ये 4 संकेत बताते हैं कि आप पर हावी हो रहा है निराशावादी रवैया, अब समय है इसे बदलने का

यह सोचना कि कुछ भी अच्छा नहीं होगा या हमेशा असफलता की उम्मीद करना निराशावाद के रूप में जाना जाता है। यहां हम बता रहे हैं ऐसे कुछ संकेतों के बारे में जो आपको निराशावाद को पहचानने में मदद करेंगे।
निराशावादी रवैया आपकी सफलता की राह में सबसे बड़ी बाधा है।‍ चित्र: शटरस्‍टॉक
निराशावादी रवैया आपकी सफलता की राह में सबसे बड़ी बाधा है।‍ चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 10 Dec 2020, 11:02 am IST
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क्‍या आप कभी किसी ऐसे व्यकित से मिली हैं, जो थोड़ी सी असुविधा होने पर कहता है, “मेरे साथ ही हमेशा बुरा क्यों होता है?” एक पेन गिरने से लेकर नौकरी के लिए इंटरव्यू में रिजेक्ट होने तक, यह किसी के भी साथ हो सकता है। पर एक निराशावाद व्यक्ति को हमेशा यह लगता है कि उसका हर प्रयास असफल होगा। और हर परिणाम हमेशा उनके खिलाफ होगा। यह दृष्टिकोण बहुत नकारात्मक है और इससे आपको भविष्‍य में कई नुकसान उठाने पड़ सकते हैं।

यहां निराशावाद के चार संकेत दिए गए हैं। अगर आप इस तरह से सोच रहे हैं, तो आपको नकारात्मकता से दूर रहने की जरूरत है:

1. आप उन चीजों को करने से बचती हैं जो आपको पसंद हैं

हम सभी को असलता से नफरत है। सच्चाई यह है कि हर स्थिति के सिर्फ दो परिणाम होते हैं- सफलता और विफलता। दोनों के ही होने के 50-50% चांस होते हैं। लेकिन निराशावादी लोग हमेशा यह सोचते हैं कि वे कुछ भी करने के लिए आगे बढ़ने से पहले ही असफल हो सकते हैं। जिसका उन्हें पहले से पता था। कहने की जरूरत नहीं है, यह वास्तव में किसी के जीवन को प्रभावित कर सकता है।

नकारात्‍मकता आपको तनाव देती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
नकारात्‍मकता आपको तनाव देती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

अगर आपका रवैया भी ऐसा है, तो यह आपके जीवन को और मुश्किल बना सकता है। जिससे आपके भीतर गंभीर निराशा पैदा होगी। इसके परिणामस्वरूप आप निराशावाद के चरम पर पहुंच जाएंगे। जबकि विफलता का डर आपको आपके सपनों को देखने और उन्हें पूरा करने से भी रोकता है।

ऐसे में अपने आप को यह विश्‍वास दिलाने की कोशिश करें कि जिस जीवन को आप जीना चाहती हैं उसकी नींव रखने के लिए साहस का एक क्षण ही काफी है।

2. आप परिवर्तन का विरोध करते हैं

वे कहते हैं न कि परिवर्तन ही जीवन में चिरस्‍थयी है। हमारी प्रोफेशनल लाइफ से लेकर हमारे व्यक्तिगत संबंधों तक हम परिवर्तनों का अनुभव करते रहते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम इन परिवर्तनों के साथ कैसे निपटते हैं।

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ज्यादातर औरतें करवा चौथ व्रत रखती हैं, क्योंकि…

केवल परिवर्तन को स्वीकार करना ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि इसे खोजना भी आवश्यक है क्योंकि जब हम बदल रहे हैं, तो हम आगे बढ़ रहे हैं। एक ही चरण में रहने से हमारे व्यक्तित्व का विकास नहीं होता। हमें अपनी पूरी क्षमता को ढूंढने और पहचान पाने से रोकता है।

अच्‍छा और बुरा किसी के भी साथ हो सकता है। चित्र: शटरस्‍टाॅॅक
अच्‍छा और बुरा किसी के भी साथ हो सकता है। चित्र: शटरस्‍टाॅॅक

जिनका दृष्टिकोण निराशावादी है वे लोग परिवर्तन का ज्यादातर विरोध करते है। क्योंकि वे इसके बजाय सभी सकारात्मक प्रभावों को देख सकते हैं। वे उन सभी समस्याओं के बारे में सोचते हैं जो इसके कारण हो सकती हैं।

3.आप समाधान के बजाय समस्या पर ध्यान केंद्रित करती हैं

निराशावादी लोग किसी भी स्थिति के नकारात्मक पहलू पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इसलिए वे अक्सर समाधान के बजाय समस्या के बारे में सोचने पर बहुत अधिक समय और ऊर्जा खर्च करते हैं। इससे उनकी सोच-समझकर निर्णय लेने की क्षमता खत्म हो जाती है। जिससे उनकी परेशानियां बढ़ सकती हैं।

हम सभी को समस्याएं हैं और अपनी परेशानियों या समस्याओं को सिर्फ हम ही ठीक करने के लिए कुछ उपाय कर सकते हैं। हमें इसके लिए एक बेहतर समाधान खोजने पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम होना चाहिए। पूरी तरह से इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने से केवल चिंता की भावना पैदा होगी। इससे हमारी कार्य करने की क्षमता कम हो जाएगी।

4. खुद से नाकारात्मक बातें करना

हम सभी मन में खुद से बाते करते हैं। ऐसा करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें अपने स्वयं के जीवन, समस्याओं, आगे की योजना का विश्लेषण करने और हमारी भावनाओं पर नजर रखने में मदद करता है।

नेगेटिव विचारों को कंट्राेल करना तत्‍काल जरूरी है। चित्र: शटरस्‍टॉक

निराशावाद व्यक्ति में नकारात्मकता को जन्म देता है, जो खुद से बातचीत करने के दौरान भी दिखाई देता है। अपनी ताकत और महत्वाकांक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय, निराशावादी अपनी कमजोरियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं।

इस तरह हम खुद से नाकारात्मक बातों को लेकर बातचीत करते हैं। जो हमारे मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। ओहन मिल्टन ने मैग्नम ओपस में लिखा है कि ‘मन अपनी जगह है।’

यदि आप नकारात्मक सोचते हैं और नकारात्मक रूप से खुद से बातें करते हैं, तो इससे आपको नकारात्मक महसूस होगा और यह आपके साथ आपके जीवन में दिखाई देता है। आप अपने सबसे बड़े चीयरलीडर हैं बस खुद पर विश्वास करने की जरूरत है।

अगर इन चारों बिंदुओं से आपका रवैया मेल खाता है, तो यही समय है जब आपको अपना नजरिया बदलना चाहिए। क्‍योंकि एक सुंदर भविष्‍य और बहुत सारी सफलताएं आपका इंतजार कर रहीं हैं।

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