शारीरिक स्वास्थ्य के साथ ही मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है। मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आसपास के वातावरण और हमारे रिश्तों का संतुलित रहना बहुत जरूरी है। इन्हें जो सबसे ज्यादा प्रभावित करता है वह है आपका निजी संबंध। परंतु कई बार हम एक ऐसे रिश्ते में होते हैं, जहां हमारा पार्टनर भावनात्मक रूप से हमारे लिए हमेशा अनुपस्थित रहता है। सादा भाषा में कहें तो वह हमारी भावनाओं की कद्र नहीं करता।
इमोशनली अनअवेलेबल पार्टनर (Emotionally unavailable partner) के साथ रिश्ता बनाए रखना हमारी सबसे बड़ी बेवकूफी हो सकती है। एक्स्पर्ट बता रहीं हैं वे कारण, जिनके चलते ज्यादातर महिलाएं ऐसे रिश्ते में बनी रहती हैं।
इमोशनली अनअवेलेबल रिश्ते का मतलब यह है कि एक-दूसरे के साथ इमोशनल बॉन्ड को मेंटेन न कर पाना। किसी भी व्यक्ति को इमोशनली अनअवेलेबल पार्टनर का सामना करना पड़ सकता है, बस फर्क इतना है कि आप इसे किस तरह डील करती हैं।
भावनात्मक रूप से अनुपस्थित व्यक्ति किसी भी स्थिति में आपकी भावनाओं की कद्र नहीं करेगा। इसके साथ ही किसी भी मुद्दे पर वह आपके सपोर्ट में खड़े नहीं रहेंगे। यदि आप उनसे बात करने या उनके सामने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने की कोशिश करेंगी, तो वह क्रोधित एवं चिड़चिड़ापन महसूस करेंगे। यदि आप भी ऐसे ही किसी रिलेशनशिप में हैं तो फौरन ऐसे रिश्ते से बाहर निकलने की कोशिश करें।
इमोशनली अनअवेलेबल पार्टनर के साथ रिश्ते में रहना खुद के साथ एक बहुत बड़ी बेमानी है। सबसे पहला सवाल यह आता है, कि आखिर हम ऐसे रिश्ते को चलाने की कोशिश क्यों करते हैं। हम इसे खत्म क्यों नहीं कर देते। साइकोलॉजिस्ट, रिलेशनशिप और मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट डॉ ललिता ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए इस विषय पर विस्तार से बताया है।
कभी-कभी हम खुद की भावनाओं को नहीं समझ पाते। इमोशनली अनअवेलेबल पार्टनर की ओर आकर्षित होने का एक सबसे बड़ा कारण अपनी भावनाओं को लेकर स्पष्ट न रहना भी हो सकता है।
डॉ ललिता कहती हैं कि लो सेल्फ एस्टीम, और खुद को दूसरों से कम आंकना साथ ही अपने वर्थ को न समझ पाना, आपको ऐसे रिश्ते की ओर आकर्षित करता है। आप एक ऐसे रिश्ते में रहने के लिए तैयार रहती हैं, जहां आपकी भावनाओं की कोई कद्र नहीं की जाती।
बचपन में रिलेशनशिप को लेकर रहे रोल मॉडल यदि भावनात्मक रूप से एक दूसरे के लिए उपस्थित नहीं होते हैं। तो यही आपके दिमाग में बैठ जाता है और आगे चलकर आप ऐसे रिश्ते में अपनी भावनात्मक जरूरतों को भूल कर बस अपने पार्टनर पर फोकस करती हैं। वहीं इस नकारात्मकता के साथ जीने की आदत डाल लेती हैं।
कई बच्चे बचपन से ही अपने माता-पिता के बीच एक अच्छा संबंध नहीं देखते हैं। साथ ही हर समय ऐसे लोगों से घिरे रहने के कारण इमोशनल सपोर्ट कितना जरूरी है, यह नहीं समझ पाते। वहीं यह आगे चलकर आपको इमोशनली अनअवेलेबल पार्टनर के साथ रिश्ता बनाए रखने के लिए प्रेरित करता है, क्योंकि आपके अनुसार रिश्ते में ऐसा ही होता है।
एक्सपर्ट बताती हैं कि दोस्ती प्यार या किसी भी खिलौने की बात की जाए तो हर बच्चे को यह आसानी से प्राप्त नहीं होता। साथ ही बढ़ती उम्र के साथ भी कभी-कभी हमारी जरूरतें पूरी नहीं होती और अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए हम और ज्यादा मेहनत करते हैं। ठीक यही चीज बड़े होकर हमारे रिलेशनशिप पर असर डालती है।
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कस्टमाइज़ करेंआपको यह लगता है, कि इस रिश्ते को सही करने के लिए हमें और ज्यादा प्रयास करने की आवश्यकता है। हमसे ही कहीं न कहीं चूक हो रही होगी। यह सोच व्यक्ति को भावनात्मक रूप से अनुपस्थित पार्टनर के साथ रिश्ता चलाने के लिए प्रेरित करती है।
कई बार आप अपनी भावनात्मक कमजोरी की वजह से ऐसे रिश्ते को चलाती हैं। जैसे कि रिजेक्शन का डर और किसी व्यक्ति को खोने के डर से सभी चीजों को उनके अनुसार करना। ऐसे में आप की भावनात्मक जरूरतें कहीं न कहीं पीछे छूट जाती हैं और आप पहले से भी ज्यादा भावनात्मक रूप से असुरक्षित महसूस करने लगती हैं।
वहीं एक्सपर्ट बताती हैं, कि आपके पिछले रिश्ते का खराब अनुभव आपको इमोशनली अनअवेलेबल पार्टनर के साथ रहने पर मजबूर कर सकता है। आप अपने रिश्ते को बचाने के लिए वह सब करती हैं, जिसकी वजह से आपका पिछला रिश्ता खराब हुआ हो। हालांकि, यह आपके मानसिक स्वास्थ्य पर काफी बुरा प्रभाव डाल सकता है।
इसकी एक वजह यह भी हो सकती है, कि आप शुरू से अपने परिवार में चीजों को ठीक करने का जिम्मा लिए बैठी हों। यही चीज आपके रिलेशनशिप का हिस्सा बन जाती है, जहां आप अपने पार्टनर की गलतियों पर पर्दा डालती हैं और उनके भावनात्मक जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी सभी इच्छाओं का गला घोंट देती हैं।
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