क्या आप भी उन्हीं में से एक हैं, जिन्हें जरूरत न होने पर भी अपना अनुपयोगी सामान घर से निकालने का मन नहीं करता? पुराने जूतों और कपड़ो से लेकर हर वो चीज जिसकी आपको जरूरत नहीं है उसे घर से निकाल देना या किसी को डोनेट कर देना,असल में आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है।
असल में सामान जोड़ना आपको संतुष्टि की एक अजीब भावना प्रदान करता है। पर इसके साथ ही यह आप पर काम का बोझ कुछ बढ़ा देता है। जिससे आपका तनाव भी बढ़ता है। अलमारियों में ठुंसे हुए कपड़े और शेल्फ से बाहर आ रहे जूते आपके मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक असर डालते हैं।
यह समझने के लिए कि अव्यवस्थित स्थान का हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव क्यों पड़ता है, हम दिल्ली की एक प्रसिद्ध क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. भावना बर्मी के पास पहुंचे। वह कहती है, “जरूरत से ज्यादा भरा हुआ घर या अलमारी आपके लिए तनाव बढ़ा सकती है। यह आपके मस्तिष्क को बहुत अधिक संवेदी जानकारी के साथ ओवरलोड करता है। यह चिड़चिड़ापन, तनाव के स्तर में वृद्धि और फोकस को बाधित करता है।”
डॉ. भावना अपने घर से गैर जरूरी सामान निकाल कर किसी और को देने के 5 मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बता रहीं हैं:
स्थान का व्यवस्थित होना और उसे ठीक करने में आपके निर्णय लेने के कौशल को बढ़ाएगा। क्योंकि आप इस बात को सोचते है कि कहां, क्या रखना है और क्या छोड़ना है।डॉ. बर्मी कहती हैं, “अपने स्थान को सुचारु रूप से सजाने से आत्मविश्वास और आत्म-प्रभावकारिता की भावना पैदा करने में मदद मिल सकती है।
यह आपको निर्णय लेने और समस्या को सुलझाने की शक्ति देगा। किसी वस्तु को रखना या त्यागना आपके हाथ में है या आप जैसा चाहें वैसा कर सकती हैं।”
हमें यकीन है कि आप चिड़चिड़े महसूस कर रहे होंगे जब आपके आस-पास की चीजें बिखरी हुई और गड़बड़ हैं। इसलिए, अपने आस-पास के स्थान को व्यवस्थित करना तनाव को कम करने का एक शानदार तरीका है। इसके परिणामस्वरूप मन को शांति भी मिलती है। “जब चीजें इधर-उधर बिखरी हुई होती हैं, तो यह हमें अव्यवस्थित और चिंतित महसूस करवाती हैं। मनुष्य वास्तव में व्यवस्थित चीजें पसंद करता है। इसलिए, चीजों को व्यवस्थित करने से आपका एंग्जायटी लेवल कम होगा। ” डॉ. बर्मी कहती हैं।
जब आप अपने घर को डिक्लटर कर रही होती हैं, तो आप खुद को जरूरी और सही चीजों की पहचान करने के मोड में डाल देती हैं। इस मोड में आप अन्य कार्यों को पूरा करने के लिए अधिक ऊर्जावान और प्रेरित महसूस करती हैं।
डॉ.बर्मी कहती हैं, “जब आप अपेक्षाकृत छोटे कार्य को पूरा करने में सफल होती हैं, तो आपको एक उपलब्धि का अहसास होता है। जो आपको अधिक ऊर्जावान बनाती है और आपको अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ने में मदद करती है।”
कई बार चीजों को ढूंढते आपने भी अलमारी उलट-पुलट की होगी। इससे आपकी टेंशन और झुंझलाहट दोनों ही बढ़ गई होगी। पर अगर इस झुंझलाहट से बचना है तो खुद को और अपने सामान को व्यवस्थित करें। जो चीज इस्तेमाल नहीं हो रही है, उसे निकालने में संकोच न करें।
डॉ.बर्मी चेतावनी देती हैं कि “तनाव परिवार के सदस्यों के बीच संबंधों में तनाव डाल सकता है और इसीलिए चीजों को व्यवस्थिति रखना महत्वपूर्ण है। यह परिवार के सदस्यों के बीच एक स्वस्थ संबंध को बढ़ावा देने में मदद करेगा और तनाव के स्तर को कम करेगा। ”
“स्थान को व्यवस्थित करने से मन शांत होता है। अपने दिमाग को भटकने और अपने मानसिक भार को कम करने का मौका देने से आप जो कुछ भी काम कर रहे हैं उसमें और अंतर्दृष्टि पैदा कर सकते हैं।
चीजों को व्यवस्थित रखने के अभ्यास के कुछ महीनों के बाद, आप निश्चित रूप से कम तनावग्रस्त और ज्यादा एनर्जेटिक महसूस करेंगी। इससे कुछ नई क्षमता और शक्ति प्राप्त हो सकती है। तो,क्या लेडीज आप अपने स्थान को व्यवस्थित करने के लिए तैयार हैं?
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