Coping with miscarriage : गर्भपात के बाद जानिए कैसे रखना है शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल

मिसकैरेज कई महिलाओं के लिए कई बार डिप्रेशन जैसी स्थिति पैदा कर देता है। जिससे उनके स्वास्थ्य पर गलत प्रभाव पड़ता है। ऐसे में फैमली की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है। इसलिए इस स्थिति के बारे में पूरे परिवार का संवेदनशील होना बहुत जरूरी है।
miscarriage se kaise karien deal
मिसकैरेज या गर्भपात के लिए बहुत से कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Updated: 20 Oct 2023, 10:06 am IST
  • 134

प्रेगनेंसी एक महिला के लिए काफी कठिन समय होता है। यह न सिर्फ उसके शरीर पर, बल्कि मन पर भी गहरा आघात करता है। इसके बाद शरीर में होने वाले बदलाव किसी को भी असहज कर सकते हैं। वहीं भावनात्मक चोट उन्हें तनाव या अवसाद में न डाल दे, इसके लिए परिवार का सपोर्टिव होना बहुत जरूरी है। अगर आपके परिवार में ऐसी कोई महिला है जो मिसकैरेज के बाद इस तरह के तनाव से गुजर रही है, तो जानिए आपको क्या करना है।

मिसकैरेज या गर्भपात एक महिला के आत्म-विश्वास को भी ठेस पहुंचाता है। मिसकैरेज के बाद महिलाएं कई तरह के नकारात्मक भावनाओं से ग्रसित हो जाती है। अगर किसी महिला का मिसकैरेज होता है, तो वो कई तरह की परिस्थितियों का सामना करती है जिसकी वजह से उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गलत असर पड़ता है।

देखा गया है कि कई महिलाओं में मिसकैरेज के बाद गुस्सा, निराशा बढ़ जाती है वो खुद से उम्मीद रखना छोड़ देती है। कई महिलाएं डिप्रेशन का शिकार भी हो जाती हैं। ये एक ऐसी स्थिति होती है जिसमें सबसे ज्यादा महिलाओं को अपने पार्टनर से इमोशनल सपोर्ट की जरूरत होती है।

ये भी पढ़े- मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहने में मदद करती हैं क्रिएटिव थेरेपी, जानें इनके बारे में सब कुछ

2019 में हुई एक स्टडी में ये पता चला है कि मिसकैरेज के बाद महिलाएं उच्च स्तर के पोस्टट्रॉमेटिक तनाव, डिप्रशन और एंगज़ाइटी का सामना करती हैं। ये चीजों समय के साथ कम होती है लेकिन डॉक्टरों के अनुसार 9 महीनों तक का समय लग सकता है।

miscarriage mei partner ko akele na chore
मिसकैरेज के बाद भावनात्मक रूप से ठीक होने में थोड़ा समय लग सकता है। चित्र शटरस्टॉक।

मिसकैरेज के बाद जानिए किस तरह रखना है शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल

1 सेल्फ केयर है बहुत जरूरी

न्यूट्रिशनिस्ट और वेलनेस एक्सपर्ट करिश्मा शाह के अनुसार मिसकैरेज के बाद उससे रिकवर करने के लिए आपको अपनी बॉडी की देखभाल करना बहुत जरूरी है। हाइड्रेशन, अच्छा पोषण, हल्का व्यायाम और नींद शरीर को हिल करने में मदद करेंगे। कुछ नई शारीरिक एक्टिविटी करने की कोशिश करें, जिससे आपको खुशी मिले। संभव हो तो ज्यादा से ज्यादा समय खुद की केयर करने में लगाएं।

पोल

ज्यादातर औरतें करवा चौथ व्रत रखती हैं, क्योंकि…

2 फैमिली मेंबर का सपोर्ट है बहुत जरूरी

पुरुष और महिलाओं के लिए अक्सर अलग-अलग परिस्थितियों से गुजरते है। कई बार पुरुषों को लगता है कि अपने पार्टनर से मिसकैरेज की बात न करें, क्योंकि उन्हें इससे दुख पहुंच सकता है। कई बार गलत संवाद या संवाद की कमी भी समस्या को बढ़ा सकती है। वहीं परिवार के अन्य सदस्यों को इस दौरान बहुत संतुलित होकर बर्ताव करना चाहिए। जिससे महिला को यह न लगे कि उसे चोट पहुंचाई जा रही है या उसे इग्नोर किया जा रहा है। खासतौर से पार्टनर का सपोर्ट बहुत जरूरी है।

ये भी पढ़े- Psychotherapy : लाइफ चेंजिंग साबित हो सकती है साइकोथेरेपी, जान लें कब कौन सी थेरेपी होगी मददगार

3 जितना समय लगता है उतना समय लें

स्टैनफोर्ड मेडिसिन चिल्ड्रन हेल्थ के अनुसार मिसकैरेज के बाद भावनात्मक रूप से ठीक होने में थोड़ा समय लग सकता है। शारीरिक रूप से किसी चीज को ठीक होने की तुलना में इसमें अक्सर अधिक समय लगता है। इसलिए जितना हो सके अपने आप को समय दे और आपको जितना समय लगता है उतना समय लें किसी चीज की जल्दबाजी न करें

4 सेक्सुअल एक्टिविटी से बचें

गर्भपात के ठीक बाद, गर्भाशय बहुत संवेदनशील होता है, इसलिए वह सलाह देती है कि जब तक रक्तस्राव बंद न हो जाए तब तक सेक्स से बचें। डॉक्टर मिसकैरेज के बाद 6 महीने तक इंटरकोर्स करने से बचें।

5 संवेदनशीलता दिखाएं

पुरुषों के साथ बच्चे के जन्म से पहले वो बंधन विकसित नहीं होता है जो एक मां के साथ होता है। यही कारण है कि जब गर्भावस्था की शुरुआत में बच्चे की मृत्यु हो जाती है तो पुरुष कम प्रभावित हो सकते हैं। ये मतभेद किसी के भी रिश्ते में तनाव पैदा कर सकते हैं। इसलिए पुरुषों के लिए भी यह जरूरी है कि वे पार्टनर के प्रति संवेदनशीलता से काम लें।

ये भी पढ़े- सिर्फ एक मुलाकात सब कुछ तय नहीं करती, पार्टनर चुनने से पहले इन 5 मुद्दों पर जरूर करें बात

  • 134
संबंधित विषय:
लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख