Anxious attachment : जानिए क्या है रिलेशनशिप की यह स्थिति, जो आपकी मेंटल हेल्थ के लिए हो सकती है खतरनाक

किसी के साथ प्यार और लगाव होना बहुत सामान्य भावना है। यह भावना भविष्य में एक-दूसरे का सपोर्ट सिस्टम बनने का आधार बनती है। पर कुछ रिश्ते बिल्कुल एकतरफा होते हैं, जिनमें आप जरूरत से ज्यादा इन्वॉल्व होती हैं और उनकी सही पहचान नहीं कर पाती।
relationship ko nuksaan pahuncha skti hai relationship mei obsession
रिश्ते को नुकसान पहुंचा सकती हैं आपकी पार्टनर के लिए ऑब्सेशन। चित्र : शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Updated: 18 Oct 2023, 10:05 am IST
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आजकल के लोगों के लिए रिश्ते बनाना और उसे तोड़ना दोनों ही बेहद आसान हो गया है। लोग अपने रिश्ते को कैजुअल डेटिंग, कैजुअल रिलेशनशिप, सिचुएशन सिर्फ जैसे तमाम नाम देने लगे हैं। हालांकि, आप अपने रिश्ते को कोई भी नाम दें इससे फर्क नहीं पड़ता, परंतु हम रिश्ते में जिस प्रकार की प्रतिक्रिया करते है, उसका असर सीधा हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। वहीं कई कोई ऐसी रिलेशनशिप हैं जिनमें एक्सीयस अटैचमेंट देखने को मिलता है। हालांकि, इस प्रकार का अटैचमेंट व्यक्ति को किसी भी रिश्ते में हो सकता है, जैसे की मां-बाप, भाई बहन आदि। ज्यादातर यह स्थिति व्यक्ति को अपने पार्टनर के साथ महसूस होती है।

क्या आपको मालूम है एक्सीयस अटैचमेंट क्या होता है? आखिर कैसे समझें कि हमें अपने पार्टनर से एक्सीयस अटैचमेंट (Anxious attachment) है या नहीं? ऐसे सवाल आपके मन में आ रहे होंगे, परंतु चिंता न करें आपके इन सवालों का जवाब जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने तुलसी हेल्थकेयर, नई दिल्ली के सायकेट्री डिपार्मेंट के सीनियर कंसलटेंट, डॉ गोरव गुप्ता से बात की। एक्सपर्ट ने इस विषय पर कई महत्वपूर्ण बातें बताई हैं। तो चलिए जानते हैं एक्सीयस अटैचमेंट (Anxious attachment) के बारे में।

पहले समझें क्या है एंग्शियस अटैचमेंट

एक्सीयस अटैचमेंट यानी कि अधिक उत्सुक या चिंतित जुड़ाव जिसमें एक व्यक्ति अक्सर अपने पार्टनर में नजर आने वाले सभी रेड फ्लैग्स को नजरअंदाज करते हुए उनके साथ रिश्ते में बंधे रहने की कोशिश करते रहते हैं। रिश्ते में इस प्रकार का अटैचमेंट तब होता है जब व्यक्ति को अपने पार्टनर द्वारा छोड़ दिए जाने और वैल्यू न मिलने का एहसास होता है। पार्टनर को खोने के डर से व्यक्ति अपनी पसंद भूलकर पार्टनर की सभी पसंदीदा चीजों को अपनाना शुरू कर देते हैं। ऐसे रिश्ते में व्यक्ति तमाम परेशानियों के बाद भी खुद को खुश रखने की कोशिश करते हैं, साथ ही पार्टनर की तमाम गलतियों के बाद भी उनमें अच्छाइयां ढूंढते रहते हैं।

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वन साइडेड रिलेशनशिप होने पर संबंधों में दरार आ सकती है चित्र : एडोबी स्टॉक

एक्सपर्ट के अनुसार मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक लगाव का प्रकार जिसे चिंताजनक लगाव के रूप में जाना जाता है, जो अक्सर बचपन में शुरू होता है। यह प्रभावित करता है कि लोग वयस्क संबंधों में दूसरों के साथ कैसे बातचीत करते हैं।

जानिए एक्सीयस अटैचमेंट के संकेत

एक्सपर्ट के अनुसार मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक लगाव का प्रकार जिसे चिंताजनक लगाव के रूप में जाना जाता है, जो अक्सर बचपन में शुरू होता है। यह प्रभावित करता है कि लोग वयस्क संबंधों में दूसरों के साथ कैसे बातचीत करते हैं।

