माइंड डाइट कम कर सकती है डिमेंशिया का जोखिम, जानिए क्या कहता है शोध

बढ़ती उम्र के साथ होने वाली डिमेंशिया की बीमारी आजकल आम हो गई है। पर शोध बताते हैं कि माइंड डाइट इसके जोखिम को कम कर सकती है।
Mind diet ka rakhe khayal
अपनी माइंड डाइट पर दें विशेष ध्यान। चित्र: शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Published: 17 Oct 2021, 08:00 am IST
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भारत में 40 लाख से अधिक लोगों को किसी न किसी प्रकार का डिमेंशिया हैं। अल्ज़ाइमर्स इसका प्रमुख प्रकार हैं। वर्तमान समय में यह रोग एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट बनता जा रहा है। यह बीमारी व्यक्ति के साथ उसके परिवार और दोस्तों के जीवन को भी बदलकर रख देती है। डिमेंशिया के आम लक्षणों में कमजोर याददाश्त तथा  सोचने और व्यवहार संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इसके लिए न कोई सरल जांच उपलब्ध है और न ही सरल इलाज। पर हाल ही में हुए एक शोध में सामने आया है कि माइंड डाइट डिमेंशिया के जोखिम को कम कर सकती है। 

सबसे पहले जानिए आखिर क्या है माइंड डाइट

MIND का मतलब मेडिटेरेनियन-डैश इंटरवेंशन फॉर न्यूरोडीजेनेरेटिव डिले है। इस आहार का उद्देश्य डिमेंशिया और अन्य मानसिक समस्याओं के जोखिमों को कम करने का है। इसके मेडिटेरेनियन और डैश (DASH) आहार हाई ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में भी  मदद करते हैं। कई विशेषज्ञ इन आहारों को श्रेष्ठ डाइट मानते हैं। शोधकर्ताओं ने विशेष रूप से डिमेंशिया से बचाव के लिए माइंड डाइट को बनाया है। 

Mind diet dementia ke jokhim ko kam karta hai
माइंड डाइट डिमेंशिया के जोखि को काम करता हैं। चित्र: शटरस्टॉक

उदाहरण के लिए, मेडिटेरेनियन-डैश आहार में बहुत सारे फल खाने की सलाह दी जाती है। फलों के सेवन का मस्तिष्क के बेहतर कार्य से कोई संबंध नहीं है, लेकिन जामुन (berries) खाने का है। यानी माइंड डाइट लोगों को जामुन खाने के लिए प्रोत्साहित करती है, लेकिन सामान्य रूप से फल खाने पर जोर नहीं देती।

माइंड डाइट और डिमेंशिया पर यह नया शोध 

अब तक आपको समझ आ गया होगा कि एक लंबा और स्वस्थ जीवन जीने के लिए पौष्टिक आहार बेहद जरूरी हैं। इसलिए वैज्ञानिक यह पता लगाना जारी रखते हैं कि आप जो खाते हैं उसका न केवल आपके शरीर पर बल्कि आपके दिमाग पर भी प्रभाव पड़ता है। यही कारण है कि माइंड डाइट को डिमेंशिया से बचाव के लिए एक प्रभावी विकल्प माना जाता हैं। 

जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज में प्रकाशित अध्ययन में 569 मृत लोगों को देखा गया। रश यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के शोधकर्ताओं ने उनके जीवन में देर से लिए गए संज्ञानात्मक निर्णयों पर उनके प्रदर्शन की तुलना उनके आहार के बारे में जानकारी के साथ-साथ उनकी मृत्यु के बाद की डेड बॉडी रिपोर्ट से की। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने माइंड डाइट का पालन किया, उन्होंने बेहतर संज्ञात्मक निर्णय लिए हैं। भले ही उनके लक्षण अल्ज़ाइमर्स की ओर इशारा कर रहे थे। 

इससे पता चलता है कि माइंड आहार वृद्ध लोगों के दिमाग को तेज रखने में मदद कर सकता है, भले ही उनका शरीर उनके खिलाफ काम करता हो।

Mind diet aapko rakhta hai khush
एक अच्छा माइंड डाइट आपको रखता हैं खुश। चित्र: शटरस्‍टॉक

