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तनाव, अकेलापन और अवसाद सिगरेट स्मोकिंग से भी ज्यादा घातक हैं, जानिए क्या होता है आपकी सेहत पर इसका असर

अगर आप बहुत दिनों से अकेलापन या तनाव महसूस कर रहीं हैं, तो आपको इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए। क्योंकि ये कई और समस्याओं को ट्रिगर कर आपको उम्र से पहले बूढ़ा बना रहा है।
मानसिक ऊर्जा के अधिक इस्तेमाल से व्यक्ति हर वक्त खुद को परेशान महसूस करता है। चित्र : शटरस्टॉक
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बचपन से ही हमने एक कहावत सुनी है कि चिंता चिता के समान होती है। यानी यदि व्यक्ति को किसी चीज़ की सोच लग जाए या यूं कहें कि चिंता लग जाए, तो उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है। स्ट्रेस एक ऐसी चीज़ है जिसका अनुभव शायद हम सब ने कभी न कभी अपने निजी जीवन में ज़रूर किया होगा। इसी तरह जब जीवन में चिंता बढ़ने लगती है तो यह एंग्जाइटी या डिप्रेशन (Anxiety and Depression) का रूप ले लेती है, जो कि हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए तो घातक है ही, बल्कि हमारी उम्र भी घटा देता है।

जी हां… एक नए अध्ययन के मुताबिक डिप्रेशन, अकेलापन, हमेशा दुखी महसूस करना, यह सब चीज़ें हमारी एजिंग का कारण बन सकती हैं और समय से पहले हमें बूढ़ा (Aging) बना सकती हैं। किसी सिगरेट (Cigarette) से भी ज़्यादा।

जानिए इस डिप्रेशन और एजिंग से जुड़े इस अध्ययन में क्या सामने आया

एजिंग-यूएस जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, हर किसी की अपनी जन्मतिथि के आधार पर एक उम्र होती है (जिसे उनकी “क्रोनोलॉजिकल एज” के रूप में जाना जाता है – लेकिन उनकी एक “बायोलॉजिकल एज” भी होती है, जो शरीर के कार्यों की उम्र बढ़ने पर आधारित होती है। . किसी की “बायोलॉजिकल एज” जेनेटिक्स, जीवन शैली और अन्य कारकों से प्रभावित होती है। अध्ययनों ने पहले भी यह सुझाव दिया है कि जैविक आयु जितनी अधिक होगी, विभिन्न रोगों का जोखिम उतना ही अधिक होगा और मृत्यु का जोखिम भी।

आज ही स्मोकिंग छोड़े। चित्र:शटरस्टॉक

क्या रही अध्ययन की प्रक्रिया

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी और द चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग के शोधकर्ताओं ने चाइना हेल्थ एंड रिटायरमेंट लॉन्गिट्यूडिनल स्टडी (CHARLS) में 4,846 वयस्कों से एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर एक “एजिंग क्लॉक” बनाया। अध्ययन में कोलेस्ट्रॉल और ग्लूकोज के स्तर, प्रतिभागियों के लिंग और उनके रक्तचाप और बीएमआई जैसी जानकारी सहित 16 रक्त बायोमार्कर शामिल थे। तब टीम ने मॉडल द्वारा अनुमानित व्यक्तियों की क्रोनोलॉजिकल एज की तुलना उनकी वास्तविक एज से की।

अध्ययन के लेखक फेडर गल्किन ने कहा – “मनोवैज्ञानिक कारक, जैसे कि दुखी महसूस करना या अकेला होना, किसी की बायोलॉजिकल एज में 1.65 वर्ष तक जोड़ सकता है। “कुल मिलाकर, हमने देखा है कि उम्र बढ़ने की गति मनोवैज्ञानिक विशेषताओं के साथ जुड़ी हुई है। किसी की बायोलॉजिकल एज में हुई यह बढ़ोतरी, धूम्रपान के प्रभाव के बराबर है।

वे आगे कहते हैं “अपने मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य की देखभाल करना इसलिए भी ज़रूरी है क्योंकि यह आपकी एजिंग से जुड़ा है।”

अन्य कारक भी बन सकते हैं एजिंग का कारण

सिर्फ डिप्रेशन ही नहीं बल्कि अन्य मनोवैज्ञानिक कारक जैसे अकेलापन, निराशा, खराब नींद, खुश महसूस न करना और भय भी तेजी से उम्र बढ़ने का कारण बन सकता है। अध्ययन की एक और दिलचस्प खोज यह थी कि विवाहित होने से बायोलॉजिकल एज 7 महीने तक कम हो सकती है। जबकि धूम्रपान करने वालों के धूम्रपान न करने वालों की तुलना में 15 महीने बड़े होने की संभावना जताई जाती है।

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ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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