भारतीय परम्परा और मूल्यों की बात करें तो शादी महज़ दो लोगों का नहीं दो परिवारों का गठबंधन है। जिसे आपसी समझौते, एडजस्टमेंट और साझेदारी के साथ निभाया जाता है, पर पिछले कुछ सालों में तलाक की संख्या दिन पर दिन बढ़ी है। हम भले ही इसे परिस्थितियों का नतीजा कहें पर मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि किसी रिश्ते की शुरुआत में ही उसके टूटने के कारण भी छुपे होते हैं। यहां उन 3 संकेतों के बारे में बात की जा रही है, जो रिश्ते के टूटने (signs of weak relationship) का जोखिम बढ़ा सकते हैं।
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन द्वारा हाल ही में की गई एक रिसर्च के अनुसार, “एक जोड़ा अपनी शादी के शुरुआती समय को किस तरह से देखता है, यह उनकी शादी के चलने और तलाक की संभावना को प्रभावित करने वाले बड़े कारणों में से एक है।”
2009 में ऑस्टिन के टेक्सास विश्वविद्यालय के टेड हस्टन द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार कपल के लिए शादी के शुरुआती साल बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। तलाक के लिए आए हुए जोड़ों पर हुए इस एक्सपेरिमेंट में यह देखा गया कि किस तरह कपल एक-दूसरे से जुड़ी पुरानी बातों को याद करता है। यदि अपने साथ के शुरुआती समय के बारे में बताते हुए वह सकारात्मक है, तो तलाक की संभावना को कम किया जा सकता है। जबकि रिश्ते की शुरूआत को याद करते हुए तल्खी आ जाने वाले जोड़ों के रिश्ते के टूटने की संभावना ज्यादा होती है।
चलिए जानें कि शादी के इन शुरुआती सालों की वे कौन सी बातें हैं जो आपकी शादी के न चलने के लिए ज़िम्मेदार हो सकती हैं। अगर आप भी किसी के साथ रिश्ते की शुरुआत करने वाली हैं, तो इन चीजों से बचकर रहें।
रिश्ते को गो विद द फ्लो के नियम के तहत जीना सबसे खूबसूरत एहसास है। किसी भी तरह का पूर्वाग्रह आपके रिश्ते को दीमक की तरह चाटते हुए ख़त्म कर सकता है। शादी के शुरुआती साल एडजस्टमेंट के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण साल हैं। इसलिए उस समय में इम्पर्फेक्शन बेहद स्वाभाविक हो जाती है।
अपने शुरुआती वर्षों को उबाऊ बताने का मतलब है कि रिश्ते में कुछ हद तक वैवाहिक निराशा घिर चुकी है। अपनी पहली मुलाक़ात के बारे में याद करते हुए बताने के लिए अगर आप अपने रिश्ते से जुड़ी एक भी अच्छी याद नहीं जुटा पाती हैं, तो यह बताता है कि आपके रिश्ते की नींव में ही गड़बड़ी है।
ऐसा अक्सर रिश्ते के भीतर अनकही अपेक्षाओं के कारण होता है। सुधार करने के लिए, एक-दूसरे से की जाने वाली अपेक्षाएं रीसेट की जानी चाहिए और उनके बारे में अपने पार्टनर से खुल कर बात की जानी चाहिए।
वे जोड़े जो अपने रिश्ते में वैवाहिक जीवन में निराशा और नकारात्मकता का सामना कर रहे होते हैं वे न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक संघर्ष से भी जूझ रहे होते हैं। यह स्थिति मनोविज्ञान की भाषा में फ्लडिंग कहलाती है। यदि आपकी ह्रदय गति तेज़ है, और आप अपना संतुलन खो रहे हैं तो ये फ्लडिंग की निशानी है, जिसकी वजह से आप चिड़चिड़ापन या खुद को पूरी तरह ड्रेन और सोचने समझने में असमर्थ महसूस करते हैं।
ऐसे में ज़रुरत है खुद को रिलैक्स करने और ज़रूरी हो तो ब्रेक लेने की। ब्रेक लेना इसलिए भी ज़रूरी है कि आप अपनी सोचने समझने की क्षमता रीगेन कर सकें।
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