मन और शरीर में स्वस्थ आदतों को बढ़ावा देता है। आप चाहें या नहीं, अध्यात्म आपको मानसिक और भावनात्मक शांति देता है।”
“अध्यात्म व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। इससे व्यक्ति को सुरक्षा और अपनेपन की अनुभूति होती है”, बताती हैं डॉ कामना छिब्बर, फोर्टिस ला फेमे की क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट।
यह विश्वास मनुष्य को जीवन में सकारात्मक बनाता है, खासकर बुरे समय में। यह व्यक्ति को समाज के करीब ला सकता है, या उन्हें खुद का सोशल सपोर्ट सिस्टम बनाने में मदद कर सकता है। जब जीवन में अर्थ और उद्देश्य मिलता है, तो सन्तुष्टि की भावना भी आती है।
आध्यात्मिक कार्य जैसे मेडिटेशन करने से व्यक्ति को आंतरिक शांति महसूस होती है। कई रिसर्च में पाया गया है कि मेडिटेशन मानसिक संतुलन बनाने में सहायक है और हृदय पर से दबाव कम करता है। कम शब्दों में समझें तो यह शरीर को अंदर से रिपेयर करता है।
मेडिटेशन और आध्यात्मिक दर्शन शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है। इससे आप किसी भी मुश्किल परिस्थिति से गुजरते वक्त नर्वस ब्रेकडाउन से बचते हैं। अध्यात्म एक बार में नहीं प्राप्त होता, इसके लिए समर्पित होना चाहिए।
“अध्यात्म एंड्रोफिन्स बनने को बढ़ावा देता है, चाहें आपके शरीर में कुछ भी हो रहा हो। यह आत्म निरीक्षण और आत्म सशक्तिकरण में भी सहयोगी है।”, कहती हैं डॉ बर्मी।
“अध्यात्म व्यक्ति के विकास पर केंद्रित होता है। यह किसी भी व्यक्ति को खुद को अपनाना सिखाता है, जिससे व्यक्ति खुद की कद्र करना सीखता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है।
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कस्टमाइज़ करेंअध्यात्म का अर्थ है बांटना और शेयर करना- जो आपको सभी के प्रति कृतज्ञ होना सिखाता है। अध्यात्म नकारात्मकता को खत्म करता है, प्रेम को बढ़ाता है और एक-दूसरे को अधिक करीब लाता है।
तो लेडीज, खुद को अध्यात्म से जोड़ें और खुद में सकारात्मक बदलाव देखें।
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