खराब मूड को ठीक करने के लिए अक्सर लोगों को आउटिंग पर जाते या हंसते और खिलखिलाते हुए देखा जाता है। कभी आपने सुना है कि कुछ ऐसे फूडस भी है, जिन्हें खाने भर से आपका मूड चुटकी बजाते ठीक हो सकता है। इमोश्नल बैलेंस (Emotional balance) को मेंटेन करने वाले इन फूडस में विटामिन, मिनरल्स और कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यहां बताए जा रहे 4 फूड आइटम्स आपके स्विंग मूड को टैक्ल करने का काम आसान कर देंगे (foods to reduce mood swings) ।
हर दम थकान का महसूस होना
बार बार गुस्सा आना
नींद न आ पाना
चिड़चिड़ापन बढ़ जाना और हर बात पर रिएक्ट करना
उदासी से घिरे रहना
अन्य लोगों से दूरी बना लेना
हमें इस बात को समझना होगा कि हम जो भी खाते हैं, उसका प्रभाव हमारे मूड और माइंड पर नज़र आने लगता है। जानते हैं कि कैसे मूड को बेहतर कर सकते है हम अपनी डाईट से। बॉडी में बहुत सारे हार्मोन होते है जैसे सेरोटोनिन (serotonin) ऑसीटोसिन (Oxytocin), डोपामिन (Dopamine) जो असल में मूड एलिवेटर हार्मोन (Mood elevator hormone) होते हैं। आपको जब भी लगे कि आप तनाव में हैं या लो फीन कर रहे हैं। ऐसे में इन फूडस को ट्राई करना न भूलें।
फर्मेंटेशन खाद्य पदार्थों को प्रिजर्व करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक उपाय है। गुड बैक्टीरिया की नियंत्रित ग्रोथ के माध्यम से प्रिजर्व किए जाते हैं। हांलाकि पिछले कुछ दशकों में फर्मेंटिड फूड की डिमाण्ड बढ़ी है। अगर आप तनाव ग्रस्त है और अपने मूड को तरोताज़ा बनाना चाहते हैं, तो अपनी मील में इन फूड आइटम्स को ज़रूर जोड़ें। योगर्ट, दही, कीवी या कांजी जैसे खाद्य पदार्थ प्रोबायोटिक्स हैं जो गट हेल्थ को सुधारते हैं और मूड को ठीक करने में मदद करते हैं।
सुबह सुबह कॉफी का मग जब हाथ में हो, तो मूड अपने आप ठीक होने लगता है। दरअसल, कैफीन हमारे शरीर में मूड एलिवेटर हार्मोन यानि डोपामाइन को बढ़ाने का काम करता है। ये हमारे माइंड में मौजूद एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो आपकी उदासी को खुशी में बदलने लगता है।
जेएएमए इंटरनल मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, कॉफी हमारे मूड को रिलैक्स मोड पर ले आती है, जिससे उदासी धीरे धीरे दूर होने लगती है। मायो क्लीनिक के मुताबिक दिन में 4 बार से ज्यादा सेवन न करे। ब्लॉटिंग और नींद न आने की समस्या पैदा होने लगती है।
चॉकलेट हैप्पी हार्मोंन को स्टीम्यूलेट करने में मददगार साबित होता है। दरअसल, इसमें ट्रिप्टोफैन नामक कैमिकल होता है। इसे खाने के बाद शरीर में सेरोटोनिन हार्मोंन प्रोड्यूस होता है। इसे हैप्पी.हार्मोन कहा जाता है। जब तक बॉडी में सेरोटोनिन का लेवल हाई रहता है, तब तक कोई भी व्यक्ति खुश रहता है। इसकी मात्रा पीरियड्स और मेनोपॉज के वक्त भी घट जाती है। अगर शरीर में नियंत्रित रहती है, तो मूड स्विंग होने की संभावना कम होती है।
ब्लैकबेरी, ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी में पॉलीफेनोल्स की मात्रा पाई जाती है,जो फ्लेवोनोइड्स की एक कैटेगरी है। रिसर्च से पता चलता है कि इनको अपनी डाइट में शामिल करके माइंड से संबधित समस्याओं को सुलझाने में कारगर है। साथ ही मूड को भी ठीक रखते है। इसके अलावा इनमें मौजूद फ्लेवोनोइड्स विटामिन सी के साथ मिलकर काम करते हैं। ये फल कैंसर से भी हमें बचाने का काम करते हैं।
काम में मसरूफियत के चलते महिलाएं या तो व्यस्त रहती है या परेशान। खुद को तनाव भरे माहौल से बाहर निकालने के लिए उपर दी गई फूड आइटम्स के अलावा इन प्राकृतिक चीजों को भी अपने रूटीन में ज़रूर शामिल करें।
दिन में कुछ वक्त ध्यान की मुद्रा में बैठें
योग का सहारा लें और उसे रूटीन में शामिल करें
डेली डाइट का इम्प्रूव करें और उसे हेल्दी बनाएं
हर्बल चाय यानि ग्रीन टी, जिंजर या लेमन टी को दिन में दो बार ज़रूर पिएं।
वर्कआउट भी है ज़रूरी
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