रिश्ते में महसूस हो रही है कंपैटिबिलिटी की कमी, तो इन 5 तरीकों से करें इसे ठीक

जब रिश्ते में बंधे दो लोगों में किसी कार्य, इमोशंस और लक्ष्यों में एकरूपता नज़र नहीं आती है, तो उसे कंपैटिबिलीटी की कमी माना जाता है। इस तरह के रिलेशनशिप में एक दूसरे से कमियां नजऱ आती है और हर जगह दोनों के विचार अलग होते है।
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एक दूसरे को पूरा समय न दे पाने के कारण रिश्ते में पैशन की कमी बढ़ने लगती है। चित्र : अडॉबीस्टॉक
Published On: 11 Dec 2024, 06:00 pm IST
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Dr. Arti Anand
इनपुट फ्राॅम

एक रिश्ते में बंधने के बाद व्यक्ति को कई तरह के उतार चढ़ाव और बदलावों का सामना करना पड़ता है। इसमें कोई दोराय नहीं कि परिवर्तन जीवन का एक नियम है। मगर कुछ कपल्स ऐसे भी है, जो खुद को दूसरों के लिए बदलने में विश्वास नहीं रखते हैं। इससे कंपैटिबिलिटी की कमी खलने लगती है और देखते ही देखते रिश्ता एक दोराहे पर आकर खड़ा हो जाता है। आमतौर पर लोग समय पर इसकी पहचान नहीं कर पाते है। अगर आप भी अपने रिश्ते में खोखलापन महसूस कर रही हैं, तो कुछ संकेतों को अवश्य पहचानें। जानते हैं वो कौन से संकेत हैं, जो इस ओर इशारा करते हैं कि आपके रिश्ते में कंपैटिबिलिटी की कमी पाई जाती है। साथ ही जानें कंपैटिबिलिटी बिल्ड (How to build compatibility) करने के उपाय भी।

रिलेशनशिप में कंपैटिबिलिटी की कमी किसे कहा जाता है (What is low compatibility in relationship)

मनोचिकित्सक डॉ आरती आनंद बताती हैं कि जब रिश्ते में बंधे दो लोगों में किसी कार्य, इमोशंस और लक्ष्यों में एकरूपता नज़र नहीं आती है, तो उसे कंपैटिबिलिटी की कमी माना जाता है। इस तरह के रिलेशनशिप में एक दूसरे से कमियां नजऱ आती है और  दोनों के विचार अलग होते है।

एक दूसरे को पूरा समय न दे पाने के कारण रिश्ते में पैशन की कमी बढ़ने लगती है। साथ ही छोटी सीबात भी बड़ी बहस का कारण बन जाती है। ऐसे में समस्या को समझकर उसे सुलझाना आवश्यक है। साथ ही रिश्ते में पहल करके उसे बचाने का प्रयास करना चाहिए।

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अगर आप अपने पार्टनर को सेकंड चॉइस की तरह ट्रीट कर रही हैं, तो आत्ममंथन करें और सोचें कि आखिर इसकी शुरूआत कैसे हुई। चित्र : एडॉबीस्टॉक

कंपैटिबिलिटी की कमी के संकेत (Signs of low compatibility)

1. चीजों को छुपाना

जब आपका पार्टनर अपनी रोजमर्रा की बातें आपसे शेयर करने में कतराने लगे, तो ये रिश्ते में एक अलार्मिंग साइन के समान होता है। ऐसे रिश्ते में व्यक्ति अपने साथी से मन ही मन दूर होने लगता है। कंपैटिबिलिटी की कमी के चलते वे अपनी बातें अन्य लोगों से शेयर करने लगते है और पार्टनर को खुद को कमतर आंकते हैं।

2. कनेक्टीविटी की कमी

हेल्दी कम्यूनिकेशन एक रिश्ते की बुनियाद को मज़बूत बनाता है। अपनी पसंद नापसंद, भविष्य की योजनाएं और रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी बातों को पार्टनर से शेयर न करने से रिश्तों में दूरी बढ़ जाती है। इसके अलावा काम की मसरूफियत के चलते पार्टनर खुद को अकेला मानने लगता है और आपसी प्यार व कनेक्टीविटी कम होने लगती है।

