ये कुछ टिप्‍स एनल सेक्स को बना सकते हैं ज्‍यादा सुविधाजनक और आनंददायक

सेक्स तो एक टैबू है ही, एनल सेक्स के बारे में बात करना उससे भी बड़ा टैबू है और लोग अक्सर इसके बारे में बात करने से कतराते हैं। लेकिन सेक्स करने के सुरक्षित तरीकों के बारे में जानने से आप किसी भी स्वास्थ्य जोखिम से बच सकती हैं।
एनल सेक्स के दौरान संक्रमित होने का काफी ज्यादा खतरा रहता है।। चित्र: शटरस्‍टॉक
एनल सेक्स के दौरान संक्रमित होने का काफी ज्यादा खतरा रहता है।। चित्र: शटरस्‍टॉक
टीम हेल्‍थ शॉट्स Published: 27 Jan 2021, 05:26 pm IST
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हम भले ही इक्कीसवी सदी में जी रहें हो पर सेक्स के बारे में बात, आज भी धीमे स्वर में ही की जाती है। जिसका नतीजा यह होता है कि लोग असुरक्षित सेक्स का जोखिम उठा लेते हैं। योनि सेक्स की तरह ही गुदा मैथुन यानि एनल सेक्स (Anal Sex) के भी अपने कुछ जोखिम होते हैं। अगर आपने अभी-अभी एनल सेक्स करना शुरू किया है, तो आपको इसके साथ आने वाले कुछ हेल्थ रिस्क के बारे में जान लेना चाहिए।

जब एनल सेक्स की बात आती है, तो ज़रूरी नहीं की प्रवेश लिंग द्वारा ही हो, यह उंगलियों या सेक्स टॉयज के साथ भी किया जा सकता है।

सुरक्षित एनल सेक्स के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें…

1. इसमें लुब्रिकेशन (Lubrication) की कमी होती है

आपकी वेजाइना संभोग के दौरान अपने आप को खुद ही लुब्रीकेट करती रहती है। पर एनल सेक्स में ऐसा नही होता। इसलिए यह किसी भी तरह के पैनीट्रेशन (Penetration) को दर्दनाक और असुविधाजनक बना सकता है। कुछ मामलों में रक्तस्राव का भी कारण बन सकता है।

यहां लुब्रिकेशन की कमी हो सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक
यहां लुब्रिकेशन की कमी हो सकती है। चित्र: शटरस्‍टॉक

तभी एक अच्छे लुब्रीकेंट का प्रयोग करना अति आवश्यक है। ताकि पेनीट्रेशन दर्दनाक न हो और यह नाजुक गुदा (Anal) के ऊतक (Tissue) को नुकसान न पहुंचा दे।

2. एसटीडी (STD, Sexually Transmitted Disease) का खतरा

योनि सेक्स की तरह एनल सेक्स भी एसटीआई और एसटीडी जैसे एचआईवी (HIV), गोनोरिया (Gonorreha), क्लैमाइडिया (Chlamydia) और हर्पीज(Herpes) जैसे वायरस से ग्रसित कर सकता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) Centre for Disease Control and Prevention (CDC) के अनुसार, एनल सेक्स में इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है।

3. गुदा (Anal) में बैक्टीरिया होते हैं

एनल सेक्स करते वक़्त आपको सिर्फ STI का ही खतरा नही है, बल्कि गुदा(Anal) के आस-पास रहने वाले बैक्टीरिया कंडोम या अस्वच्छता की वजह से आपके शरीर तक फैल सकते हैं। साथ ही इससे हेपेटाइटिस-A (Hepatitis-A) और E-कोलाई (E. coli) का खतरा बढ़ जाता है।

यहां बैक्‍टीरिया ज्‍यादा हो सकते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
यहां बैक्‍टीरिया ज्‍यादा हो सकते हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक

4. इसे आराम से करें

आप वेजाइनल सेक्स की तरह एनल सेक्स में तेज़ी नही दिखा सकते हैं। इसे आराम से करें ताकि किसी तरह की दर्द या जलन न हो। ऐसा करने से आप अपनी त्वचा को किसी भी घाव से बचा सकती हैं। साथ ही यह आपके अनुभव को भी सुखद बना देगा।

5. स्वच्छता रखें

गुदा मैथुन (Anal Sex) करते समय उचित स्वच्छता बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसा न करने से आप संक्रमित हो सकतीं है। इसलिए स्वच्छता पर ध्यान दें, अपने हाथों को साफ रखें। उन्हीं सेक्स टॉयज का उपयोग न करें जो आप योनि सेक्स (Vaginal Sex) के लिए उपयोग करती हैं। साथ ही एनल सेक्स करने से पहले और बाद में कंडोम को बदलना न भूलें।

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