कभी-कभी हम खुद को चोटिल कर लेते हैं। अपने शरीर को नाखूनों से खुरचकर, दीवार पर सर पटककर खुद को घायल कर लेते हैं। हमें लगता है कि हमने कुछ गलत कर दिया है या हमें लगातार असफलता क्यों मिल रही है। खुद को चोट पहुंचाना पूरी तरह से मेंटल हेल्थ खासकर इमोशनल हेल्थ से जुड़ी समस्या हो सकती है। हालांकि सेल्फ इंजरी ज्यादातर मामलों में घातक नहीं होती। इसके बावजूद विशेषज्ञ मानते हैं कि इसके प्रति जागरूक होना जरूरी है। सेल्फ इंजरी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक ख़ास दिवस (self injury awareness day) मनाया जाता है।
सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे (Self Injury Awareness Day 2024) खुद को लगी चोट के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रति वर्ष 1 मार्च को दुनिया भर में मनाया जाता है। जीवन की कुछ घटनाएं और अन्य कारक मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए खुद के प्रति होने वाले नुकसान और भावनात्मक संकट से बचना और निपटना जरूरी है।
मेंटल हेल्थ जर्नल के अध्ययन बताते हैं कि हर साल लगभग 1.46 करोड़ लोग सेल्फ इंजरी कर लेते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के अनुसार लोग खुद को नुकसान पहुंचाने के इरादे से सेल्फ इंजरी नहीं करते हैं। लेकिन यह घातक हो सकता है या आत्महत्या के लिए जोखिम बढ़ा सकता है। इसलिए सेल्फ अवेयर होना जरूरी (self injury awareness day) है।
स्वयं को नुकसान (Self harm) पहुंचाने वाले व्यवहार जटिल व्यक्तिगत अनुभव हैं। इसलिए इस मुद्दे के बारे में जागरूकता पैदा करना, समझ को प्रोत्साहित करना और स्टिग्मा को कम करना महत्वपूर्ण है। परिवार के सदस्यों, दोस्तों, सहकर्मियों या समाज के सदस्यों के रूप में व्यक्ति संकट का सामना कर रहे लोगों तक पहुंच सकता है। उनकी बात सुनकर उन्हें अपना सपोर्ट (self injury awareness day) दे सकता है।
किसी के संकट या आत्म-नुकसान के विचारों के अनुभवों के बारे में सुनने के लिए समय और स्थान निश्चित करना और उन्हें अपनी मदद से जोड़ना महत्वपूर्ण है। अपनी कहानियों और अनुभवों को साझा करना भी उपयोगी हो सकता है। आत्म-नुकसान के बारे में सार्थक और सुरक्षित बातचीत इससे प्रभावित लोगों को इससे उबार सकती है।
नॉन-सुसाइडल सेल्फ इंजरी को आत्म-चोट या सेल्फ इंजरी कहा जाता है। इसमें जान बूझकर अपने शरीर को नुकसान पहुंचाया जाता है, जैसे कि खुद को काटना या जलाना। आमतौर पर इसका मतलब आत्महत्या का प्रयास नहीं होता है, लेकिन कभी-कभी परिणाम के आत्मघाती होने की संभावना बनी रहती है। इस प्रकार की सेल्फ इंजरी भावनात्मक दर्द, उदासी, क्रोध और तनाव से निपटने का एक हानिकारक तरीका है।
खुद को चोट पहुंचाने से थोड़ी देर के लिए शांति का एहसास हो सकता है। व्यक्ति को शारीरिक और भावनात्मक तनाव से मुक्ति मिल सकती है। इसके बाद आमतौर पर अपराधबोध, शर्मिंदगी और दर्दनाक भावनाओं की वापसी होती है। आम तौर पर जीवन-घातक चोटों का इरादा नहीं होता है, लेकिन यह संभव है कि अधिक गंभीर और यहां तक कि घातक आत्म-नुकसान हो सकता है। उचित उपचार मिलने से इससे निपटने के स्वस्थ तरीके सीखने में मदद मिल सकती है।
मेंटल हेल्थ जर्नल के अध्ययन के अनुसार, ऐसे लोगों से जुड़ें, जो आपको सपोर्ट कर सकते हैं, ताकि आप अकेला महसूस नहीं करें। उदाहरण के लिए परिवार के किसी विश्वसनीय सदस्य या मित्र से संपर्क करें। किसी सहायता समूह से संपर्क करें। अपने हेल्थकेयर एक्सपर्ट या मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट से संपर्क करें।
उन वेबसाइटों से बचें, जो सेल्फ इंजरी का समर्थन करती हैं या उकसाती हैं। इसकी बजाय उन साइटों की तलाश करें, जो आपके ठीक होने के प्रयासों का समर्थन करती हैं।
अपनी भावनाओं को सकारात्मक तरीके से व्यक्त करना सीखें। अपनी भावनाओं को संतुलित करने और अपनी भलाई की भावना को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय बनें। रिलैक्स कराने वाले तकनीकों का अभ्यास करें। उन गतिविधियों में भाग लें, जो व्यक्तिगत रूप से आपको सार्थक (self injury awareness) लगती हैं, जैसे नृत्य, कला या संगीत।
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कस्टमाइज़ करेंयदि किसी उपचार योजना का पालन कर रही हैं, तो कोर्स पूरा होने तक ट्रीटमेंट कराएं। निर्धारित दवा लेती रहें। परिवार के सदस्य भी दवा लेने के लिए पीड़ित को प्रोत्साहित कर सकते हैं। थेरेपी के दौरान सीखे गए स्किल (self injury awareness day) का अभ्यास करने के महत्व पर जोर दें।
घर में सुरक्षित माहौल होना जरूरी (self injury awareness) है। इसमें परिवार के सदस्य को जागरूक (self injury awareness day) होना जरूरी है। माचिस, चाकू, रेजर ब्लेड या अन्य वस्तुओं को हटाएं या उन तक पहुंच सीमित करें। इनका उपयोग स्वयं को चोट पहुंचाने के लिए किया जा सकता है।
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