घर और ऑफिस का वर्क प्रेशर एंग्जायटी को बढ़ा देता है। इसके कारण और भी कई समस्याएं हो सकती हैं। इसके लिए कई तरह के उपचार भी उपलब्ध हैं। पर उपचार कराने से पहले इसके कारण को जानना होगा। शोध और रिसर्च बताते हैं कि हमारा खान-पान भी एंग्जायटी बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। कई पोषक तत्वों की कमी एंग्जायटी को ट्रिगर कर देता है। एंग्जाइटी यानी चिंता को प्रबंधित करने में आहार महत्वपूर्ण भूमिका (food to prevent anxiety) निभा सकते हैं।
हार्वर्ड हेल्थ के शोध आलेख बताते हैं कि संतुलित आहार, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने, किसी भी तरह के नशे से बचने पर एंग्जायटी भी दूर रह सकती है। दरअसल खान-पान की गड़बड़ियों के कारण जटिल कार्बोहाइड्रेट का जल्दी मेटाबोलिज्म हो जाता है, जो ब्लड शुगर लेवल को भी बढ़ा देता है। सही ढंग से खान-पान होने से कार्बोहाइड्रेट का चयापचय (Carbohydrate Metabolism) धीरे-धीरे होता है। इससे ब्लड शुगर लेवल को बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे दिमाग भी शांत हो पाता है।
चूहों पर किये गये रिसर्च में पाया गया कि जिन खाद्य पदार्थों में मैगनीशियम की कमी थी, उनके सेवन से एंग्जाइटी(Anxiety) का जोखिम ज्यादा था। आहार में मैगनीसियम से कमी वाले खाद्य पदार्थ एंग्जायटी से संबंधित परेशानियों को बढाने में सक्षम पाए गये। इसलिए अपने आहार में मैगनीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें। फलियां, नट्स, सीड्स, साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां पालक, केल, ब्रोकली आदि को डाइट में शामिल करें।
यदि आप अंडे नहीं खा पाती हैं, तो अब से एक अंडे रोज खाना शुरू कर दें। अंडे की जर्दी में जिंक होता है, जो एंग्जायटी को कंट्रोल करने में मददगार होता है। इसके अलावा लीवर, बीफ, ओएस्टर में भी जिंक पाया जाता है, जो एंग्जायटी को कंट्रोल करने में सक्षम होता है।
नुट्रीएंट्स जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार एंग्जायटी से पीड़ित स्टूडेंट पर स्टडी की गई। एंग्जाइटी से पीड़ित स्टूडेंट को जब ओमेगा 3 फैटी एसिड दिया गया, तो उनका एंग्जाइटी लेवल घटा हुआ पाया गया। यह सी फ़ूड खासकर सालमन(Salmon), सार्डीन आदि मछलियों में पाया जाता है।
यदि आप प्लांट बेस्ड फ़ूड (Plant Based Foods) खाती हैं, तो आलमंड, वालनट जैसे नट्स को अपनी चिंता कम करने के लिए ले सकती हैं। साथ ही अलसी के बीज (Flex Seeds), चिया सीड्स(Chia seeds) आदि को भी लिया जा सकता है। इन सीड्स से न सिर्फ एंग्जाइटी, बल्कि डिप्रेशन(Depression) भी घटता है।
शतावरी को उपयोग सब्जी के रूप में खूब किया जाता है। जर्नल ऑफ़ इम्यूनोलोजी रिसर्च में प्रकाशित शोध के अनुसार, शतावरी में न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण पाए जाते हैं। इनमें एंटी एंग्जायटी गुण भी होता है। इसलिए चीन में एंटी एंग्जाइटी एजेंट के रूप में शतावरी को प्राकृतिक कार्यात्मक खाद्य और पेय पदार्थ के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके लिए शतावरी के अर्क का उपयोग किया जाता है।
हार्वर्ड हेल्थ शोध आलेख के अनुसार फील गुड खाद्य पदार्थ है एवोकाडो और बादाम। दोनों विटामिन बी से भरपूर खाद्य पदार्थ हैं। ये सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर की रिहाई को प्रेरित करते हैं। ये एंग्जायटी के प्रबंधन में भी कारगर और सुरक्षित हैं।
हार्वर्ड हेल्थ शोध आलेख के अनुसार, कम एंटीऑक्सीडेंट के कारण एंग्जाइटी बढ़ सकती है। एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने से चिंता विकारों के लक्षण को कम करने में मदद मिल सकती है। 2010 में हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में भोजन में 3000 से अधिक खाद्य पदार्थों को शामिल किया गया। इसमें मसालों, जड़ी-बूटियों, पेय पदार्थों और सप्लीमेंट्स को शामिल किया गया और एंटीऑक्सीडेंट सामग्री की समीक्षा की गई।
निष्कर्ष में पाया गया कि काले, लाल किडनी जैसे बीन्स और सेब, प्रून, चेरी, प्लम, ब्लैक प्लम जैसे फल एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर हैं। वहीं ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी, क्रैनबेरी, रास्पबेरी, ब्लूबेरी जैसे बेरीज एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर पाए गये।
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कस्टमाइज़ करेंड्राई फ्रूट्स जैसे कि अखरोट, बादाम, केल, पालक, चुकंदर, ब्रोकोली जैसी हरी सब्जियां भी एंटीऑक्सिडेंट और एंग्जाइटी विरोधी गुण वाले माने गये। करक्यूमिन युक्त हल्दी और अदरक जैसे मसाले भी एंटीऑक्सिडेंट गुणों से भरे होते हैं। इनका प्रयोग एंटी एंग्जाइटी फ़ूड के तौर पर किया जा सकता है।
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