यहां जानें एक्सीयस अटैचमेंट के लक्षण –

1. खुदको बदलने की भावना

एक्सपर्ट में अनुसार जो लोग चिंताजनक लगाव का अनुभव करते हैं, वे अक्सर चिंता करते हैं कि उनके रिश्ते उन्हें छोड़ देंगे। इस स्थिति में व्यक्ति खुदमें लगातार बदलाव करता रहता है और आत्मसम्मान की कमी महसूस करने लगता है।

2. कभी अधिक प्रसन्नता तो कभी अधिक निराशा

अपने रिश्तों में, चिंतित लोग अक्सर अत्यधिक भावनात्मक उतार-चढ़ाव से गुजरते हैं। जब चीजें अच्छी चल रही हों, तो वे प्रसन्न महसूस कर सकते हैं, और जब थोड़ी सी समस्याएं आती हैं, तो वे वास्तव में बेहद परेशान हो जाते हैं। यह बदलाव उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है और वे बेहद परेशान हो जाते हैं।

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वन साइडेड रिलेशनशिप मैरिड लाइफ के लिए हार्मफुल साबित हो सकता है। चित्र:अडोबी स्टॉक

3. रिश्ते में हमेशा छोड़ दिए जाने का डर बना रहना

जो लोग चिंतित रहते हैं वे इस डर से अधिक पजेसिव और जेलस हो सकते हैं कि उनका साथी उन्हें किसी और के लिए छोड़ देगा। इसके परिणामस्वरूप वे मानसिक तौर पर अधिक परेशान रह सकते हैं, साथ ही सामने वाले व्यक्ति पर नजर रखने की कोशिश में खुद को परेशान करते रहते हैं।

4. बाउंड्री सेट करने में कठिनाई आना

चिंतित लोगों को अपने रिश्तों में अच्छी सीमाएं स्थापित करने में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। वे अपने साथी की जरूरतों को पूरा करने के लिए अक्सर अपनी जरूरत और चाहतों का त्याग कर देते हैं।

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5. संतुष्टि नहीं मिलती

एक्सीयस अटैचमेंट के दौरान व्यक्ति अपने मानसिक स्वास्थ्य के लिए अपने रिश्तों पर अत्यधिक निर्भर हो जाता है और ऐसे में उनके लिए खुद को खुश रखना या संतुष्ट महसूस करना मुश्किल हो सकता है। अपनी किसी भी परेशानी को सबसे पहले खुद से सुलझाने की कोशिश करें।

6. बार बार बात करने की इच्छा होना

एक्सीयस अटैचमेंट के दौरान व्यक्ति को अपने साथी के साथ लगातार संवाद करने की आवश्यकता महसूस हो सकती है। उन्हें अपने पार्टनर से थोड़ी थोड़ी देर पर बात करने का मन कर सकता है, चाहें उन्होंने क्यों न अपना पूरा दिन ही अपने पार्टनर के साथ बिताया हो।

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यह एक छोटे से मुद्दे या चिंता का संकेत हो सकता है जो तुरंत खतरे की घंटी नहीं है। चित्र : शटरस्टॉक।

जानें एक्सीयस अटैचमेंट होने पर व्यक्ति को क्या करना चाहिए

एक्सीयस अटैचमेंट की स्थिति में व्यक्ति अपने पार्टनर से ज्यादा खुद के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर लेता है। इस प्रकार के लगाओ को अवॉइड करने के लिए अपने खुशी के अन्य विकल्पों को तलाशें। देखें कि कौन सी चीज आपको अधिक खुशी दे सकती है, और आप किस चीज को करने में सहज हैं क्या करने के बाद प्रसन्न महसूस कर रही हैं।

यदि आपके पार्टनर आपकी बात नहीं सुन रहे, या आपको अटेंशन नहीं दे रहे हैं, तो अपने पार्टनर से चीजे शेयर करने की जगह ऐसे लोगों से बात करें जो आपकी बातों को सुनने समझने में दिलचस्पी रखते हो। डर से या दबाव में किसी भी व्यक्ति के साथ रहना आपके लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है।

नए लोगों से बातचीत करें और नई चीजें एक्सप्लोर करें, जिससे कि आपका मानसिक स्वास्थ्य पहले से काफी बेहतर होगा। उनसे नई चीजों पर चर्चा करें, उंसके बाद आपको किसी और के पीछे भागने की आवश्यकता नहीं होगी। सेल्व लव, सेल्फ वैल्यू और सेल्फ वर्थ समझना बेहद महत्वपूर्ण है।

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लेखक के बारे में

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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