तनाव हम सभी की ज़िंदगी में है, कभी कम कभी ज्यादा। चिंता या तनाव बहुत आम बात है, लेकिन इसको अपने मानसिक स्वास्थ्य पर हावी नहीं होने देना चाहिए। अगर तनाव को मैनेज न किया जाए तो इमोशनल एक्सजॉशन (Emotional exhaustion) की स्थिति आ सकती है।
भावनात्मक थकान या इमोशनल एक्सजॉशन भी तनाव की तरह है, जो हर व्यक्ति पर अलग प्रभाव डालता है। इसके कारण भी अलग-अलग हो सकते हैं। नौकरी का प्रेशर, बुरे रिश्ते, आर्थिक तंगी, घर में किसी की मृत्यु जैसे कई कारण हो सकते हैं, जिनसे आपको भावनात्मक थकान महसूस होने लगती है।
हमने दिल्ली की जानी-मानी मनोवैज्ञानिक डॉ भावना बर्मी से भावनात्मक थकान के बारे में बात की।
1. दिन भर तनाव रहना
2. घर और काम के बीच संतुलन बिगड़ना
3. खुद का ख्या ल रखने में असमर्थता
4. छोटी-छोटी बातें भूल जाना
5. संयम न होना और हर बात पर चिड़चिड़ाना
6. हर वक्त थकान महसूस होना
7. काम करने की अनिच्छा और मोटिवेश की कमी
8. अकेले रहना और दूसरों के साथ समय बिताने से बचना
9. बहुत कम या बहुत ज्यादा खाना
10. सोने और उठने में समस्या
11. किसी तरह की भावना महसूस न कर पाना
12. आत्मसम्मान में कमी
डॉ बर्मी कहतीं हैं, “यह वक्त हम सभी के लिए मुश्किल है, हम तनाव में हैं और अपनों से दूर हैं। ऐसे में खुद को प्यार करना सबसे ज़रूरी है।”
एकदम से कोई भी बदलाव लाना सम्भव नहीं होता, धीरे-धीरे ही बदलाव आते हैं। इसलिए छोटे कदम उठाएं। आपकी समस्या का मुख्य कारण है तनाव, और हमें उस पर ही प्रहार करना है। आप इस स्थिति से निकलने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा ले सकती हैं।
अपने दोस्तों और प्रियजनों से बात करें। काम में मन नहीं लग रहा, तो कुछ वक्त की छुट्टी ले लें। अपने पसन्द की एक्टिविटी करें जैसे कोई किताब पढ़ना, आर्ट, डांस इत्यादि। अगर इससे भी बात न बने तो अपने डॉक्टर से मदद लेने में शर्म महसूस न करें।
डॉ. बर्मी कहती हैं,”ना कहना सीखें। दोस्तों से मदद मांगने में संकोच न करें। सेल्फ केयर का बेस्ट तरीका है- मुस्कुराएं, गहरी सांस लें और धीरे-धीरे सभी चिंताओं को जाने दें।”