3. पार्टनर के लिए प्यार महसूस न करना

सालों तक एक रिश्ते में रहने के बाद कई बार कपल्स में इमोशनल अटैचमेंट कम होने लगती है, जिससे रिलेशनशिप में स्पार्क कम हो जाता है। अगर आप भी अपने पार्टनर के लिए लव और अफेक्शन महसूस नहीं कर रही हैं, तो ये कमज़ोर रिश्ते की निशानी है।

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भावनात्मक रूप से किसी से जुड़ाव महसूस करना कठिन लगने लगता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

4. मिलते ही झगड़ा करना

हेल्दी रिलेशनशिप मेंटेन न करने से आपसी मनमुटाव बढ़ने लगता है। ऐसे में आमना सामना होने पर केवल एक दूसरे की कमिया और गलतियां याद आने लगती है। किसी भी छोटी बात को मुद्दा बनाकर झगड़ा करने लगते है। इससे रिश्ते में कड़वाहट बढ़ने लगती है और रिश्ता कमज़ोर हो जाता है।

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5. बातचीत करने से कतराना

जहां रिश्ते में प्यार की कमी होती है। वहां पार्टनर से बात करने से लेकर उसका छूना भी असहनीय होने लगता है। ऐसे में रिश्ते में कम्यूनिकेशन गैप का बढ़ना एक दरार का कारण बनने लगता है। इससे रिश्ते में दूरी बढ़ने लगती है। अपने पार्टनर से बात किए अगर कई दिन बीत जाते हैं, तो ऐसे में ये रिलेशनशिप के लिए एक अलार्मिंग साइन है।

6. पार्टनर की जगह दोस्तों के साथ समय बिताना

रिश्ते को मज़बूत बनाने के लिए दो लोगों को एक दूसरे के लिए समय अवश्य निकालना चाहिए। अगर पार्टनर अपना खाली समय दोस्तों के साथ बिताना पसंद कर रहा है, तो ये कंपैटिबिलिटी की कमी को दर्शाता है। इससे दो लोगों में आपसी संतुलन की कमी बढ़ने लगती है और रिश्ता कमज़ोर होने लगता है।

कंपैटिबिलिटी को बिल्ड करने के टिप्स (How to build compatibility in a relationship)

1. मिलकर समस्या को सुलझाएं

किसी भी गलती के लिए एक दूसरे पर आरोप लगाने और उसे टारगेट करने की जगह समसया को सुलझाने का प्रयास करना चाहिए। इससे आपसी समझदारी बढ़ने लगती है और बॉडिंग भी मज़बूत हो जाती है। साथ ही समस्या के हल को खोजने में भी मदद मिलती है

2. एक दूसरे की बात सुनें

किसी भी रिश्ते को मज़बूत बनाने के लिए बोलने से ज्यादा सुनने का प्रयास करें। अपने पार्टनर की बातों को सुनें और समझें। उसके बाद किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचें। बिना सुने पार्टनर को गलत ठहराने से रिश्तों में उलझन बढ़ने लगती है।

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किसी भी रिश्ते को मज़बूत बनाने के लिए बोलने से ज्यादा सुनने का प्रयास करें। अपने पार्टनर की बातों को सुनें और समझें। चित्र- अडोबी स्टॉक

3. मोटिवेट करें

अगर किसी कारणवश पार्टनर निराश है, तो कमियां निकालने की जगह उसे उसकी खूबियों से वाकिफ करवाएं। इससे कंपैटिबिलिटी को बिल्ड किया जा सकता है। साथ ही आगे बढ़ने के लिए हर दम प्रेरित करते रहें। इससे एक दूसरे के लिए प्यार और रिस्पेक्ट बढ़ने लगती है।

4. मुश्किल हालात में साथ न छोड़ें

अगर पार्टनर किसी परेशानी का शिकार है, वो चाहे मानसिक समस्या हो, शारीरिक समस्या हो या वित्तिय। हर समय साथी के साथ रहें और किसी भी चुनौती का मिलकर सामना करें। इससे कंपैटिबिलिटी को बिल्ड करने में मदद मिलती है।

5. तुलनात्मक व्यवहार न अपनाएं

अपने पार्टनर की तुलना अन्य लोगों से करनें से बचें। इससे रिश्ते में प्यार और अपनापन कम होने लगता है।उसके किए गए कार्यो की सराहना करें और उसे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। अपने साथी के विचारों के साथ सहमत रहने का प्रयास करें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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