आभार व्यक्त करना एक प्राचीन भारतीय अभ्यास है। यह अपने साथ दूसरों के मूल्य को समझने और उसकी कद्र करने का सांकेतिक तरीका है। इसी भारतीय अभ्यास से मिलता–जुलता उत्सव है थैंक्सगिविंग डे (Thanksgiving 2024)। अमेरिका और कैनेडा में मनाया जाने वाला यह विशेष दिन वास्तव में प्रकृति के प्रत, उससे उत्पन्न अन्न, जल और संपदा के प्रति आभार जताने का उत्सव है। इसे और विराट परिदृश्य में देखा और महसूस किया जाए तो यह एक–दूसरे के प्रति ग्रैटिट्यूड प्रैक्टिस का भी दिन है। ग्रैटिट्यूड प्रैक्टिस, थैंक्सगिविंग (thanksgiving 2024 india) अथवा आभार व्यक्त करना, आपको न केवल अपने आसपास के प्रति जागरुक करता है, बल्कि इसके कई मानसिक स्वास्थ्य लाभ भी हैं।
थैंक्सगिविंग (Thanksgiving 2024) ग्रैटिट्यूड और आभार व्यक्त करना सभी एक जैसे शब्द हैं। सभी इस सिद्धांत का समर्थन करते हैं कि आपके पास जो कुछ भी है उसके प्रति शुक्रगुजार रहना।
थैंक्सगिविंग यूनाइटेड स्टेट अमेरिका और कनाडा का एक नेशनल हॉलिडे है। इस दिन पिछले साल प्राप्त की गई उपलब्धि विशेष रूप से फसल के प्रति आभार यानि की ग्रैटिट्यूड व्यक्त करते हैं, साथ ही उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं। थैंक्सगिविंग, को नवंबर के 4th गुरुवार को सेलिब्रेट किया जाता है।
यह हॉलिडे अमेरिकियों के लिए दावत, फुटबॉल और परिवार के साथ इकट्ठा होने का दिन है। लोग इस अवसर पर परिवार और दोस्तों के साथ वक़्त बिताते हैं, और एक–दूसरे के प्रति ग्रैटिट्यूड व्यक्त करते हैं। वहीं परंपरागत रूप से, किसान थैंक्सगिविंग पर अपनी शरद ऋतु की फसल के लिए भगवान को धन्यवाद देते हैं।
ग्रैटिट्यूड आपको सकारात्मक भावनाओं का अनुभव करने में मदद करती है। जब हम अपने आस-पास के लोगों, चीज़ों या अनुभवों के लिए प्रशंसा का अभ्यास करते हैं, तो हम जीवन और उसकी खुशियों और सुखों के साथ अधिक उपस्थित होते हैं।
जीवन में बेहतर चीजों को और लोगों के प्रति थैंकफुल रहने से चिंता और अवसाद का प्रभाव कम हो जाता है। इसके साथ ही आपकी मानसिकता यानि की सोचने समझने की क्षमता को अधिक सहजता की ओर ले जाने में मदद करती है। लगातार अभ्यास के साथ, यह सकारात्मक मानसिकता एक नई आदत बन जाती है, जिससे आप “अच्छी चीज़ों” का अधिक अनुभव करती है।
कृतज्ञता न केवल आपके मानसिक स्वास्थ्य को बल्कि आपके शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बना सकती है। नेशनल लाइबरेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार ग्रैटिट्यूड के नियमित अभ्यास से चिंता और अवसाद का प्रभाव कम हो जाता है, जिससे ब्लड प्रेशर सामन्य रहता है, प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, साथ ही एक बेहतर गुणवत्ता वाली नींद प्राप्त करने में मदद मिलती है। जो लोग ग्रैटिट्यूड प्रैक्टिस करते हैं, वे शारीरिक रूप से अधिक स्वस्थ रहते हैं।
पब मेड सेंट्रल के अनुसार ग्रैटिट्यूड का अभ्यास करने से, यानि की रिश्तों में एक दूसरे के प्रति थैंकफुल होने से हमारे रोमांटिक संबंध अधिक संतोषजनक हो सकते हैं। वहीं दोस्ती का रिश्ता अधिक भरोसेमंद और लंबा हो सकता है और हम अधिक मददगार सहकर्मी बन सकते हैं। एक-दूसरे के बारे में ज़्यादा सकारात्मक महसूस करने के अलावा, ग्रैटिट्यूड हमें अपनी चिंताओं को व्यक्त करने में ज़्यादा सहज महसूस करने में मदद करती है। इसके साथ ही यह हमें अपने रिलेशनशिप में या किसी सोशल ग्रुप में खुलकर सामने आने के लिए प्रेरित करती है।
ग्रैटिट्यूड आपके आत्म-सम्मान पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। दूसरों की अच्छी चीजों और मदद के प्रति आभारी होने से आप उनके सकारात्मक गुणों को पहचानना शुरू कर देती है। इस प्रकार सामने वाला व्यक्ति भी आपकी सराहना करता है और आपके प्रति सकारात्मक सोच रखता है, जिससे आपको अपने बारे में ज़्यादा जागरूक होने में मदद मिलती है। इस प्रकार खुदका आत्मविश्वास बढ़ता है।
दूसरों के प्रति ग्रैटिट्यूड प्रैक्टिस करने से आपको अंदर से शांत रहने में मदद मिलती है। जब आपको किसी की बात अच्छी नहीं लगती या आपको किसी पर गुस्सा आ रहा होता है, तो ऐसे में ग्रैटिट्यूड आपको उनकी सकारत्मक चीजों को याद करने में मदद करता है, जिससे की गुस्से पर नियंत्रण पाना आसान हो जाता है। एक सकारात्मक विचारधारा के साथ आपके लिए लोगों की गलतियों को माफ़ करना आसान हो जाता है।
एक लीडर का मतलब केवल लोगों से काम करवाना नहीं होता, बल्कि लोगों के लिए गए काम के प्रति आभार व्यक्त करना भी है। ग्रैटिट्यूड के अभ्यास के साथ आप अपने जूनियर के लिए एक बेहतर लीडर साबित हो सकते हैं। इस प्रकार अप्पकी लीडरशिप क्वालिटी भी इम्प्रूव होती है।
ग्रैटिट्यूड के अभ्यास से जब आप लोगों के लिए सकरात्मक बोलती हैं, तो ऐसे में आपका संबंध और बातचीत का तरीका दोनों ही बेहतर होता है। लोगों के प्रति थैंकफुल होने से, आपके रिश्तों में सुधार होता है, जिससे की आपका कम्युनिकेशन स्किल्स भी बढ़ जाता है।
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