मन को तनावमुक्त करने का सबसे बढ़िया जरिया है संगीत। आप तनाव में हो सकते हैं या किसी कारणवश एंग्जायटी के शिकार हो सकते हैं। संगीत को अक्सर वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में देखा जाता है। सामाजिक, भावनात्मक या व्यवहार संबंधी कठिनाइयों का अनुभव करने वाले लोगों खासकर युवाओं के लिए इसे एक प्रभावी चिकित्सा के रूप में माना जाता है। मन और माइंड, इन दोनों समस्याओं से राहत दिलाने में मदद कर सकता है संगीत (music therapy benefits)। रिसर्च भी इसी ओर इशारा करते हैं।
जर्नल ऑफ़ एडवांस लर्निंग जर्नल में सैम पोर्टर, वैलेरी होम्स, कैटरीना मैकलॉघलिन, फियोना लिन आदि के संगीत पर शोध आलेख प्रकाशित हुए। इसमें मेंटल हेल्थ की समस्याओं से जूझ रहे लोगों पर संगीत के प्रभाव का क्लिनिकल अद्ध्यन किया गया। इसमें यह समझने की कोशिश की गई कि क्या सामाजिक, भावनात्मक या व्यवहारिक समस्याओं का सामना कर रहे युवा लोगों के लिए संगीत चिकित्सा का काम कर सकता है? क्या यह संचार और बातचीत कौशल में नैदानिक रूप से महत्वपूर्ण सुधार कर सकती है।
इस ट्रायल में 200 लोगों को शामिल किया गया। इनमें 8-16 वर्ष के बच्चे और उनके माता-पिता को शामिल किया गया। संगीत चिकित्सा सत्र के 1 और 13 सप्ताह बाद डेटा एकत्र किया गया। स्टडी के निष्कर्ष में म्यूजिक थेरेपी के कारण पहले की स्थिति में कुछ हद तक सुधार पाया गया। म्यूजिक थेरेपी लेने के बाद सामाजिक स्तर पर उनकी कम्युनिकेशन कैपबिलिटी बढ़ गई।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ योग में भारत के शोधकर्ता इंदिरा तुमुलुरी, शांतला हेगड़े और एचआर नागेंद्र के शोध आलेख प्रकाशित हुए। इसमें फोकस्ड अटेंशन, वर्किंग मेमोरी और टाइप 2 डायबिटीज के कारण हुए तनाव पर संगीत थेरेपी के प्रभाव को मापा गया।
इसमें उन प्रतिभागियों को शामिल किया गया, जिनमें डायबिटीज मेलेटस टाइप 2 के लक्षण थे। उनमें कॉग्नीटिव लॉस की सूचना दी गई थी। शोध से पता चला कि संगीत-आधारित इंटरवेंशन न केवल हाइपरग्लेसेमिया को कम करने में मदद की, बल्कि संज्ञानात्मक कार्यों के साथ-साथ तनाव को भी घटाने में मदद किया। डायबिटीज मेलेटस टाइप 2 से ग्रस्त प्रतिभागियों के साथ बीस सत्रों की म्यूजिक थेरेपी दी गई थी। परिणाम को मापने के लिए सीरम कोर्टिसोल, स्ट्रेस लेवल परीक्षणों का उपयोग किया गया।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ योग के अध्ययन में म्यूजिक थेरेपी के मेमोरी और कंसंट्रेशन पर प्रभाव को समझने की कोशिश की गई और ध्यान केंद्रित किया गया। यह पाया गया कि सक्रिय संगीत चिकित्सा पैसिव यानी निष्क्रिय रूप से सुनने की तुलना में अधिक फायदेमंद है। गायन ने बच्चों के कार्य करने की क्षमता में सुधार किया। उनमें न सिर्फ किसी भी काम के प्रति अटेंशन बढ़ा, बल्कि मेमोरी पॉवर में भी सुधार देखा गया। संगीत चिकित्सा के रूप में विशेष रूप से जब प्रतिभागियों को नया गाना सिखाया गया या कोई नया वाद्य यंत्र बजाना सिखाया गया, तो उनकी एकाग्रता बढ़े हुए रूप में दर्ज की गई।
फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार म्यूजिक कुछ हद तक डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार लाने में भी मदद करता है। यहां भी पैसिव की बजाय प्रतिभागियों को एक्टिव म्यूजिक से जोड़ा गया।
हालांकि अभी तक इस ओर कम ही रिसर्च हो पाए हैं। इसलिए इस स्टडी में 1,810 प्रतिभागियों के साथ 28 अध्ययनों का एक साथ समावेश कर मानदंडों को पूरा किया गया। इसके आधार पर निष्कर्ष निकाला गया।
निष्क्रिय संगीत सुनने (सीडी या लाइव संगीत से रिकॉर्ड) और सक्रिय गायन, वादन, या उपकरणों के साथ म्यूजिक थेरेपी ली गई। सक्रिय गायन, वादन, या किसी भी उपकरण के साथ म्यूजिक क्रिएट करने वाले लोगों में अवसाद के लक्षणों में कमी देखी गई।
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