नार्सिसिस्टिक गैसलाइटिंग क्या है? 7 संकेत जो ये बताते है कि ये आपके साथ हो रहा है

हाल के वर्षों में, रिश्तों और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बातचीत में "नार्सिसिस्टिक" और "गैसलाइटिंग" शब्द तेजी से प्रचलित हो गए हैं। लेकिन नार्सिसिस्टिक गैसलाइटिंग वास्तव में क्या है, और यह कैसे किसी रिश्ते को प्रभावित करती है।
kya hota hai gaslighting behaviour
नार्सिसिस्ट को लगता है कि वह सबसे श्रेठ है। चित्र- अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Published: 4 Nov 2023, 20:00 pm IST
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मेडिकली रिव्यूड

सोशल मीडिया और डेटिंग एप्स के आने के बाद कई तरह के टर्म प्रचलन में आए है जैसे रेड फ्लैग, ग्रीन फ्लैग, ओपन रिलेशनशिप, कैज्युल और अब एक और टर्म है नार्सिसिस्टक गैसलाइटिंग। इन सब शब्दों के आने के बाद प्यार के मायने ही बदल गए है। अब लोग प्यार करते समय कई बातों पर ध्यान देते है। ये ध्यान देना भी चाहिए क्योंकि अगर आप किसी के साथ जीवन भर रहना चाहते है तो आपको अपने आप को स्वतंत्र रखने के लिए पार्टनर को जानना जरूरी है। क्योंकि कई बार आप अपने पार्टन पर इतना निर्भर हो जाते है कि आप उनसे मैनिपुलेट होने लगते है।

गैसलाइटिंग नार्सिसिस्ट नार्सिसिस्टिक व्यक्तित्व के लक्षणों वाला एक व्यक्ति है जो दूसरों के मन में संदेह पैदा करने के लिए मैनिपुलेटिव रणनीति का उपयोग करता है, उन्हें उनकी विवेकशीलता और वास्तविकता पर सवाल उठाने के लिए मजबूत करता है। साइकोलॉजिकल मैनिपुलेशन के इस रूप को नार्सिसिस्टिक गैसलाइटिंग कहा जाता है।

चलिए पहले समझते है नार्सिसिस्टिक व्यक्तित्व क्या होता है

सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव बताते है कि नार्सिसिस्ट व्यक्तित्व को एक डिसऑर्डर के रूप में माना जाता है। नार्सिसिस्टिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर (एनपीडी) एक ऐसी मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें व्यक्ति खुद के लिए महत्व, अपनी तारिफ करता है और दूसरों के लिए कम संवेदनशील होता है। नार्सिसिस्ट व्यक्ति चाहता है कि वो आकर्षण का केंद्र बने।

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जानते हैं वो कौन से कारण हैं, जो भावनाओं को आहत कर देते हैं। चित्र : शटरस्टॉक

नार्सिसिस्ट को लगता है कि वह सबसे श्रेठ मान लेता है। उन लोगों में कॉन्फिडेंस होता है लेकिन वे दूसरों से भी अपने बारे में अच्छा ही सुनना चाहते है। कोई अगर उनका किसी में बात में विरोध करें तो वे सुन नहीं पाते है। नार्सिसिस्ट लोगों की अलग ही एक दुनिया होती है।

गैस्लाइटिंग क्या है

गैसलाइटिंग तब होती है जब कोई आपको यह समझाने की कोशिश करता है कि उनकी वास्तविकता वास्तविक है और आपकी नहीं। यह नियंत्रण और मैनिपुलेटिव जैसा महसूस करा सकता है। ये सामने वाला व्यक्ति के हित में होता है। इसमें आप ये महसूस कर सकती है कि सामने वाला व्यक्ति हमेशा सही होता है और आप हमेशा गलत होते है।

क्या होता है नार्सिसिस्टक गैसलाइटिंग रिलेशनशिप

रिश्तों में नार्सिसिस्ट गैसलाइटिंग अपने पार्टनर पर नियंत्रण बनाए रखने और भय और भ्रम का माहौल बनाने की एक आम रणनीति है। झूठ बोलना, झूठे आरोप लगाना, या कुछ छिपाना जैसी चीजों को इसमें शामिल किया जा सकता है, जैसे डराना या पार्टनर की भावनाओं को कद्र न करना, पार्टनर को वह करने के लिए प्रेरित करना जो वे चाहते हैं।

नार्सिसिस्ट गैसलाइटिंग के लक्षण क्या है

सच को न मानना

नार्सिसिस्ट अक्सर उन तथ्यों, घटनाओं या बातों को नकारते हैं जो सच हैं। वे ऐसा कहते है कि जो हुआ है वो घटना कभी हुई ही नहीं है, जिससे पीड़ित व्यक्ति को अपनी सच्चाई और याददाश्त पर संदेह होने लगता है। नार्सिसिस्ट लोगों किसी भी चीज के लिए जवाबदेह नही होते है क्योंकि वे अक्सर घटनाओं को नकारने या दोष से बचने के तरीके ढूंढते हैं।

पीड़ित व्यक्ति को दोष देना

नार्सिसिस्ट अक्सर रिश्ते में समस्याओं या अपने व्यवहार के लिए पीड़ित पर दोष मढ़ देते हैं। वे पीड़ित को उन मुद्दों के लिए ज़िम्मेदार महसूस कराते हैं जो मुख्य रूप से नार्सिसिस्ट व्यक्ति कर रहे हैं। वे किसी पार्टनर पर अत्यधिक संवेदनशील होने का आरोप लगा सकते हैं या यह संकेत दे सकते हैं कि पीड़ित ने सच में उन्हें नकारात्मक व्यवहार करने या कुछ कहने के लिए मजबूर किया है।

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नार्सिसिस्ट अक्सर उन तथ्यों, घटनाओं या बातों को नकारते हैं जो सच हैं। चित्र ; शटरस्टॉक

भावनाओं को कम करना

नार्सिसिस्ट पीड़ित की भावनाओं को कम या महत्वहीन कर सकते हैं, जिससे पीड़ित को ऐसा महसूस हो सकता है कि उनकी भावनाएं तर्कहीन या महत्वहीन हैं। इससे पीड़ित को ऐसा महसूस हो सकता है कि उसकी भावनाओं सच है या नहीं है।

जानकारी को तोड़ मरोड़कर देना

नार्सिसिस्ट चुनिंदा तरीके से जानकारी छिपा सकते हैं या इसे इस तरह से पेश कर सकते हैं जिससे पीड़ित को अंधेरे में रखा जा सके, जिससे भ्रम और पिड़ित को खुद पर ही संदेह पैदा हो। रिश्ते में अपनी शक्ति और नियंत्रण बनाए रखने के लिए पीड़ित की जानकारी को नार्सिसिस्ट नियंत्रित करते है।

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ध्यान रहे

अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ हैं, जिनमें उपरोक्त सभी आदतें हैं, तो यह आपकी मेंटल हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकता है। गैसलाइटिंग किसी भी व्यक्ति के आत्मसम्मान को चोट पहुंचाती है। जिसका प्रभाव प्रोडक्टिविटी और आत्मविश्वास पर भी पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि आप किसी विशेषज्ञ से परामर्श कर इसके लिए जरूरी कदम उठाएं।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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