Self Injury Awareness Day: अपने शरीर को चोट पहुंचाना भावनात्मक तनाव का उपचार नहीं है, अगर ऐसी भावनाएं आती हैं तो याद रखें ये 4 बातें

खुद को चोट पहुंचाने से थोड़ी देर के लिए शांति का एहसास हो सकता है। मगर यह एहसास बहुत देर तक नहीं रहता। खुद को चोट पहुंचाने के बावजूद आपको अपराधबोध, शर्मिंदगी और दर्दनाक भावनाओं से छुटकारा नहीं मिल पाता। इसलिए अपने आप से प्यार करना और अपनी देखभाल करना सबसे ज्यादा जरूरी है।
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सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे खुद को लगी चोट के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रति वर्ष 1 मार्च को दुनिया भर में मनाया जाता है। चित्र : अडोबी स्टॉक
स्मिता सिंह Published: 29 Feb 2024, 16:10 pm IST
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मेडिकली रिव्यूड

कभी-कभी हम खुद को चोटिल कर लेते हैं। अपने शरीर को नाखूनों से खुरचकर, दीवार पर सर पटककर खुद को घायल कर लेते हैं। हमें लगता है कि हमने कुछ गलत कर दिया है या हमें लगातार असफलता क्यों मिल रही है। खुद को चोट पहुंचाना पूरी तरह से मेंटल हेल्थ खासकर इमोशनल हेल्थ से जुड़ी समस्या हो सकती है। हालांकि सेल्फ इंजरी ज्यादातर मामलों में घातक नहीं होती। इसके बावजूद विशेषज्ञ मानते हैं कि इसके प्रति जागरूक होना जरूरी है। सेल्फ इंजरी के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एक ख़ास दिवस (self injury awareness day) मनाया जाता है।

क्या है सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे (Self Injury Awareness Day)

सेल्फ इंजरी अवेयरनेस डे (Self Injury Awareness Day 2024) खुद को लगी चोट के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रति वर्ष 1 मार्च को दुनिया भर में मनाया जाता है। जीवन की कुछ घटनाएं और अन्य कारक मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए खुद के प्रति होने वाले नुकसान और भावनात्मक संकट से बचना और निपटना जरूरी है।

मेंटल हेल्थ जर्नल के अध्ययन बताते हैं कि हर साल लगभग 1.46 करोड़ लोग सेल्फ इंजरी कर लेते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) के अनुसार लोग खुद को नुकसान पहुंचाने के इरादे से सेल्फ इंजरी नहीं करते हैं। लेकिन यह घातक हो सकता है या आत्महत्या के लिए जोखिम बढ़ा सकता है। इसलिए सेल्फ अवेयर होना जरूरी (self injury awareness day) है।

आत्म-नुकसान के बारे में सार्थक और सुरक्षित बातचीत (Meaningful and safe conversations about self injury)

स्वयं को नुकसान (Self harm) पहुंचाने वाले व्यवहार जटिल व्यक्तिगत अनुभव हैं। इसलिए इस मुद्दे के बारे में जागरूकता पैदा करना, समझ को प्रोत्साहित करना और स्टिग्मा को कम करना महत्वपूर्ण है। परिवार के सदस्यों, दोस्तों, सहकर्मियों या समाज के सदस्यों के रूप में व्यक्ति संकट का सामना कर रहे लोगों तक पहुंच सकता है। उनकी बात सुनकर उन्हें अपना सपोर्ट (self injury awareness day) दे सकता है।

अनुभवों को साझा करना (Share experiences) 

किसी के संकट या आत्म-नुकसान के विचारों के अनुभवों के बारे में सुनने के लिए समय और स्थान निश्चित करना और उन्हें अपनी मदद से जोड़ना महत्वपूर्ण है। अपनी कहानियों और अनुभवों को साझा करना भी उपयोगी हो सकता है। आत्म-नुकसान के बारे में सार्थक और सुरक्षित बातचीत इससे प्रभावित लोगों को इससे उबार सकती है।

नॉन-सुसाइडल सेल्फ इंजरी (Non suicidal self Injury)

नॉन-सुसाइडल सेल्फ इंजरी को आत्म-चोट या सेल्फ इंजरी कहा जाता है। इसमें जान बूझकर अपने शरीर को नुकसान पहुंचाया जाता है, जैसे कि खुद को काटना या जलाना। आमतौर पर इसका मतलब आत्महत्या का प्रयास नहीं होता है, लेकिन कभी-कभी परिणाम के आत्मघाती होने की संभावना बनी रहती है। इस प्रकार की सेल्फ इंजरी भावनात्मक दर्द, उदासी, क्रोध और तनाव से निपटने का एक हानिकारक तरीका है।

