कभी-कभार मूड किसी का भी ऑफ हो सकता है, कोई भी लो फील कर सकता है, किसी को भी उदासी घेर सकती है। पर अगर यह दिन के ज्यादातर हिस्से में आपको घेरे रहते हैं, तो आपको संभल जाना चाहिए। हर समय उदास रहना मानसिक स्वास्थ्य में गिरावट का संकेत देता है।
मेंटल इलनेस या मानसिक स्वास्थ्य विकार ऐसी मानसिक स्थिति है जो व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। ये विकार किसी के भी मूड, सोच और व्यवहार को प्रभावित करते हैं। कुछ सामान्य मानसिक विकारों में चिंता, अवसाद, किसी खास चीज की लत, खाने के विकार (एनोरेक्सिया और बुलिमिया), और सिज़ोफ्रेनिया शामिल हैं। मेंटल इलनेस व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालती है और रोज़मर्रा के कार्यों में बाधा उत्पन्न करती है।
ज्यादातर मामलों में, मानसिक विकारों के लक्षणों को दवाओं और मनोचिकित्सा के साथ ठीक किया जा सकता है। मानसिक बीमारी आम है और हर पांच में से एक व्यक्ति को हो सकती है। इसलिए इस पर बात करना और बचाव के उपाय खोजना और भी जरूरी है।
रोज़मर्रा की जीवनशैली में हो रहे इन परिवर्तनों पर ध्यान दें ये लक्षण आपको समस्या की गंभीरता को समझने में मदद कर सकते हैं जैसे:
मानसिक रोग का सबसे आम लक्षण है उदास रहना। अगर आप बिना कसी ख़ास वजह के लंबे समय से उदास महसूस कर रही हैं तो यह चिंताजनक विषय है। इस पर ध्यान देने की ज़रुरत है। यदि आपकी जान-पहचान में कोई व्यक्ति काफी उदास रहता है, तो उससे बात करें क्योंकि हो सकता है कि वह किसी मेंटल इलनेस का शिकार हो।
यदि आप अपने दोस्तों, परिवार आदि से अलग रहने लगी हैं, तो यह मानसिक रोग का लक्षण हो सकता है। ऐसे में आपको जल्द-से-जल्द डॉक्टर से मिलकर अपना इलाज शुरू कराना चाहिए।
हालांकि, गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) या मासिक धर्म में मूड स्विंग होना स्वाभाविक है, जो कुछ समय के बाद अपने आप ठीक हो जाते हैं। मगर, जब यह समस्या अक्सर होने लगती है, तो यह मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने का समय है।
अजीब सा बर्ताव करना मानसिक रोग का आम लक्षण है। अचानक ख़ुशी और अचानक दुःख महसूस होना चिंता जनक विषय है। कुछ लोग अचानक से गुस्सा करने लगते हैं, तो ऐसा बर्ताव मेंटल इलनेस का लक्षण हो सकता है। इसलिए इसे बिल्कुल नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
ऐसा माना जाता है कि अगर घर में हर रोज़ लड़ाई- झगड़े होते हैं, तो इसका मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। गृह कलेश नकारात्मकता को बढ़ावा देती है और व्यक्ति के मन मस्तिष्क पर बुरा असर डालती है।
यह मानसिक रोग का सबसे आम कारण है। सिर पर चोट लगने से नर्वस सिस्टम प्रभावित हो सकता है, जिससे हॉर्मोन में बदलाव हो सकता है। इसी वजह से लोगो को दो पहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस दौरान सिर पर चोट लगने का खतरा ज्यादा होता है।
बचपन की घटनाओं का बच्चे के मन-मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ता है, जैसे मां- बाप का अलगाव, किसी प्रिय जन की मृत्यु, या कक्षा में फेल होना आदि। ऐसे में बच्चों का ख़ास ख्याल रखने की ज़रुरत होती है, क्योंकि ये बड़े होकर डर की भावना को उत्पन्न कर सकता है और व्यक्ति जीवन में आगे नहीं बढ़ पाता हैं।
अगर आप इन सभी बातों पर ध्यान दे रहे हैं तो मेंटल इलनेस से लड़ने और इससे पहचानने में मदद मिल सकती है
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