न ऑफिस के काम में 100 प्रतिशत नहीं दे पा रहे हैं, न रिश्तों के लिए भी समय बच रहा और खुद की शारीरिक और मानसिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं है। जीवन की कोई दिशा ही निर्धारित नहीं है। तनाव और अवसाद (Stress) का शिकार हो रहे हैं, तो ये संकेत है कि आपका जीवन अव्यवस्थित है। अनऑर्गनाइज्ड लाइफ (Unorganized life) या अव्यवस्थित जीवन आपको कभी भी सफलता की सीढ़ियां चढ़ने नहीं देगा। साथ ही यह आपकी मेंटल हेल्थ, रिलेशनशिप और इमेज को भी नुकसान पहुंचा सकता है। यहां हम एक लाइफ कोच से बात करके साझा कर रहे हैं ऐसे उपाय (Simple way to organize life) जो आपकी लाइफ को ऑर्गनाइज (How to organize your life) करने में मददगार हो सकते हैं।
डॉ. गीता शर्मा, लाइफ और रिलेशनशिप कोच हैं और वे पिछले 20 वर्षों से DGS counselling solutions के माध्यम से लोगों को जीवन के बारे में सलाह-मशविरा देती हैं। जीवन को व्यवस्थित करने के बारे में डॉ. गीता शर्मा कहती हैं “व्यवस्थित जीवन आपको बेहतर इंसान बनने में और अपने सपनों को साकार करने में मदद करता है। यह आपके विचारों को दिशा प्रदान कर के क्रिएटिविटी बढाता है।”
वो आगे बताती हैं एक संतुलित जीवन के लिए शारीरिक और मानसिक दोनों ही रूप से स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। मानसिक शांति के लिए मन में कृतज्ञता का भाव होना आवश्यक है, जो आपको जीवन के प्रति संतुलित और समझदार दृष्टिकोण रखने में मदद करता है और नकारात्मकता को दूर करता है।
वहीं शारीरिक स्वास्थ्य के बारे में वे कहती हैं, “अच्छी डाइट फाॅलो करना सबसे ज्यादा लाभदायक सिद्ध होता है। आज के समय में सोशल नेटवर्किंग (social networking) बहुत जरूरी हो गई है, जिससे आपको बाहर जाने का मौका मिलता है। साथ ही, एक उचित शेड्यूल बनाना भी आवश्यक है। एक अच्छा शेड्यूल वह होता है जो आपको व्यस्त नहीं रखता बल्कि आपको हर चीज के लिए उचित समय देता है।
अगर आपके काम की वजह से आपका जीवन बहुत अनिश्चित हो गया है, तो रात और सुबह की दिनचर्या को ठीक से सेट करें। वीकेंड पर डिक्लटरिंग (decluttering during weekend) और संगठन जैसी गतिविधियाँ करें, जो अगले सप्ताह में आपको बेहतर उत्पादकता प्राप्त करने में मदद करेंगी।उन्होंने ट्रैवलिंग को इसके लिए काफी मददगार बताया।”
अव्यवस्थित जीवन से काम के बोझ और जिम्मेदारियों की अदायगी में कठिनाई हो सकती है, जिससे तनाव और चिंता बढ़ सकते हैं। आप अपने कार्यक्षेत्र में कुशलतापूर्वक परफार्म नहीं कर पाते है न ही व्यक्तिगत जीवन का आनंद ले पाते हैं।
यह आपकी फोकस करने की क्षमता पर भी असर डालता है।यह उलझन, हताशा, और चिड़चिड़ापन की भावनाएँ उत्पन्न कर सकता है। इसके अलावा, यह आपको अभिभूत भी महसूस करवा सकता है।
बिना योजना के काम करने से समय की बर्बादी होती है और जरूरी काम समय पर पूरे नहीं हो पाते। यह प्रोकास्टीनेशन की आदत को जन्म देता है।यह एक ऐसे जाल का निर्माण कर सकता है जिसमें और अधिक अव्यवस्था बढ़ती जाती है और उत्पादकता में कमी आती है।