भावनात्मक तनाव से मुक्ति (to get rid of Emotional stress) 

खुद को चोट पहुंचाने से थोड़ी देर के लिए शांति का एहसास हो सकता है। व्यक्ति को शारीरिक और भावनात्मक तनाव से मुक्ति मिल सकती है। इसके बाद आमतौर पर अपराधबोध, शर्मिंदगी और दर्दनाक भावनाओं की वापसी होती है। आम तौर पर जीवन-घातक चोटों का इरादा नहीं होता है, लेकिन यह संभव है कि अधिक गंभीर और यहां तक कि घातक आत्म-नुकसान हो सकता है। उचित उपचार मिलने से इससे निपटने के स्वस्थ तरीके सीखने में मदद मिल सकती है।

emotional stress se mukt hone ke liye khud ko chot pahunchana sahi nahin hai.
खुद को चोट पहुंचाने से घातक आत्म-नुकसान हो सकता है। चित्र : अडॉबी स्टॉक

भावनात्मक तनाव से गुजर रहीं हैं, तो खुद को चोट पहुंचाने की बजाए इन 5 चीजों पर गौर करें (How to prevent self injury after emotional trauma)

1 अकेला महसूस न करें (don’t feel alone)

मेंटल हेल्थ जर्नल के अध्ययन के अनुसार, ऐसे लोगों से जुड़ें, जो आपको सपोर्ट कर सकते हैं, ताकि आप अकेला महसूस नहीं करें। उदाहरण के लिए परिवार के किसी विश्वसनीय सदस्य या मित्र से संपर्क करें। किसी सहायता समूह से संपर्क करें। अपने हेल्थकेयर एक्सपर्ट या मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट से संपर्क करें।

उन वेबसाइटों से बचें, जो सेल्फ इंजरी का समर्थन करती हैं या उकसाती हैं। इसकी बजाय उन साइटों की तलाश करें, जो आपके ठीक होने के प्रयासों का समर्थन करती हैं।

2 भावनाओं को पॉजिटिव तरीके से प्रकट करें (express your emotions in positive ways)

अपनी भावनाओं को सकारात्मक तरीके से व्यक्त करना सीखें। अपनी भावनाओं को संतुलित करने और अपनी भलाई की भावना को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए शारीरिक रूप से अधिक सक्रिय बनें। रिलैक्स कराने वाले तकनीकों का अभ्यास करें। उन गतिविधियों में भाग लें, जो व्यक्तिगत रूप से आपको सार्थक (self injury awareness) लगती हैं, जैसे नृत्य, कला या संगीत।

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3 अपने उपचार को ठीक से फॉलो करें (Support the treatment plan)

यदि किसी उपचार योजना का पालन कर रही हैं, तो कोर्स पूरा होने तक ट्रीटमेंट कराएं। निर्धारित दवा लेती रहें। परिवार के सदस्य भी दवा लेने के लिए पीड़ित को प्रोत्साहित कर सकते हैं। थेरेपी के दौरान सीखे गए स्किल (self injury awareness day) का अभ्यास करने के महत्व पर जोर दें।

Physiotherapy ke fayde
यदि किसी उपचार योजना का पालन कर रही हैं, तो कोर्स पूरा होने तक ट्रीटमेंट कराएं। चित्र : अडॉबी स्टॉक

4 अपने आसपास के माहौल को सुरक्षित बनाएं (safe home environment)

घर में सुरक्षित माहौल होना जरूरी (self injury awareness) है। इसमें परिवार के सदस्य को जागरूक (self injury awareness day) होना जरूरी है। माचिस, चाकू, रेजर ब्लेड या अन्य वस्तुओं को हटाएं या उन तक पहुंच सीमित करें। इनका उपयोग स्वयं को चोट पहुंचाने के लिए किया जा सकता है।

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स्वास्थ्य, सौंदर्य, रिलेशनशिप, साहित्य और अध्यात्म संबंधी मुद्दों पर शोध परक पत्रकारिता का अनुभव। महिलाओं और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर बातचीत करना और नए नजरिए से उन पर काम करना, यही लक्ष्य है।...और पढ़ें

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