मेंटल हेल्थ की समस्या अब पुराने वक्तों जैसी रेयर नहीं रही। ये लगातार रिपोर्ट भी हो रही हैं और इसके इलाज पर बात भी हो रही है। ये सही है कि अब भी उस लेवल पर जागरूकता नहीं आ सकी है जो एक स्वस्थ समाज के लिए जरूरी है लेकिन धीरे धीरे ही सही हमारे कदम उसी ओर बढ़ रहे हैं। आज हम इसी के बारे में बात करने वाले हैं कि अगर आप किसी डॉक्टर को मिल रहे हैं तो वे कौन से सवाल हैं (mental health signs) जो डॉक्टर से पूछने चाहिए जिससे डॉक्टर आपके मेंटल हेल्थ के बारे में सही से जान सके और आपको भी बता सके।
1. नींद से जुड़ा सवाल ( Sleep is mental health sign)
सबसे पहला ये सवाल आपके लिए जरूरी है। आप डॉक्टर से पूछें कि आप जितने घंटे सो रहे हैं क्या वो नॉर्मल और हेल्दी इंसान के लिए ठीक है? अगर नींद नहीं आ रही है, तो इसे (mental health signs) डॉक्टर से बताना ज़रूरी है क्योंकि यह आपकी शारीरिक और मानसिक सेहत पर असर डाल सकता है।
लगातार नींद की कमी (mental health signs) से तनाव, चिंता, मूड स्विंग्स, और याददाश्त में कमी की समस्याएँ हो सकती हैं। इसके अलावा, यह आपके हार्ट हेल्थ पर भी असर डाल सकता है। डॉक्टर से ये सब पूछने पर आप जान सकते हैं कि नींद की समस्या का कारण क्या है और कैसे इसे ठीक किया जा सकता है। समय रहते सही इलाज से आप नींद की समस्या से तो उबरेंगी ही,आपकी मेंटल हेल्थ भी ठीक रहेगी।
न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर दीपक अग्रवाल के अनुसार ये जानना (mental health signs) डॉक्टर के लिए बहुत जरूरी है कि उसके पास आया व्यक्ति खाता क्या है। इसलिए आपको ये बताना होगा कि आपकी डाइट कैसी है और तब ये सवाल पूछें कि इसका असर आप की डाइट पर कैसे पड़ रहा है। जब हम हेल्दी चीजें खाते हैं, जैसे ताजे फल, सब्जियाँ, और अच्छे फैट्स (जैसे ओमेगा-3), तो हमारा दिमाग सही तरीके से काम करता है। इससे मूड बेहतर रहता है, हम ज्यादा फोकस कर पाते हैं और मन भी शांत रहता है।
ठीक इसके उलट जब हम ज्यादा जंक फूड, शक्कर या तला-भुना खाना खाते हैं, तो दिमाग (mental health signs) को जरूरी पोषण नहीं मिलता। इससे थकान, चिड़चिड़ापन और ध्यान की कमी हो सकती है। और लंबे समय तक ऐसा खाना खाने से मानसिक परेशानियाँ जैसे चिंता या अवसाद भी हो सकती हैं। इसलिए, जितना अच्छा खाना खाएंगे, उतना अच्छा मानसिक स्वास्थ्य रहेगा। बस, थोड़ा ध्यान रखना होगा कि क्या खा रहे हैं।
अगर आप डॉक्टर से ये जानना चाहते हैं कि आप मानसिक स्वास्थ्य कैसा है तो सबसे पहले आप उनसे ये पूछें कि मेरे रोज की दिनचर्या में व्यायाम (mental health signs) इतना शामिल है, क्या ये मेंटल हेल्थ के लिए ठीक है? इसका कारण ये है कि हमारी लाइफस्टाइल और एक्सरसाइज का सीधा असर हमारी मानसिक सेहत पर पड़ता है। जब हम एक्टिव रहते हैं, नियमित एक्सरसाइज करते हैं, तो हमारा दिमाग भी स्वस्थ रहता है।
