बच्चे को कॉन्फिडेंट बनाना है, तो पेरेंटिंग में भूलकर भी न करें ये 4 गलतियां

सिर्फ आहार और व्यायाम ही नहीं, बल्कि आपका व्यवहार भी आपके बच्चे की समग्र व्यक्तित्व विकास में मददगार हो सकता है। यह बच्चे के आत्मविश्वास को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
जानिए क्या है अपने बच्चों के कॉन्फ़िडेंस लेवल को बूस्ट करने का सही तरीका. चित्र : शटरस्टॉक

एक बच्चे के समग्र विकास में सिर्फ उसकी फिजिकल ग्रोथ ही काफी नहीं है। हमारे आसपास बहुत सारे बच्चे ऐसे भी हैं, जो इंटेलीजेंट होने के बावजूद अपनी बात रख नहीं पाते। इसकी वजह होती है आत्मविश्वास की कमी। अगर आप चाहती हैं कि आपके बच्चे का कॉन्फिडेंस लेवल (confidence level) हमेशा बेहतर हो, तो आपाको अभी से बहुत सारी बातों का ध्यान रखना होगा। हम यहां उन 4 पेरेंटिंग मिस्टेक्स (Parenting Mistakes) के बारे में बात करने वाले हैं, जिनके कारण बच्चों का कॉन्फिडेंस लेवल कम रह जाता है।

बच्चे की शारीरिक और मानसिक ग्रोथ में कई चीज़ें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं जैसे उनका कॉन्फिडेंस। आसपास के अनुभव बच्चों के कॉन्फिडेंस को बनाने और बिगाड़ने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे में उनकी पेरेंटिंग किस तरह से की जा रही है यह बहुत मायने रखता है।

यदि बच्चों में सही कॉन्फिडेंस लेवल तो यह उन्हें एक बेहतर इंसान बना सकता है और करियर में आगे बढ़ने में मदद कर सकता है। मगर कई बार माता – पिता अपने बच्चों को कॉन्फिडेंट बनाने के चक्कर में उन्हें उनका आत्मविश्वास कमजोर कर देते हैं। बच्चों गलत तरह से हैंडल करने पर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ सकता है।

तो यदि आपको अपने बच्चों का कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ाना हो तो आपको उनके साथ कैसे डील करना चाहिए? इस बारे में सही जानकारी दे रही हैं इशिना सदाना, जो कि पेरेंटिंग कोच हैं। यहां देखें उनका वीडियो –

बच्चे को कॉन्फिडेंट बनाने के लिए इन 4 पेरेंटिंग मिस्टेक्स से बचना है जरूरी

1. कॉन्फ़िडेंस की कमी को बार – बार न जताएं

यदि आपका बच्चा कॉन्फिडेंट नहीं है तो उसे बार – बार यह जताने की ज़रूरत नहीं है कि उसमें कॉन्फ़िडेंस की कमी है। यदि आप अपने बच्चे को अंडर कॉन्फिडेंट कहेंगे, तो इससे उनका कुछ भला नहीं होगा और न ही वो खुद को बदल पाएंगे। क्योंकि, यह उन्हें प्रोत्साहित करने का एक बहुत ही नेगेटिव तरीका है। इस तरह वे इसे खुद कि एक कमी मान लेंगे और बदलने का प्रयास नहीं करेंगे।

2. उनकी वीकनेस को बहुत ज़्यादा हाइलाइट न करें

बच्चों को बार – बार उनकी वीकनेस बताने से कोई फायदा नहीं होता है। बल्कि ऐसा करने से वे चिड़चिड़े हो जाएंगे और बुरा महसूस करने लगेंगे। बच्चो की गलतियों को बहुत ज़्यादा, हर किसी के सामने हाइलाइट करने से उन्हें और ज़्यादा अंडरकॉन्फिडेंट फील होता है। इसलिए बिना उनकी कमी को दर्शाये उन्हें पॉज़िटिव तरीके से मोटिवेट करने की कोशिश करें।

confidence level
जानिए क्या है अपने बच्चों के कॉन्फ़िडेंस लेवल को बूस्ट करने का सही तरीका. चित्र : शटरस्टॉक

3. बहुत ज़्यादा तनाव न लें

यदि आपके बच्चे में कॉन्फ़िडेंस की कमी है तो आपको बहुत ज़्यादा चिंतित होने की ज़रूरत नहीं है। साथ ही, इस चिंता का भार अपने बच्चों पर भी डालने की ज़रूरत नहीं है। ऐसा इसलिए, क्योंकि कॉन्फिडेंट बनना एक प्रोसेस है, न कि कोई चीज़ जिसे एक दिन में सिखाया जा सके। रीलैक्स्ड रहें और अपने बच्चों को भी प्रेशर में न आने दें।

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4. एक ही चीज़ के पीछे न पड़ जाएं

यदि बच्चों को एक ही चीज़ बार – बार बताई जाये तो वे उसे कभी नहीं मानते हैं, इसके बजाय वे रिबैलियस हो सकते हैं। एक चीज़ को बार – बार इक्सप्लेन किया जाए यह बच्चों कभी पसंद नहीं होता है। इसलिए बस सहजता से उन्हें एक या दो बार कहें।

अपने बच्चे को कॉन्फिडेंट बनाते समय जानें अंजाने में हम ये गलतियां कर जाते हैं, लेकिन इससे उनके मासिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए इन पेरेंटिंग मिस्टेक्स को दोबारा न दोहराएं। और पूरी पॉज़िटिविटी के साथ उन्हें कॉन्फिडेंट बनाएं।

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लेखक के बारे में

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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