कपल कई कारणों से आपस में लड़ाई और झगड़े करते हैं। पैसे से लेकर व्यक्तिगत मुद्दों तक। हेल्दी और अनहेल्दी लड़ाई के बीच अंतर है। 60 प्रतिशत से अधिक विवाहित जोड़ों के बीच के झगड़े अक्सर अनसुलझे रह जाते हैं। इससे रिश्ते में दरार पैदा हो जाती है, जो रिश्ते में दरार पैदा कर सकते हैं। यदि रिश्ते में समस्याएं आ रही हैं, तो रिलेशनशिप काउंसलर से मदद लेने पर जरूर विचार करें। रिलेशनशिप काउंसलर से थेरेपी लेने पर रिलेशनशिप मजबूत (relationship counselling) होता है।
कई बार कुछ कारणों से रिश्ते की शुरुआत में ही समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें परिवार के सदस्य, मित्र भी कारण हो सकते हैं। काउंसलर पार्टनर को दूसरों के साथ सीमाएं निर्धारित करने में मदद करता है। पार्टनर में से कोई एक बचपन में देखे गए घटनाओं, चोट या आघात के कारण बढ़िया व्यवहार नहीं कर सकता है। ऐसी स्थिति में काउंसलर की थेरेपी इसे पहचानने या उबरने में मदद करती है। बुरी आदतों से छुटकारा दिलाने में वे मदद कर सकते हैं। वे आत्मविश्वास दिला सकते हैं। रिश्ते की मजबूती के लिए काउंसलर शादी से बाहर के लोगों के साथ स्वस्थ सीमा निर्धारित करने में मदद कर सकते हैं।
काउंसलर कपल्स थेरेपी प्रदान करते हैं। इसके माध्यम से पार्टनर के बीच बोन्डिंग मजबूत होती है। कपल्स थेरेपी रिश्ते में अपने कार्यों के लिए जवाबदेह बनाता है। इसे कारगर बनाने के लिए सीखी गई बातों को व्यवहार में लाना सबसे जरूरी है।
पार्टनर के बीच छोटी-छोटी बातों पर बहस होती है। मैरिज काउंसलर मूल मुद्दे पहचानने में मदद कर सकता है। जिस बात पर बहस होती है, उस पर वह ध्यान केंद्रित करता है। फिर वह समस्याओं को हल करने में मदद करता है। बातचीत की शैली पर भी वह विचार करता है।
जबसे ज्यादाकाम.पार्टनर के बीच होने वाले कम्युनिकेशन पर होता है। साथी के साथ . कम्युनिकेशन में सुधार करना हेल्दी रिश्ते की कुंजी है। अच्छा . कम्युनिकेशन स्किल केवल विचारों की अभिव्यक्ति पर निर्भर नहीं करता है। एक अच्छा और सक्रिय श्रोता होना और अच्छे विचार प्रकट करना भी . कम्युनिकेशन के लिए जरूरी हैं। साथी के साथ विवाद होने पर भी व्यक्तिगत हमलों से बचना सीखना चाहिए। सार्थक बातचीत संबंध और अंतरंगता को गहरा करने में आपकी मदद कर सकती है।
जब पार्टनर के बीच विवाद में कोई बच्चा शामिल हो, तो रिश्ते की समस्या और भी गंभीर हो सकती है। इससे पूरा परिदृश्य बदल सकता है। काउंसलर की कपल्स थेरेपी की मदद से एक साथ मिलकर बेहतर माता-पिता बनना सीखा जाता है। बच्चे के साथ व्यवहार में मतभेद कभी-कभी झगड़े का कारण बन सकते हैं। कपल्स थेरेपी बच्चों के पालन-पोषण की बारीकियों से अवगत करते हैं। थेरेपी बच्चों का पालन-पोषण सकारात्मक तरीके से संयोजित करना सिखाती है।
कई लोग सलाह देते हैं कि कभी भी किसी झगड़े को अनसुलझा न छोड़ें। पर आप पार्टनर के साथ समस्याओं से कैसे निपटें, यह नहीं जानती हैं।
इससे दोनों के बीच दूरियां बढ़ सकती हैं। जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है वे परिपक्व होते हैं। कुछ लोग समस्याओं का समाधान करना कभी नहीं सीखते (relationship counselling) हैं। कपल्स थेरेपी बिना आत्मसम्मान खोये छोटी बातों को नज़रअंदाज करना सिखाता है।
कपल्स थेरेपी रिश्तों को संभालने के तरीके के बारे में अधिक आत्म-जागरूक बना सकती है। काउंसलर अपने मुद्दों से निपटने और उन्हें हल करने (relationship counselling) के लिए सही कदम उठाने की समझ विकसित कर सकता है।
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