हमारे जीवन में बहुत बार ऐसी स्थितियां आती हैं जब हम अपने ही विचारो में खो जाते हैं। फिर इस उलझन को सुलझाना लगभग असंभव हो जाता है। अगर आपके साथ यह बहुत कम होता है तब चिंता करने की कोई बात नही हैं। पर अगर आपको लगता है कि आपके साथ यह हर दूसरे दिन होने वाली घटना है, तब तो आपको सतर्क होकर कार्य करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए।
लगातार ज़्यादा सोचना गंभीर दिमागी परेशानी जैसे कि चिंता और अवसाद को जन्म दे सकता है। इसलिए इतनी कम उम्र में इतना ज्यादा सोचना अच्छी बात नहीं है।
यदि आप बीते हुए कल के बारे में या आने वाले कल के बारे में ही सोचती रहती हैं, तो आपको अपनी मेंटल हेल्थ के प्रति सतर्क हो जाना चाहिए। हम बता रहे हैं, ऐसे कुछ संकेत जो यह जानने में आपकी मदद करेंगे कि आप वाकई जरूरत से ज्यादा सोचती हैं। जिसे ओवर थिंकर कहा जाता है।
क्या आप हर छोटी से छोटी बात का भी कारण ढूंढती हैं, जो कि आपके जीवन में घटित होती है (या नहीं होती)। इसका मतलब आप खुद को हर समय हर छोटी-बड़ी चीज पर सोचने में व्यर्थ कर रहीं हैं! आपको सार्वजनिक स्थान पसंद होंगे, परंतु वह आपके लिए एक ही समय पर आकर्षक और भारी दोनों हो सकते हैं।
आप उन सभी चीजों के बारे में सोचेंगी जो आप के आस पास हो रही हैं और आप सभी पर विश्वास भी करने लगेंगी। जो कि असल में एक पेचीदा मामला है। आपको बस अपने आप को यह याद दिलाना है कि हर चीज के पीछे एक बहुत बड़ा कारण नहीं होता। बस बात इतनी सी है कि आपका दिमाग कुछ ज्यादा ही भार उठा रहा है ।
अगर आप बहुत ज्यादा सोचती हैं, तो यह परेशानी आपके दिमाग को बिल्कुल सक्रिय कर देती है और इसको आराम करने की एक क्षण भी अनुमति नहीं देती। आप अच्छी तरह से सोने में इसलिए असमर्थ होते हैं, क्योंकि आपके दिमाग में बहुत सारे विचार एक साथ आ रहे होते हैं। आपको बिस्तर पर जाने से पहले कोई किताब पढ़नी चाहिए या फिर ध्यान लगाना चाहिए।
क्या आप एक परफेक्शनिस्ट हैं और हर कार्य को बिना किसी विघ्न बाधा के पूरा करना चाहती हैं। यह एक कला हो सकती है, परंतु कभी कभार यह कला भी एक कमजोरी के रूप में प्रकट हो सकती है।
यह बस इस पर निर्भर है कि आप इस कला का किस प्रकार प्रयोग करते हैं। जब कोई काम आपके हिसाब से नहीं होता, तो आप घबरा जाती हैं और अपनी शांति खो बैठती हैं।
अगर आप जितना काम कर रहीं हैं, उससे कही ज्यादा सोच रहीं हैं, तो यह निश्चित है कि सोचना आपकी बीमारी है। इससे उत्पादकता कम होती है।
जी हां यह बिल्कुल सच है! आपके दिमाग में कई उम्दा विचार होंगे पर आप सोचते-सोचते ही अपना सारा समय व्यर्थ कर देती हैं और अंत में आप कुछ नहीं कर पाती। तो अपने सोचने के समय को कम करके काम करने के समय को बढ़ाएं।
जी हां बहुत सारे विचार अगर आपके दिमाग में हैं, तो यह सर दर्द की परेशानी को जन्म दे सकता है। यह हमारे शरीर का एक संकेत है कि अब हमारे दिमाग को आराम करने की जरूरत है। इस परेशानी से उभरने में गहरी सांस लेने वाले व्यायाम बहुत मदद कर सकते हैं।
अब क्योंकि आपके दिमाग में बहुत सारे विचार दौड़ रहे होते हैं, तो आप बेचैन और निर्णय लेने में असमर्थ महसूस कर सकते हैं। अगर आप यह परेशानी आम तौर पर महसूस करती हैं तो तय कीजिए कि अब एक ही चीज पर पूरी तरह फोकस करेंगी और निर्णय लेंगी।
अब जब आपने जान लिया है कि ज्यादा सोचने की परेशानी को कैसे रोक सकती हैं, तो वर्तमान में जिएं। आने वाले कल की चिंता में अपने जिंदगी के आज के आनंद को व्यर्थ न गंवाएं। हर एक लम्हे को अच्छी तरीके से जीने की कोशिश करें, तभी आप खुद को हल्का महसूस कर पाएंगी।