मानसिक तनाव और अनियंत्रित दिनचर्या से शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित हो सकता है, जैसे कि नींद की कमी, खराब खानपान और व्यायाम की कमी।लोग अव्यवस्था से अभिभूत महसूस करने की भरपाई करने के लिए अधिक और अनहेल्दी खाना खा सकते हैं, जो मोटापे और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है।
अव्यवस्थित जीवन से अक्सर असफलता या अधूरी प्राथमिकताओं की भावना पैदा होती है, जो आत्मसंतोष की कमी का कारण बन सकती है।अव्यवस्था आपको अयोग्य या शर्मिंदा महसूस करवा सकती है। इससे आप अपना 100 प्रतिशत नहीं दे पाते है और अपनी ही परफार्मेंस से संतुष्ट नही हो पाते हैं।
अनियमित जीवनशैली से परिवार और दोस्तों के साथ संबंध प्रभावित हो सकते हैं, क्योंकि आप उनकी ज़रूरतों और समय पर ध्यान नहीं दे पाते। अव्यवस्था केवल भौतिक नहीं होती; यह मनोवैज्ञानिक भी होती है। अव्यवस्थित स्थान में रहना तनाव स्तर को काफी बढ़ा सकता है। यह तनाव आपके रिश्ते को प्रभावित कर सकता है, जिससे घर पर साथ समय बिताना मुश्किल हो जाता है।
बिना स्पष्ट योजना और लक्ष्य के, अपनी इच्छाओं और सपनों को पूरा करना कठिन हो सकता है।जब कई चीजों पर एक साथ ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करी जाती है, तो महत्वपूर्ण कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है। अव्यवस्था के बीच रहना आपके मस्तिष्क के लिए ध्यान केंद्रित करना कठिन बना देता है और लक्ष्य प्राप्त करने मे बाधा उत्पन्न करता है।
लाइफ को ऑर्गनाइज (how to organize your life) करने के लिए अपने छोटे और बड़े लक्ष्य स्पष्ट रूप से निर्धारित करें। इससे आपको दिशा मिलेगी और आप अपनी प्राथमिकताओं को समझ सकेंगे।लक्ष्य जीवन को एक उद्देश्य और दिशा प्रदान करते हैं, जो आपको चुनौतियों की पूर्वानुमान और तैयारी में मदद करते हैं। जब आप स्पष्ट होते हैं कि आप क्या प्राप्त करना चाहते हैं, तो लक्ष्य प्राप्त करना आसान हो जाता है।लक्ष्य को छोटे हिस्सों में विभाजित करें,समय सीमा निर्धारित करें और स्वयं को इनाम दें।
एक दैनिक या साप्ताहिक शेड्यूल बनाएं जिसमें सभी महत्वपूर्ण कार्यों और जिम्मेदारियों को शामिल करें। टाइम टेबल के अनुसार काम करें और समय की पाबंदी रखें।यह आपको अधिक समझदारी से काम करने की अनुमति देता है, कठिनाई से नहीं, जिससे उत्पादकता बढ़ती है और तनाव कम होता है।
दैनिक, साप्ताहिक, और मासिक कार्यों की सूचियां बनाएं। इससे आप अपनी प्रगति को ट्रैक कर सकेंगे और कुछ भी छूटने की संभावना कम होगी। अपने सभी कार्यों के लिए रिमाइंडर सेट करें, एक दैनिक प्लानर बनाएं, प्रत्येक कार्य के लिए एक समय सीमा निर्धारित करें, डिस्ट्रैक्शन को ब्लॉक करें, रूटीन स्थापित करें। ये सभी तरीके आपकी लाइफ को ऑर्गनाइज (how to organize your life) करने में मददगार हो सकते हैं।
महत्वपूर्ण कार्यों को प्राथमिकता दें और कम महत्वपूर्ण कार्यों को बाद में पूरा करें। इससे आपके समय और ऊर्जा का बेहतर उपयोग होगा।प्राथमिकता निर्धारित करने से अधिक उत्पादक बनाने में मदद मिलती है और जो कार्य सच में महत्वपूर्ण हैं वे समय से पूरे होते हैं।