मेंटल हेल्थ फाउंडेशन की एक रिपोर्ट कहती है कि एक्सरसाइज से शरीर में एंडोर्फिन (हैप्पी हार्मोन) रिलीज होते हैं, जो हमें अच्छा महसूस कराते हैं। इसके अलावा, सही लाइफस्टाइल जैसे संतुलित आहार, नींद और स्ट्रेस को मैनेज करना, मानसिक शांति के लिए जरूरी हैं। अगर हम आलसी रहते हैं या स्ट्रेस को कंट्रोल नहीं करते, तो तनाव और चिंता बढ़ सकती है। इसलिए, थोड़ी बहुत एक्सरसाइज और हेल्दी आदतें अपनाना मानसिक स्वास्थ्य (mental health signs) के लिए फायदेमंद है।
आप किसी भी मेंटल हेल्थ के डॉक्टर के पास जाएं और उनसे अपनी मानसिक स्वास्थ्य के बारे (mental health signs) में पूछें तो वो सबसे पहले पूछेगा जरूर कि आपको कोई और बीमारी तो नहीं? आपकी फिजिकल हेल्थ कैसी है? डॉक्टर दीपक इस बारे में कहते हैं कि जब कोई हार्ट की बीमारी, डायबिटीज या हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या होती है, तो इसका असर सीधे दिमाग पर पड़ता है।
जैसे हार्ट की बीमारी होने से बार-बार सांस फूलना या थकान महसूस करना, ये सब तनाव को बढ़ा सकते हैं। इसी तरह, हाई ब्लड प्रेशर से सिर में दर्द या चक्कर आ सकते हैं, जो मेंटल पीस को बिगाड़ते हैं। डायबिटीज में ब्लड शुगर बढ़ जाने से मूड स्विंग्स होने लगते हैं। तो ये तो हो ही नहीं सकता कि आप शारीरिक तौर पर बीमार रहें और ये अपेक्षा करें कि आपका मेंटल हेल्थ (mental health signs) ठीक रहे।
न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर दीपक अग्रवाल से हमने यही सवाल पूछा कि आर्थिक स्थिति (mental health signs) के बारे में जानना कैसे किसी के मेंटल हेल्थ को जानने में आपकी मदद करता है। उनका जवाब था – हां, बिल्कुल! देखिए, जब आर्थिक तनाव बढ़ता है, तो दिमाग पर उसका सीधा असर पड़ता है।
लगातार ये चिंता रहती है कि क्या हम अपनी जरूरतें पूरी कर पाएंगे, क्या भविष्य में कोई परेशानी नहीं आएगी। ये विचार मन में घूमते रहते हैं और धीरे-धीरे मानसिक शांति को चुरा लेते हैं। ऐसे में इंसान को घबराहट, और तनाव महसूस होने लगता है। कई बार ये स्थिती डिप्रेशन में बदल जाती है। जब हम खुद को इस दबाव के नीचे महसूस करते हैं, तो आत्म-सम्मान पर भी असर पड़ता है। इसलिए ये जरूरी है कि ऐसी स्थिति में हम अपने दिमाग (mental health signs) को समझें, और जरूरत पड़े तो मदद भी लें।
हम भले ही इसे नहीं समझते लेकिन प्रदूषण में रहना मेंटल हेल्थ पर नेगेटिव असर डाल सकता है और यह अक्सर लोगों के ध्यान से बाहर (mental health signs) रहता है। प्रदूषण, हवा और शोर का , दिमाग के काम पर असर डालता है और हम तनाव, घबराहट और कई बार डिप्रेशन तक भी ये खतरा जा सकता है।
लंबे समय तक प्रदूषण के संपर्क में रहने से दिमाग में सूजन हो सकती है। फिर इसका असर आपकी सोचने की क्षमता, एकाग्रता, और मूड पर भी हो सकता है। इसलिए डॉक्टर से इससे जुड़ा सवाल आप जरूर पूछें कि मैं प्रदूषण के इस स्तर वाले इलाके में रहता हूँ और इससे आपकी मेंटल हेल्थ (mental health signs) कैसे प्रभावित हो रही है।
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