द माइंड डाइट के बेस्ट सेलिंग लेखक मैगी मून ने कहा, “इस अध्ययन से पता चलता है कि आपका आहार आपके संज्ञात्मक निर्णयों को प्रभावित कर सकता हैं। यह डिमेंशिया के जोखिम को काम करता हैं। आपका आहार विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि दवाएं बेहतर काम नहीं करती हैं। यहां तक कि दवाओं के असर साइड एफ़ेक्ट से होने वाली संज्ञात्मक प्रभाव को भी कम करता हैं माइंड डाइट। “

इन 10 खाद्य पदार्थों को बनाएं अपनी माइंड डाइट का हिस्सा

इस आहार के लाभ के बारे में पता चलने के बाद हम बता रहें है कुछ ऐसे 10 खाद्य पदार्थ जो आपने माइंड डाइट का हिस्सा बन सकता हैं। 

1. हरी, पत्तेदार सब्जियां

हफ्ते में 6 से 8 बार इसका सेवन जरूर करें। इसमें केल, पालक, पका हुआ साग और सलाद शामिल कर सकते हैं।

2. अन्य सभी सब्जियां

कोशिश करें कि दिन में कम से कम एक बार हरी पत्तेदार सब्जियों के अलावा दूसरी सब्जी भी खाएं। बिना स्टार्च वाली सब्जियों का चुनाव करना सबसे अच्छा है क्योंकि इनमें बहुत कम कैलोरी के साथ बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं।

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सब्जियों का सेवन हैं माइंड के लिए फायदेमंद। चित्र-शटरस्टॉक।

3. जामुन

 सप्ताह में कम से कम दो बार जामुन खाएं। हालांकि शोध में केवल स्ट्रॉबेरी शामिल हैं, आपको अन्य जामुन जैसे ब्लूबेरी, रसभरी और ब्लैकबेरी का भी उनके एंटीऑक्सीडेंट लाभों के लिए सेवन करना चाहिए।

4. मेवे

कोशिश करें कि हर हफ्ते पांच बार नट्स का सेवन करें। इस डाइट में कोई विशेष नट का सेवन नहीं हैं, लेकिन ज्यादा पोषण तत्व पाने के लिए आप अलग-अलग प्रकार के नट्स का सेवन करें। 

5. जैतून का तेल

अपने मुख्य खाना पकाने के तेल के रूप में जैतून के तेल का प्रयोग करें। यह तेल आपके माइंड डाइट का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। 

6. साबुत अनाज

रोजाना कम से कम तीन बार साबुत अनाज खाने का लक्ष्य रखें। ओटमील, क्विनोआ, ब्राउन राइस, होल-व्हीट पास्ता और 100% होल-व्हीट ब्रेड जैसे साबुत अनाजों को चुनें।

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सबूत अनाज को बनाएं माइंड डाइट का हिस्सा। चित्र : शटरस्टॉक

7. मछली

सप्ताह में कम से कम एक बार मछली जरूर खाएं। ओमेगा -3 फैटी एसिड की उच्च मात्रा के लिए सैल्मन, सार्डिन, ट्राउट, टूना और मैकेरल जैसी फैटी मछली चुनना सबसे अच्छा है।

8. बीन्स

बीन्स को हर हफ्ते कम से कम चार बार खाने में शामिल करें। इसमें सभी बीन्स, दाल और सोयाबीन का सेवन कर सकते हैं। 

9. पॉल्ट्री

सप्ताह में कम से कम दो बार चिकन या रेड मीट खाने की कोशिश करें। ध्यान दें कि फ्राइड चिकन को माइंड डाइट में शामिल नहीं किया जाता है।

10. वाइन

प्रतिदिन एक गिलास से अधिक वाइन का सेवन न करें।  रेड और व्हाइट वाइन दोनों से दिमाग को फायदा हो सकता है। हालांकि, रेड वाइन में रेस्वेराट्रोल (resveratrol) नामक कम्पाउन्ड होता हैं जो अल्जाइमर रोग से बचाने में मदद कर सकता है।

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वाइन हेल्‍थ के लिए सीमित मात्रा में फायदा पहुंचाती है। चित्र : शटरस्‍टॉक

यदि आप प्रति सप्ताह के सर्विंग्स लक्ष्य को पूरा नहीं कर पाते हैं, तो माइंड आहार को पूरी तरह से न छोड़ें। शोध से पता चला है कि थोड़ा लेकिन नियमित माइंड डाइट का पालन करने से अल्जाइमर रोग का खतरा कम हो जाता है। 

तो लेडीज, बढ़ती उम्र के इस बीमारी से ना घबराएं और माइंड डाइट को अपने जीवनशैली का हिस्सा बनाएं! 

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