गैसलाइटिंग (gaslighting) में सामने वाला व्यक्ति आपको खुद पर सवाल उठाने की मनोस्थिति में ले आता है। आपका आत्मविश्वास चूर-चूर हो जाता है और आप अपनी ही वास्तविकता और मनोदशा पर संदेह करने लगते हैं। यह बर्ताव अक्सर परिवार, दोस्तों या अन्य सोशल सर्कल में आने वाले लोगों में भी देखा जा सकता है।
उदाहरण से समझिए, अगर आपकी कोई दोस्त आपके ब्रेकअप का दुख बांटने के बजाय कहती है कि तुम्हें तो वह लड़का कभी पसन्द ही नहीं था। तुम सिर्फ कंफ्यूज थीं। अब आपके मन में यह बैठ जाएगा कि आप ही कहीं न कहीं चाहतीं थीं यह ब्रेकअप। यह तो हुआ एक अनुभव, लेकिन अगर यह बर्ताव अक्सर होता है, तो आपकी दोस्त आपको गैस लाइट कर रही है।
यह स्थिति प्रेम सम्बंधो में सबसे ज्यादा देखी जाती है। ऐसे पार्टनर आपको यह यकीन दिला देंगे कि आप गलत हैं और जैसा वे बता रहे हैं वही सही है। यह एक तरह से आपके दिमाग और भावनाओं को काबू करना ही है।
अगर आपको इनमें से कोई संकेत अपने रिश्ते में नजर आ रहे हैं तो आप भावनात्मक एब्यूज का शिकार हैं। गैसलाइटिंग की इन निशानियों पर आपको ध्यान देना है-
हम में से कोई भी परफेक्ट नहीं होता और रिश्तों की यही खासियत होती है कि हमारे पार्टनर हमारी बुराइयों को खत्म करने में हमारा साथ देते हैं। अगर आप में कोई खराब आदत है तो उसके लिए आपको टोका जाना सामान्य है। लेकिन अगर आप खुद पर ही सवाल उठाने लगी हैं और अपनी काबिलियत पर शक करने लगी हैं तो यह गैसलाइटिंग का संकेत है।
अगर आपका पार्टनर अक्सर आपकी कमियों को उजागर करता है और आपको छोटा महसूस कराता है तो यह खतरे की घण्टी है। इसके प्रति सावधान हो जाएं।
क्या हर लड़ाई में आपका पार्टनर आपको दोष देता है? क्या वह रिश्ते में चल रही समस्याओं के लिए परिस्थितियों को दोषी मानता है? अगर हां तो आपका पार्टनर आपको गैसलाइट कर रहा है।
यही नहीं अक्सर वह लड़ाई के वक्त आपके अतीत का जिक्र करने लगते हैं। यह भी गैस लाइटिंग का संकेत है।
एक स्वस्थ रिश्ता वही है जहां आप अपनी भावनाएं अपने पार्टनर से साझा कर सकें। अगर आपको अपने मन की बात कहने से पहले यह डर है कि वह आपकी बात को खारिज कर देंगे, तो आप स्वस्थ रिश्ते में नही हैं।
आपका पार्टनर अगर आपके विचारों और भावनाओं को नकार रहा है तो यह भी आपके लिए खतरे की घण्टी है।
आमतौर पर जब कोई अपने पार्टनर को अपने विचार बताता हैं, तो वह उन बातों को सुनते हैं, समझते हैं और अपनी राय रखते हैं। लेकिन अगर आपका पार्टनर मैनिपुलेटिव है, तो वह आपसे कहेगा कि आप बेकार की बातें सोचा करती हैं और आपके विचारों का कोई महत्व नहीं है।
कई बार ऐसा हो सकता है कि आपको अपने पार्टनर की कोई बात बुरी लगी हो। वह गलती जान बूझकर भी हो सकती है और अनजाने में भी। लेकिन जब आप यह बात साझा करती हैं कि आपको दुख हुआ तो माफी मांगने के बजाय यदि आपका पार्टनर यह कहता है कि आपको परिस्थिति को दूसरे नजरिए से देखना चाहिए, तो यह गैस लाइटिंग के लक्षण हैं। ना वह आपकी भावनाओं को तवज्जो देंगे ना अपनी गलती स्वीकार करेंगे।
अगर झगड़ते वक्त आपके पार्टनर की आदत है कि आपकी बात बीच में रोक कर अपना पक्ष कहने की, तो यह भी गैस लाइटिंग ही है। ऐसी स्थिति में वह दोनों पक्ष जानना ही नहीं चाहते और आप पर अपने विचार थोपते हैं। ऐसा रिश्ता स्वस्थ नहीं है।
अच्छे रिश्ते में दोनों पक्ष की बात सुननी चाहिए और किसी एक को दोषी घोषित करने के बजाय दोनों को भविष्य में ऐसी गलती न करने का आश्वासन देना चाहिए। अगर आपके रिश्ते में ऐसा नहीं होता तो आप के लिए ठीक नहीं है।
लड़ाई के दौरान अगर आप का पार्टनर लड़ाई के कारण को छोड़ इस बात पर केंद्रित रहता है कि आप गलत हैं तो यह गैस लाइटिंग का साइन है। ऐसा करने के लिए वह चिल्लाना शुरू कर सकते हैं ताकि आप अपनी बात छोड़कर उनके पॉइंट को मानें।
आपके रिश्ते में ऐसा समय आएगा जब आपको लगेगा कि रिश्ता टूट रहा है। उसके साथ-साथ आपको यह भी लगेगा कि आप भरसक प्रयत्न नहीं कर रही हैं रिश्ते को बचाने के लिए। इसका कारण यह है कि आपको हमेशा खुद को दोष देने की आदत हो गयी है।
एक स्वस्थ रिश्ते में दोनों पार्टनर यह समझेंगे कि अगर रिश्ते में कोई समस्या है तो दोनों ही उसके लिए जिम्मेदार हैं और खुद में सुधार करेंगे। लेकिन गैस लाइटिंग के कारण आप सारा दोष खुद को देंगी और आपका पार्टनर भी रिश्ते के खत्म होने के लिए आपको जिम्मेदार ठहराएगा।
एब्यूजिव रिश्ते का मतलब सिर्फ हिंसा ही नहीं है, मानसिक प्रताड़ना भी इसका चिन्ह है। ऐसे रिश्ते में कभी न रहें। आपका मानसिक स्वास्थ्य और जीवन किसी भी रिश्ते को बचाने से ज्यादा जरूरी है।
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