क्या पाचन संबंधी समस्याएं सेक्सुअल एक्टिविटी में संलग्न होने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं? जी हां, बिल्कुल। बहुत सारे लोग हैं, जो पाचन संबंधी समस्याओं के कारण यौन समस्याओं का सामना करते हैं। जबकि बहुत कम लोग ही यह समझ पाते हैं कि सेक्स और डायजेस्टिव सिस्टम के बीच भी खास संबंध है। इतना गहरा कि पाचन संबंधी समस्याएं लो लिबिडो और इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का भी कारण बन सकती हैं।
गट हेल्थ और सेक्स लाइफ किस तरह आपस में जुड़े हुए हैं, यह जानने के लिए हेल्थ शॉट्स ने फोर्टिस अस्पताल, मुंबई में कंसल्टेंट साइकोलॉजिस्ट और सेक्सोलॉजिस्ट डॉ. संजय कुमावत से बात की।
हम में से ज्यादातर लोगों ने ‘पीकू’ फिल्म देखी है। जिसमें अभिनेता अमिताभ बच्चन द्वारा निभाया गया किरदार अपने बावेल मूवमेंट के लिए परेशान रहता है। इस संदर्भ के माध्यम से “अच्छा महसूस करना” भावना को समझना है। इसमें एक व्यक्ति को खाना खाते समय स्टूल पास करने और भूख लगने, दोनों का अनुभव होता है।
यह फील-गुड का एहसास सेरोटोनिन हार्मोन के कारण होता है, जो आंत के दोनों कार्यों के बाद जारी होता है। डॉ. कुमावत कहते हैं, “सेरोटोनिन हार्मोन शरीर का ‘हैप्पीनेस हार्मोन’ है, जो पूरे आंत में मौजूद होता है। यह इस बात की पुष्टि करता है कि गट हेल्थ और सेक्सुअल हेल्थ में संबंध है, क्योंकि हैप्पी मूड लिबिडो को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।”
एक स्वस्थ आंत में सेरोटोनिन का पर्याप्त स्राव होता है। हालांकि आंत का स्वास्थ्य माइक्रोबियल फ्लोरा पर निर्भर करता है, जो सेरोटोनिन के स्राव में मदद करता है। डॉ. कुमावत कहते हैं, “आंत में किसी भी प्रकार की सूजन सेरोटोनिन सीक्रेशन और लिबिडो दोनों को प्रभावित कर सकती है।” आंत से संबंधित सभी लक्षण व्यक्ति के शारीरिक, भावनात्मक और यौन जीवन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं।
डॉ. कुमावत के अनुसार, “यदि आपने बहुत अधिक खाना खा लिया है या अपच का अनुभव कर रहे हैं, तो दर्द और बेचैनी आपके यौन जीवन को प्रभावित कर सकती है।” वास्तव में, इरिटेबल बॉवेल सिंंड्रोम (IBS), जो कब्ज, दस्त, पेट में मरोड़ और सूजन का कारण बनता है, यौन क्रिया को दर्दनाक बना सकता है और सेक्सुअल एक्टिविटी के कार्य में भावनात्मक तनाव जोड़ सकता है।
इसके अतिरिक्त, सेक्स से कुछ लोगों को गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) के लक्षणों का अनुभव हो सकता है। हार्ट बर्न और एसिड रिफ्लक्स सेक्स को असहज भी बना सकता है।
सेरोटोनिन एक न्यूरोट्रांसमीटर, या केमिकल मैसेंजर है। यह ब्रेन में मूड को नियंत्रित और स्थिर करने का काम करता है। इस केमिकल के कारण व्यक्ति कम चिंतित और खुशी महसूस करता है, जो सेक्स को अधिक सुखद बनाता है। सेरोटोनिन सिस्टम के कारण इरिटेबल बावेल सिंड्रोम, अपच, मतली और उल्टी भी महसूस हो सकती है। जिससे यौन सुख का अनुभव करना कठिन हो जाता है।
पाचन समस्याओं वाले लोगों में यूरीनरी ट्रैट में संक्रमण की समस्या काफी आम है। अपच बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा दे सकती है, जो योनि में संक्रमण का कारण बनता है। अगर इलाज न किया जाए, तो गंभीर मामलों में यह गुर्दे की समस्या भी पैदा कर सकता है।
इसके अतिरिक्त, यदि आपको पहले से ही यूटीआई है, तो आपको पाचन संबंधी समस्याएं होने की अधिक संभावना होती है। यह आपके पेट, विशेष रूप से लोअर एब्डोमेन पर प्रभाव डाल सकती है। इन सभी की वजह से सेक्स के दौरान काफी दबाव और दर्द महसूस हो सकता है।
माइक्रोबायोलॉजिस्ट सुसान एर्डमैन के शोध से पता चलता है कि सेक्स का एक प्रमुख घटक गट माइक्रोबायोटा हो सकता है। डॉ. कुमावत के अनुसार, “गट माइक्रोबायोटा हार्मोन लेवल, इन्फ्लेमेटरी मीडिएटर और मेल इरेक्टाइल फंक्शन के अन्य पहलुओं को नियंत्रित कर सकता है।
इसलिए, सेक्सुअल, मेंटल और फिजिकल हेल्थ के लिए इन बैक्टीरिया का उचित संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
डॉ. कुमावत कहते हैं, “गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल मुद्दों से संबंधित तनाव इंटीमेट परिदृश्यों का मजा छीन सकता है। यहां तक कि बच्चे के गर्भ धारण के प्रयासों को भी यह बाधित कर सकता है। सेरोटोनिन का उत्पादन करने की बजाय शरीर तनाव महसूस करेगा, कोर्टिसोल का सीकरेशन करेगा।”
अब आप जान गई हैं कि आपके सेक्स लाइफ के लिए आपकी गट हेल्थ महत्वपूर्ण है। इसलिए स्वस्थ खाने और अपनी दिनचर्या में प्रोबायोटिक्स को शामिल करके पाचन संबंधी समस्याओं को दूर रखने की कोशिश करें। इससे गट हेल्थ बढ़िया होगी और आपके मूड और लिबिडो दोनों में सुधार होगा।
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