4 संकेत जो बताते हैं कि आप अपने इमोशन्स को लगातार दबा रही हैं, एक्सप्रेस करें और समाधान खोजें

किसी बात पर गुस्सा आने पर अधिकतर लोग चुपचाप उस परिस्थिति का सामना कर लेते हैं। जानते हैं वो संकेत जो इस बात को दर्शाते हैं कि व्यक्ति अपनी भावनाओं को दबाने का प्रयास कर रहा है।
Emotions control krne ke sign
भावनाओं को खुलकर व्यक्त न कर पाना और उन्हें मन में एकत्रित करते जाना सप्रैसेंट इमोशंस कहलाते हैं। चित्र अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 6 Apr 2024, 17:00 pm IST
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इनपुट फ्राॅम

दो प्रकार के लोग होते हैं, एक वो जो चुपचाप सहन कर लेता है और एक वो जो अपनी बात को ज़ाहिर करता है। छोटी छोटी बातों पर आने वाला गुस्सा भले ही अन्य लोगों से व्यक्तिगत संबधों के खराब होने का कारण साबित होता है। मगर इससे व्यक्ति अपने इमोशंस को रिलीज करके शांत रह पाता है। दूसरी ओर वे लोग जो अन्य लोगों की बातों पर रिएक्ट करने की जगह मन ही मन घुटने लगते है और अपनी भावनाओं को सप्रेस यानि दबाने का प्रयास करते हैं। लंबे वक्त तक इंमोशंस को नियंत्रित करने से उसका प्रभाव शरीर के अन्य अंगों पर भी नज़र आने जगता है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण साबित होता है। जानते हैं वो संकेत जो इस बात को दर्शाते हैं कि व्यक्ति अपनी भावनाओं को दबाने का प्रयास कर रहा है।

किस प्रकार से इमोशंस को दबाने की प्रक्रिया शुरू होती है

इस बारे में बातचीत करते हुए मनोचिकित्सक डॉ युवराज पंत बनाते हैं कि अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त न कर पाना और उन्हें मन में एकत्रित करते जाना सप्रैसेंट इमोशंस कहलाते हैं। बचपन के दिनों में बच्चों को डांटना, फटकारना और उनके साथ र्दुव्यवहार करने से वे शांत और चुपचाप रहने लगते हैं। प्राइमरी केयरटेकर्स यानि माता पिता का सान्निध्य न मिलने या बच्चों की ओर पूरा ध्यान न दे पाने के कारण उनके कम्यूनिकेशन सिक्ल्स डेवलप नहीं हो पाते है। इसके चलते वे चाहकर भी अपनी भावनाओं को व्यक्त नहीं कर पाते हैं।

Emotions ko dabaane ka kaaran
भावनाओ को जाहिर न कर पाने के कारण व्यक्ति अपने विचारों के साथ खुद को अकेला पाता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

किन भावनाओं को लोग छुपाने का प्रयास करते हैं

किसी बात पर गुस्सा आने पर अधिकतर लोग चुपचाप उस परिस्थिति का सामना कर लेते हैं।

डर लगने के बावजूद भी कुछ लोग उस बात को ज़ाहिर नहीं कर पाते हैं और मन के अंदर अपने इमोशंस को कैद कर लेते हैं।

अक्सर होने वाली झुंझलाहट को अन्य लोगों पर ज़ाहिर नहीं कर पाते हैं और मन ही मन खुद को कोसते रहते हैं।

जीवन में बहुत सी ऐसी चीजें होती है, जो डिसअपॉइंटमैंट का कारण साबित होती हैं। व्यक्ति जीवन में मायूस होकर भावनाओं को दबा लेता है।

वो संकेत जो बताते हैं कि कोई व्यक्ति अपनी भावनाओं को दबा रहा है

1. चुप हो जाना

अचानक बात करते करते जब मामला गंभीर होने लगता है, तो अपनी भावनाओं को दबाले वाले लोग उस वार्तालाप से पीछे हटने का प्रयास करते हैं। वे किसी भी प्रकार की बहस और गुस्से से दूर रहते हैं और चुप रहकर परिस्थ्ति को संभालने लगते हैं।

2. सब कुछ ठीक होने का नाटक करना

अन्य लोग उनकी परिस्थिति को न जान पाएं। इसके लिए ऐसे लोग कई परेशानियां और चिंताएं होने के बावजूद सब कुछ ठीक होने का दावा करते हैं। वे किसी व्यक्ति के लिए परेशानी का कारण नहीं बनना चाहते है इसलिए सदैव अपनी पीढ़ा को छुपा लेते हैं।

3. अकेलापन महसूस करना

भावनाओ को जाहिर न कर पाने के कारण व्यक्ति अपने विचारों के साथ खुद को अकेला पाता है। उस लगने लगता है कि वो अकेला है और वो दोस्तों से बातचीत और मिलना जुलना बंद कर देता है। ऐसे लोग सभी समस्याओं के लिए खुद जिम्मेदार मानने लगते हैं और वो पुच रहकर समस्या सुलझाने का प्रयास करते हैं।

emotions ko supress krne se kaise bachein
ऐसे लोग अन्य लोगों को हर पल खुश रखने का प्रयास करने लगते हैं। वे खुद से ज्यादा अन्य लोगों को प्रमुखता देने लगते हैं। चित्र शटरस्टॉक।

4. लोगों को प्रसन्न करने का प्रयास

ऐसे लोग अन्य लोगों को हर पल खुश रखने का प्रयास करने लगते हैं। वे खुद से ज्यादा अन्य लोगों को प्रमुखता देने लगते हैं, जो बर्नआउट का कारण भी साबित होता है। ऐसे लोग अपने महत्व को समझ नहीं पाते हैं और दूसरों को प्रसन्न रखने का प्रयास करते रहते हैं, वे हमेशा अन्य लोगों को नाराज़ करने से डरते हैं।

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इस समस्या से कैसे बाहर आएं

अपनी भावनाओं को ज़ाहिर करें और किसी भी परेशानी से निकलने के लिए अपना मार्ग खुद बनाएं।

स्वंय की इच्छाओं को प्राथमिकता दें। इससे आप खुद को प्रेम करने लगेंगे और अपनी पसंद व नापसंद के बारे में जान पाएंगे।

दूसरों को हरपल खुद रखने की कोशिश करना छोड़ दें और अपने जीवन को अपने अनुसार चलाने का प्रयास करें।

अपनी बातों को अन्य लोगों के समक्ष जाहिर करें और एक सोशन सर्कल मेंटेन करें। इससे व्यक्ति एक्सप्रेसिव बनने लगता है और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में समर्थ हो जाता है।

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लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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