कैलेंडर, टू-डू लिस्ट, और प्लानर का उपयोग करें। डिजिटल एप्लिकेशन भी मददगार हो सकते हैं। इसके लिए ऑनलाइन कैलेंडर्स, नोट्स और एप्स का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
लाइफ को ऑर्गनाइज (how to organize your life) करने के लिए एक सही लाइफस्टाइल अपनाना सबसे ज्यादा जरूरी है। इसमें नियमित नींद, संतुलित आहार, और नियमित व्यायाम सभी कुछ शामिल है। जो आपकी शारीरिक और मानसिक स्थिति को बेहतर बनाए रखेंगे।
एक व्यवस्थित जीवन के लिए बहुत ज़रूरी है कि आप शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह से स्वस्थ हों।इसके साथ ही, अपनी त्वचा और सौंदर्य का भी ध्यान रखें। कहा गया है कि यदि आप अच्छा महसूस करते हैं, तो आप अच्छा काम भी करते हैं। हमारी बाहरी वेशभूषा का हमारे मन पर गहरा असर पड़ता है।
अगर आपको लगता है कि आप अपने आप को भूलकर सिर्फ परिवार और काम पर ध्यान देंगे तो सफलता जल्दी पा लेंगे, तो आप बिल्कुल गलत हैं। असल में खुद पर ध्यान देना लाइफ को ऑर्गनाइज (how to organize your life) करने का पहला कदम है।
खुद की देखभाल और आराम के लिए समय निकालें। यह आपके मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। खुद के लिए समय निकालना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे आप तरोताजा और ऊर्जावान महसूस करेंगे। जब आप खुद के लिए समय अपनाते हैं, तो आपके मस्तिष्क को रीबूट करने का समय मिलता है, एकाग्रता में सुधार होता है और उत्पादकता बढ़ती है। आप बेहतर नींद पाएंगे और कम थका हुआ और तनावमुक्त महसूस करेंगे।
जो आदतें आपके जीवन को असंगठित बनाती हैं, उन्हें बदलने की कोशिश करें।जैसे – बाहर कुछ भी खाने की बजाय घर से कुछ खाकर ही निकलें। अपने साथ खाने का टिफिन रखें और अगर बाहर कुछ लेना पड़े, तो स्वस्थ विकल्प चुनें।
आप सब कुछ अकेले नहीं कर सकते। यह सही है कि बदलाव की शुरुआत अपने आप से ही होती है। मगर यह काम आप अकेले नहीं कर सकते। आपका परिवार, दोस्त और विशेषज्ञ उन आदतों को छोड़ने में आपकी मदद कर सकते हैं, जिन्हें आप बरसों से फॉलो कर रहे हैं। इसलिए जब भी जरूरत हो, इनसे मदद मांगें।
अगर आप पार्टी पर्सन हैं और इसके कारण आपकी लाइफ अव्यवस्थित हो रही है, तो परिवार और दोस्तों से इन्हें छोड़ने में सपोर्ट लें। फिजूलखर्ची की आदत रोकने में भी आपका परिवार आपकी मदद कर सकता है। वहीं अगर आपको लग रहा है कि आपकी कोई पुरानी आदत तनाव, एंग्जाइटी या एडिक्शन की तरफ आपको धकेल रही है, तो आपको बेझिझक विशेषज्ञ की मदद लेनी चाहिए।
अपनी योजनाओं और प्रगति की नियमित समीक्षा करें और आवश्यकतानुसार सुधार करें। खुद की समय-समय पर समीक्षा महत्वपूर्ण है, क्योंकि आप अपनी प्रगति का मूल्यांकन,समस्याओं की पहचान और आत्मविश्वास तभी हासिल कर पाएंगे जब आप सही दिशा में आगे बढ़ रहे होंगे। अपनी आदतों और प्रोग्रेस को ट्रैक करें, और जांचें कि आप कितना सफल हुए।
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