Defensive Behavior : इन 4 कारणों से आपके रिश्ते के लिए अच्छा नहीं है डिफेंसिव होना

जब आप कोई गलती करते हैं, जिसके लिए आपकी आलोचना हो रही होती है, आप उसी के कारण दूसरों में खोजना शुरू कर देते हैं। यही व्यवहार डिफेंसिव होना होता है। और यह किसी भी रिश्ते के लिए बहुत खराब है।
defensive behaviour apke relation ko khatam kr sakta hai.
डिफेंसिवनेस अक्सर आपकी बातचीत खत्म होने का कारण बन सकता है। चित्र-अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Published: 21 Nov 2023, 13:25 pm IST
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किसी भी रिश्ते में डिफेंसिव होना (defensive behavior) आपके रिश्ते को खराब कर सकता है। इसमें आप केवल अपने बचाव के बारे में सोचते है। एक रिश्ते में सुनना चीजों का समझना और और अपनी गलती को भी मानना उतना ही जरूरी होता है जितना आप सामने वाले को दोषी ठहराते है। ओवरडिफेंसिव तब होते हैं जब आप केवल सामने वाले को गलत और अपने आप को सही कहते है और इसके कई कारण हो सकते है।

डिफेंसिव व्यवहार के बारे में हमे ज्यादा जानकारी दी हमें रिलेशनशिप एक्सपर्ट रूचि रूह ने, रूचि रूह बताती है कि रिश्ते में आपका डिफेंशिव व्यवहार आपके पार्टनर को ऐसा महसूस करा सकता है कि आप केवल अपने आप को सही बताना चाह रहें है और सामने वाले को गलत।

डिफेंसिव बरताव कैसा होता है (defensive behavior)

परिस्थितियों के आधार पर डिफेंसिव व्यवहार मामूली से लेकर गंभीर तक हो सकता है। एक व्यक्ति कई तरीकों से डिफेंसिवनेस दिखा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति कुछ ऐसा कहता है जिससे आप असहमत हैं, और आप उस पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी करते हैं या आपसे कुछ कहने के लिए उसकी आलोचना करते हैं, तो यह एक डिफेंसिव प्रतिक्रिया हो सकती है।

आप बिना डिफेंसिव हुए भी अपनी बात रख सकती हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
आप बिना डिफेंसिव हुए भी अपनी बात रख सकती हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

अगर कोई यह बात सामने लाता है कि आपने उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो आप भी डिफेंसिव महसूस कर सकते हैं। उनकी बात सुनने और समझने के बजाय कि उन्हें दुख क्यों महसूस हुआ, एक सामान्य प्रतिक्रिया के रूप में, आप उन चीजों को सामने ला सकते हैं जो उन्होंने अतीत में की हैं जिससे आपको परेशानी हुई और उनकी बातों को नजरअंदाज कर सकते है।

क्यों करते हैं लोग डिफेंसिव व्यवहार

डिफेंसिव का अर्थ उन क्षेत्रों में आलोचनाओं का विरोध करने या उन्हें अस्वीकार करने का प्रयास करना हो सकता है, जहां आप संवेदनशील, डर, गिल्ट या ठगा हुआ महसूस करते हैं। जब हमें लगता है कि हम मुसीबत में हैं, तो हमारा दिमाग अपने आप “फाइट और फ्लाइट” वाले मोड में आ जाता है। जिससे क्रोध या एंग्जाइटी जैसी भावनाएं पैदा हो सकती हैं।

भले ही हम पर कोई फिजिकल रूप से खतरा न हो, फिर भी जब ऐसा लगता है कि कोई हमारी पहचान, मौलिक मूल्यों या मूल्य की भावना को खतरे में डाल रहा है, तो हमें ये हमला लग सकता है। इससे लोगों को अपनी डिफेंसिव भावना पर काबू पाना मुश्किल हो सकता है।

रिलेशनशिप में डिफेंसिव व्यवहार के क्या संकेत हैं (Signs of a defensive behavior)

अकसर यह देखा गया है कि ऐसा व्यवहार करने वाला व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की बात सुनना बंद कर देता है।

जिस भी बात को लेकर आपकी आलोचना हो रही हो, उसके लिए आप बहाने बनाने लगते हैं। यानी आप अपने व्यवहार को किसी भी तरह से उचित ठहराने की कोशिश करते हैं।

इसके बाद यह भी होता है कि जो आप खुद कर रहे हाेते हैं, उसी के लिए दूसरों की आलोचना करना शुरू कर देते हैं।

यानी आप हर तरह से अपनी हरकतों, अपनी बातों और अपने व्यवहार को उचित ठहराने का प्रयास करते हैं।

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अतीत की उन बातों को सामने लाते हैं, जो सामने वाले व्यक्ति ने गलत की थीं और वर्तमान के मुद्दे पर बात करने से बचते हैं।

जानिए क्यों किसी भी रिश्ते के लिए खराब है डिफेंसिव व्यवहार

1 बातचीत को खराब करता है

रूचि रूह बताती हैं कि डिफेंसिवनेस अक्सर आपकी बातचीत खत्म होने का कारण बन सकता है। जब एक या दोनों पार्टनर लगातार अपनी रक्षा करने की आवश्यकता महसूस करते हैं, तो खुले, ईमानदार और प्रभावी संवाद कर पाना बहुत चुनौतीपूर्ण होने लगता है। इससे गलतफहमियां और अनसुलझे मुद्दे पैदा हो सकते हैं।

2 विवाद बढ़ने का कारण बन सकता है

लगातार डिफेंसिव रवैया आप दोनों के बीच में विवाद को बढ़ा सकता है। चिंताओं पर बात करने की बजाय या मुद्दों को हल करने के बजाय, डिफेंसिव प्रतिक्रियाएं असहमति को बढ़ा सकती हैं। यह किसी छोटी सी बात को किसी बड़ी समस्या में बदल सकती हैं।

Overgiving badhne ke kya kaaran hain
लगातार डिफेंसिव रवैया आप दोनों के बीच में विवाद को बढ़ा सकता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

3 भावनात्मक रूप से दूरी बढ़ जाती है

डिफेंसिव व्यवहार पार्टनर के बीच भावनात्मक दूरी पैदा करता है। जब एक या दोनों लोगों को लगातार अपनी रक्षा करने की आवश्यकता महसूस होती है, तो गहरे स्तर पर जुड़ना मुश्किल हो जाता है, जिससे भावनात्मक दूरी होने लगती है।

4 विश्वास में कमी का कारण बनती है

समय के साथ, डिफेंसिव व्यवहार रिश्ते में विश्वास और इंटिमेसी को ख़त्म कर देता है। पार्टनर निर्णय या आलोचना के डर से अपने विचारों, भावनाओं या कमजोरियों को साझा करने में झिझक सकते हैं, जिससे उनके बीच भावनात्मक जुड़ाव कमजोर हो सकता है।

चलते-चलते

रुचि रूह कहती हैं, “अगर आप किसी रिश्ते में हैं और उसमें बने रहना चाहते हैं, तो यह जरूरी है कि संवाद में खुलापन रखें। हर छोटी बात के लिए एक-दूसरे को दोष देना या उन्हें भविष्य में हथियार के रूप में इस्तेमाल करना आपके रिश्ते को खराब कर सकता है। इसलिए ओवर डिफेंसिव होने की बजाए एक-दूसरे का सम्मान करें और स्वीकार करें।”

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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