हमारे समाज में ऐसा माना जाता है कि शारीरिक रूप से स्वस्थ होना ही स्वास्थ्य का प्रतीक है। यह अवधारणा होती है कि शरीर स्वस्थ है तो मन भी स्वस्थ ही होगा। इतना ही नहीं फिजिकल हेल्थ के लिए हम डाइट, एक्सरसाइज़ और डॉक्टर का सहारा भी लेते हैं। मगर मेन्टल हेल्थ को इग्नोर कर दिया जाता है।
अब समय बदला है और लोग मेन्टल हेल्थ पर बात कर रहे हैं। अब लोग शर्म या डर से मानसिक स्वास्य्है को इग्नोर करने के बजाय आगे आकर अपने एक्सपीरियंस भी शेयर कर रहे हैं।
क्या है मेंटल हेल्थ और क्यों इस पर बात करना जरूरी है?
मेंटल हेल्थ का अर्थ है हमारा इमोशनल, साइकोलॉजिकल और सोशल हेल्थ। हम क्या सोचते हैं, क्या महसूस करते हैं और कैसे बिहेव करते हैं यह सब मेंटल हेल्थ के अंदर ही आता है।
अगर हम मेंटली फिट नहीं हैं, तो यह हमारे काम से लेकर हमारे रिश्तों पर असर डालेगा। मगर अफ़सोस, हम मेन्टल हेल्थ पर ध्यान देना ज़रूरी नहीं समझते।
दिमाग भी हमारे शरीर का एक हिस्सा ही है, जिसमें कोई बीमारी हो सकती है। इस स्थिति को बहुत नॉर्मली देखा जाना चाहिए और मेन्टल हेल्थ को सीरियसली लिया जाना चाहिए।
अपनी मेन्टल हेल्थ को इम्प्रूव करने के लिए इन बातों का रखें ध्यान-
अपने दोस्तों के साथ समय बिताइए, और इसके लिए अपने फ़ोन पर निर्भर रहना ठीक नहीं। हालांकि लॉकडाउन में यह एक मजबूरी हो सकती है। पर शेष समय में टेक्स्ट मैसेज या कॉल से बेहतर है मिलना और साथ मे वक्त बिताना। दोस्तों के साथ समय बिताने से आपके मेंटल हेल्थ पर एक पॉज़िटिव प्रभाव पड़ता है।
फिजिकल एक्टिविटी जैसे व्यायाम इत्यादि आपके शरीर में एंडोर्फिन्स का स्तार बढ़ाती हैं जो आपके मूड को सुधारकर आपको खुश रखता है। इतना ही नहीं, फिजिकल एक्टिविटी से आप पॉज़िटिव रहते हैं, तनाव दूर रहता है और नींद भी अच्छी आती है। इसके लिए जिम जाना ज़रूरी नहीं, आपको जो एक्टिविटी पसन्द हो उसका सहारा लें। आप डांस, ज़ुम्बा, योग जैसे कोई भी विकल्प अपना सकती हैं।
हम अक्सर नेगेटिव विचारों पर ज्यादा ध्यान देते हैं, कोई नेगेटिव घटना हमारे दिमाग में ज्यादा देर तक रहती है। ऐसे में सबसे बेहतर है कि हम हर दिन हमारे साथ जो कुछ भी अच्छा हुआ उस पर ध्यान दें। इसके लिए डायरी लिखना सबसे फायदेमंद है। हर दिन 5 छोटी-बड़ी बातों को लिखें, जिसके लिए आप शुक्रगुज़ार हैं। यह अच्छे मौसम से लेकर शाम की चाय तक कोई भी चीज़ हो सकती है। इसकी मदद से आप हर दिन होने वाली पॉजिटिव घटनाओं पर ध्यान दे सकेंगें।
क्या आप किसी और के साथ ऐसा व्यवहार करेंगे जैसा आप खुद के साथ कर रहे हैं? अपने आपको दुखी या नाराज़ होने के लिए दोषी मत मानें, खुद से प्यार से पेश आएं।
हर दिन कम से कम 15-20 मिनट के लिए अपने पसन्द का कोई काम करें। सेल्फ़ केअर का मतलब छुट्टी पर जाना या दोस्तों के साथ समय बिताना ही नहीं होता। अपने लिए समय निकालना भी सेल्फ केअर का हिस्सा है।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंआप लाइफ से संतुष्ट हैं, आपके पसन्द की जॉब है, अच्छी इनकम है, अच्छे दोस्त हैं इसका यह मतलब नहीं कि आपके गोल्स नहीं हो सकते। हर दिन एक छोटा गोल निश्चित कीजिये और उसे पाने की कोशिश कीजिये। इससे आप हर दिन एक अचीवमेन्ट महसूस करेंगें और निराशा आपसे दूर रहेगी।
अच्छी नींद आपको हेल्दी रखती है। हर दिन 8 घण्टे की नींद ज़रूर लें। अगर आपको सोने में समस्या होती है तो अपनी जीवनशैली में व्यायाम बढ़ाएं। सोने से पहले सोशल मीडिया से दूर रहें। लेटने से आधे घण्टे पहले ही फ़ोन को किनारे रख दें और डायरी लिखें या कोई किताब पढ़ें। इससे आपको अच्छी नींद आएगी।
आज में जिएं, यह आपको आपके आसपास हो रही घटनाओं को लेकर पॉज़िटिव बनाएगा। इतना ही नहीं, भविष्य की चिंता या पास्ट के गिल्ट में जीकर आप अपने दिमाग को बेवजह स्ट्रेस करते हैं। इसलिए हर पल को एंजॉय करें।
इन छोटे-छोटे बदलावों से आप अपने मेंटल हेल्थ को सुधार सकते हैं। अगर आपको फिर भी लगता है कि आप स्ट्रेस में हैं तो डॉक्टर के पास जाने में शर्म महसूस न करें।
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