9 टू 5 की जॉब, घर के कामकाज, लोगों का ध्यान रखने आदि के बाद के समय में आप क्या करती हैं? आजकल ज्यादातर लोग तनाव, डिप्रैशन, एंजायटी जैसी तमाम मानसिक स्थितियों के शिकार हो रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है, सेल्फ केयर की कमी। सेल्फ केयर जीवन में एक बेहद महत्वपूर्ण रोल प्ले करता है। ये आपके नियमित जीवन को आसान और खूबसूरत बना सकता है। सेल्फ केयर के तहत आप अपने हेक्टिक शेड्यूल को भी एंजॉयमेंट के साथ पूरा कर सकती हैं।
आप एक ऐसी शख्स हैं, जो खुद को सबसे ज्यादा बेहतर तरीके से समझ सकता है। तो जाहिर सी बात है कि जब बात केयर की आएगी तो आप अपनी जरूरत को समझ कर खुद की सबसे ज्यादा केयर कर सकती हैं। तो चलिए जानते हैं, सेल्फ केयर (self care tips for busy women) के ऐसे ही जरूरी टिप्स जिन्हे फॉलो करना सभी के लिए जरूरी है।
फॉर्टिस हेल्थकेयर की मेंटल हेल्थ और बिहेवियर साइंस डिपार्टमेंट की हेड कामना छिब्बर ने सेल्फ केयर की सलाह देते हुए कुछ खास बातें बताई हैं, जिन्हे फॉलो कर आप अपनी नियमित जीवन को अधिक आसान कर सकती हैं।
सेल्फ केयर में नेचर का एक बड़ा महत्व है। प्रकृति आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के साथ ही आपके मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देती है। तनाव, एंजायटी, डिप्रैशन जैसी स्थिति में कारगर होती है। इतना ही नहीं यदि कोई व्यक्ति मोटापे से ग्रसित है, या उन्हें अस्थमा की समस्या या अन्य शारीरिक समस्याएं हैं, तो ऐसे में प्रकृति में समय बिताने से इन सभी समस्याओं के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। शाम के समय खुले वातावरण में वॉक करने की आदत बनाएं। इसके साथ ही सुबह सुबह हरे भरे मैदान में मेडिटेशन या योगा करें। यदि आपके पास ज्यादा समय नहीं है, तो कुछ देर वॉक कर आएं या डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।
पूरे दिन की थकान के बाद शरीर को रिलैक्स करना बेहद महत्वपूर्ण है। आजकल लोग रिलैक्स करने के नाम पर सोशल मीडिया लेकर स्क्रॉल करना शुरू कर देते हैं, यह बिल्कुल भी उचित नहीं है। सोशल मीडिया और मोबाइल फोन पर व्यस्त रहने से आपका दिमाग सक्रिय रहता है, आंखों पर भी भार पड़ता है। इस दौरान बॉडी एनर्जी रिलीज कर रही होती है और शरीर को असल में आराम नहीं मिलता। इसलिए खाली समय में शरीर को रिलैक्स करें और सोशल मीडिया और मोबाइल फोन को कुछ देर के लिए खुद्से दूर रख दें।
अक्सर व्यस्तता में लोग शारीरिक थकान पर तो ध्यान देते हैं, परंतु मानसिक थकान को नजरअंदाज कर देते हैं। ऑफिस के घंटे में जितना आपका शरीर थकता है, उतना ही आपके मस्तिष्क पर भी असर पड़ता है। वहीं परेशानी बढ़ने ज्यादातर लोग नेगेटिविटी को अट्रैक्ट करते हैं। इन चीजों को अवॉइड करने के लिए ग्रेटीट्यूड प्रैक्टिस करना जरूरी है। ग्रेटीट्यूड का मतलब है, जीवन में हो रहे सकारात्मक चीजों के प्रति आभार व्यक्त करना।
हम सभी के जीवन में कई अच्छे पल आते हैं, उन पॉजिटिव चीजों को लेकर खुश रहना और उन चीजों के लिए थैंकफूल रहने से पॉजिटिविटी अट्रैक्ट होती है। वहीं व्यक्ति को अपने जीवन में खुश रहने और बेहतर महसूस करने में मदद मिलती है। इससे ये एहसास होता है, की जीवन कितनी खूबसूरत है, और इसमें तनाव के अलावा कई ऐसी चीजें है, जो जीवन को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं।
आजकल व्यवस्था में लोगों ने एक दूसरे से मिलना कम कर दिया है। बहुत से लोग सालों में एक बार मिलते हैं। आपको मालूम होना चाहिए कि पसंदीदा लोगों के साथ वक्त बिताने से तनाव कम होता है। यदि आप शारीरिक और मानसिक रूप से परेशान हो चुकी हैं, तो दोस्त, परिवार का कोई सदस्य या आपके मां-बाप या जिससे भी आपकी बॉन्डिंग स्ट्रॉन्ग है, उनके साथ कुछ वक्त बिताए। इन लोगों के सामने आप अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त कर पाती हैं, जिससे कि आपका मानसिक और भावनात्मक तनाव कम होता है।
यदि आप ऑफिस से थकी हारी लौटने के बाद सीधा बेड पर लेट जाती हैं, या आप अपने नियमित दिनचर्या में भी हाइजीन को फॉलो नहीं करती हैं, तो ऐसे में आपको चिड़चिड़ापन, गुस्सा आना यहां तक की एलर्जी और इन्फेक्शन जैसी समस्याएं भी परेशान कर सकती हैं। इसलिए प्रॉपर हाइजीन मेंटेन करना बहुत जरूरी है। जब आपका शरीर पूरी तरह से क्लीन होता है, तो इसके कई फायदे हैं। यह सभी प्रकार के शारीरिक समस्याओं के खतरे को कम कर देता है।
इसके अलावा आपको मानसिक रूप से भी शांत रहने में मदद करता है। इसलिए ऑफिस से आने के बाद हाथ पैर को अच्छी तरह से क्लीन करें, फेस वॉश करें, मुमकिन हो तो कुछ मिनट तक शॉवर ले लें। इसके अलावा नियमित हाइजीन टिप्स को फॉलो करना भी बहुत जरूरी है।
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