scorecardresearch facebook

एक सीनियर डॉक्टर बता रहे हैं, क्यों जरूरी है अपने डॉक्टर के प्रति सहानुभूति रखना

डॉक्टरों को हम बड़ी-बड़ी उपमाएं, उपाधियों से नवाजते हैं, लेकिन जरा सी तबियत बिगड़ी नहीं कि बहुत से लोग हाथापाई पर भी उतर आते हैं। एक अनुभवी डॉक्टर बयां कर रहे हैं कि इस सब पर उन्हें कैसा महसूस होता है।
अपने डॉक्टर के प्रति थोड़ी सी सहानुभूति भी रखें। चित्र : शटरस्टॉक
अपने डॉक्टर के प्रति थोड़ी सी सहानुभूति भी रखें। चित्र : शटरस्टॉक
Written by: Dr. S.S. Moudgil
Updated On: 15 Nov 2023, 12:33 pm IST

डॉक्टर न तो भगवान है, न राक्षस, न ज्योतिषी, न ही सुपरमैन है। वह बेचारा एक ऐसी मशीन का मैकेनिक है जिस मशीन के मैनुफैक्चरर का अता पता न उसे है न आपको है। न ही वह मैन्युफैक्चरर इसके स्पेयर पार्ट बनाता, सप्लाई करता है। गारन्टी- वारंटी तो दूर की बात है। बड़ी बात ये कि मैन्युफैक्चरर इस मशीन का मैन्युअल भी नहीं देता और न ही मैन्युअल सर्वज्ञानी गूगल बाबा पर उपलब्ध है।

हम बेचारे मैकेनिक यानी डॉक्टर की पीढ़ी दर पीढ़ी हजारों साल से इस मशीन के हर पुर्जे को समझने, परखने उसे ठीक करने में लगी हुई है। मगर कुदरत भी हर रोज नई चुनौतियां पैदा कर देती है । हम डॉक्टर एक गड़बड़ी या रोग का निदान उपचार बचाव के तरीके ढूंढते हैं, यह नया उत्पात बिना पूर्व सूचना के भेज कर भेजा खराब कर देता है।

मर्ज है, तो इलाज भी ढूंढ ही लेंगे 

अभी देखिए कोविड यानी कोरोना का नव संस्करण कोविड 19 उतार दिया मैदान में । वह पट्ठा किंगकोंग बना ताल ठोक रहा है हम खुद को व जनता को बचाने में लगे हैं । ऐसा नहीं है कि हम डॉक्टरों ने हार मान ली है। हमने भी अनेक व्याधियों को काबू किया है, नेस्तोनाबूद किया है दोस्तो। चेचक, पोलियो अब इस धरा से लगभग गायब हैं। टिटनेस, गलघोंटू, खसरे को लगाम डाल दी है हमने। टीबी,कोढ़,प्लेग जान लेवा बीमारियों की लगाम कसने हेतु दवाएं ढूंढ ली हैं।

मर्ज है तो उपचार ढूंढ ही लेंगे। चित्र: शटरस्टॉक
मर्ज है तो उपचार ढूंढ ही लेंगे। चित्र: शटरस्टॉक

हृदय की धमनियों की रुकावट हेतु बाई पास बना लिए | हमने खराब नाकाबिले उपयोग मशीनों से स्पेयर पार्ट प्राप्त कर बिगड़ी मशीनों में फिट करना शुरू कर दिया है। हमारे बाप, दादा, लक्कड़ दादा आदि `हम होंगे कामयाब ` गुनगुनाते गुनगुनाते नित नई खोज करते रहे हैं । खोट या बीमारी ढूंढने हेतु अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन, एमआरआई जैसे उपकरण बनाए, वहीं कम खून खराबे हेतु एंडो स्कोपिक व रोबोटिक सर्जरी उपकरण भी बनाए गए।

समय के साथ बदल रहे हैं डॉक्टर 

अब तो दूर दराज इलाकों में रहने वाले मरीजों के उपचार हेतु टेली मेडिसन का प्रयोग आरम्भ कर दिया है। दुःख यह भी है कि आज तक कोई हमारा कद्रदान पैदा नहीं हुआ । अश्विनी कुमारों से आरम्भ हो कर लुकमान हकीम, हिपोक्रेट्स, सुश्रुत, चरक जैसे हमारे नामी-गिरामी पुरखे न तो नोबेल प्राइज के काबिल समझे गए, न ही भारत सरकार ने इन्हें भारत रत्न तो क्या कोई चिकित्सा रत्न ही प्रदान किया | हमारे गुणों, हमारे दुःख-दर्द के प्रति आप आमजन भी जानते हुए अनजान बने रहते हैं।

आप जानते हैं कि जब आप बीमार होकर हमारे घर की घंटी बजाते हैं, तो अनेक बार हम अपने परिवार और भावनात्मक व्यस्तताओं को त्यागकर आपकी सेवा में पहुंच जाते हैं। कितनी बार हम आपके लिए अपने बच्चों की पीटीएम में नहीं पहुंचे | उस वक्त हमारे बच्चे व पत्नी के मन के हालात समझें और फिर जब हम गुनहगार बन घर पहुंचते हैं, तब के सीन को समझें ।

ऑनलाइन सपोर्ट भी इन दिनों बहूत काम आ सकता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

दोस्तों जब आपके किसी परिजन या प्रियजन की मृत्यु होती है या किसी दूर के रिश्तेदार की मौत होती है, तब क्या हाल होता है आप जानते हैं ना? हम भी पत्थर दिल लेकर पैदा नहीं होते। हम रोज अपने मरीज के स्वस्थ होने की कामना करते है। किसी अपने की मृत्यु पर हमें दोषी ठहराने या मारपीट पर उतरने से पहले एक बार शांत मन से सोचिये तो |

Pollपोल
स्ट्रेस से उबरने का आपका अपना क्विक फॉर्मूला क्या है?

मास्क, वायरस और हमारी सेहत 

जी दोस्तों अभी इस कोरोना काल में आपने कुछ दिन मास्क पहना है, और आप कष्ट में महसूस कर रहे हैं। मगर हम पूरी जिन्दगी मास्क पहनते हैं। आप सिर्फ एक दिन पीपीई किट पहन कर देखें, जिसे हमें अक्सर सर्जरी या गंभीर रोगों के उपचार के दौरान पहनना ही पड़ता है।

महंगी फीस, कमीशन, मनमाने टेस्ट, हम पर बहुत से आरोप लगते रहे हैं। मगर ये एक बड़ा तंत्र है, जिसमें बहुत से लोग शामिल होते हैं। जबकि ठीकरा बस डॉक्टर के सिर फोड़ दिया जाता है। हम आपको डॉक्टरों और स्वास्थ्य जगत पर अंधा विश्वास करने के लिए नहीं कहते।

आप स्वतंत्र हैं अपने लिए अच्छे से अच्छा डॉक्टर चुनने को। मगर जिसे चुनें उस पर भरोसा और थोड़ी सी सहानुभूति भी रखें। क्योंकि वह वो सब नहीं है, जो आप सोच रहे हैं। वह सिर्फ डॉक्टर है।
यह भी पढ़ें – जब मैंने सेक्सोलॉजिस्ट बनने का फैसला किया, मेरी सहेलियों ने भी मुझसे बात करना छोड़ दिया था

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
संबंधित विषय:
लेखक के बारे में
Dr. S.S. Moudgil
Dr. S.S. Moudgil

Dr. S.S. Moudgil is senior physician M.B;B.S. FCGP. DTD. Former president Indian Medical Association Haryana State.

अगला लेख