कभी कोविड, तो कभी ले ऑफ़। नौकरी यदि बच गई है, तो अप्रेजल मंथ पे हाइक की बजाय सिर्फ दिशा-निर्देश मिलने के साथ ही गुजर गया। कुलमिलाकर, स्ट्रेस, डिप्रेशन, एंग्जायटी बढ़ने के कई कारण सामने हैं। ऐसी स्थिति में माइंड को स्ट्रेस फ्री रखना बहुत जरूरी है। इससे हमारा मेंटल हेल्थ स्टेटस मजबूत रहेगा। मेंटल हेल्थ को मजबूत बनाने के लिए ही मेंटल हेल्थ मंथ मनाया जाता हैं। स्ट्रेस दूर भगाने के लिए योगासन (yoga poses for stress relief) हैं।
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ के अनुसार, पांच में से एक अमेरिकी मानसिक स्वास्थ्य समस्या को झेल रहा है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना जरूरी है। लोगों के बीच मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने के लिए ही यहां मई माह को मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता महीना घोषित (mental health awareness month in America) किया गया है।
अमेरिका के तर्ज़ पर अब भारत में भी मई माह को मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता महीना के रूप में मनाया जाता है। हाल में भारत में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने और समस्याओं से निपटने के लिए मानसी एप लांच किया गया है। इससे अब तक 1 लाख से अधिक लोग जुड़ कर अपनी मानसिक समस्या का समाधान पा चुके हैं।
योग थेरेपिस्ट और डिवाइन सोल योग के डायरेक्टर डॉ. अमित खन्ना बताते हैं कि बालासन और सुखासन मानसिक स्वास्थ्य को मजबूती दे सकते हैं। यदि इन दो आसनों को सही तरीके से किया जाये, तो ये और अधिक फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
सुखासन योग का मन और शरीर को शांत कर आराम पहुंचाता है। यदि आप तनाव और एंग्जायटी फील कर रही हैं, तो यह आसन रिलैक्स करने में मदद करता है। यह फोकस में सुधार करता है। इसके नियमित रूप से करने पर आप लक्ष्य पर अपना ध्यान अधिक केंद्रित कर पाती हैं। यह पीठ(Backbone) और रीढ़ (spine) की मांसपेशियों को मजबूत करता है। पूरे शरीर की मुद्रा (body posture) में सुधार करता है।
कैसे करें सुखासन (yoga poses for stress relief)
हिप्स को ज़मीन पर अच्छी तरह टिका कर बैठ जायें।
पैरों को घुटनों के ठीक नीचे रखते हुए पैरों को क्रॉस कर लें। इसे क्रॉस लेग सुखासन भी कहते हैं।
हिप बोंस को नीचे फर्श की ओर दबाएं। स्पाइन को सीधा रखें।
चेहरे, जॉ लाइन और पेट को आराम दें।
नाक से गहरी सांस लें। छाती की बजाय पेट से सांस लें।
बालासन योग किसी भी तरह के तनाव को दूर करने में मदद करता है। यही कारण है कि यदि साउंड स्लीप नहीं हो पाता है, तो इस आसन को करने की सलाह दी जाती है। यह पीठ और रीढ़ की हड्डी को आराम देता है। यह कंधों और हाथों द्वारा महसूस किए गए तनाव को भी कम करता है।
कैसे करें बालासन (How to do Balasana)
योग मैट पर घुटने टेक कर बैठ जाएं।
एड़ी पर बैठें।
पैर का अंगूठा एक दूसरे से स्पर्श कर सके।
फिर अपने घुटनों को हिप्स की चौड़ाई तक अलग कर लें।
गहरी सांस लें, सांस छोड़ें।
हाथों को आगे करते हुए आगे की ओर झुकें।
सिर को जमीन से सटाते हुए उसी अवस्था में रहें।
यह मुद्रा ठीक उसी तरह करें, जिस तरह एक बच्चा घुटनों के बल आगे झुकता है।
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