टैम्पोन्स के बारे में सुना तो हम सब ने है, लेकिन उसके इस्तेमाल को लेकर कई डाउट भी हैं। टैम्पोन्स यूज़ करने वाली महिलाएं इसकी तरीफ करते नहीं थकतीं। इसमें दाग का डर नहीं रहता, ना ही सैनिट्री पैड्स की तरह यह रैशेज़ करता है। फिर भी इसे अपनाने की बात सोचते ही आपके मन में ढेरों सवाल उठते हैं? तो जानिए इन सभी सवालों के जवाब।
टैम्पोन्स कॉटन को सिलिंडर शेप में प्रेस करके बनाये जाते हैं। अपने शेप के कारण इन्हें आसानी से वेजाइना में इन्सर्ट किया जा सकता है। टैम्पोन वेजाइना में ही खून को सोख लेता है जिसके कारण दाग की कोई समस्या ही नहीं होती।
शुरुआत में टैम्पोन्स आपको असहज लग सकते हैं और प्रैक्टिस से ही आप कम्फ़र्टेबल हो पाएंगी।
आपके फर्स्ट टाइम में सबसे छोटा साइज इस्तेमाल करना ही बेस्ट है। उसे आराम से इन्सर्ट किया जा सकता है। रेगुलर यूज़ के साथ ही आप अपने लिए परफेक्ट साइज समझ जाएंगी। फ्लो के हिसाब से भी अलग-अलग साइज के टैम्पोन्स यूज़ होते हैं।
टैम्पोन्स अपनी अब्सॉर्ब करने की क्षमता के अनुसार अलग-अलग कैटेगरी में होते हैं। कम फ़्लो वाले दिनों के लिए कम अब्जॉर्बिंग टैम्पोन का इस्तेमाल करना चाहिए। वरना वेजाइना बहुत ड्राई महसूस होने लगेगी। उसी प्रकार हैवी फ़्लो वाले दिन ज्यादा अब्जॉर्बिंग टैम्पोन का इस्तेमाल करें, वरना ब्लड लीक हो सकता है। अधिकतर पहले दो दिन फ़्लो ज्यादा होता है और अंत के तीन दिन फ़्लो कम होता है। मगर अपने पीरियड्स को आप ही जानती हैं, और आपके लिए कौन सा साइज सही रहेगा आप ही तय कर सकती हैं।
आप जितना ज्यादा सोचेंगी, यह प्रोसेस उतना ही मुश्किल लगेगा। इसलिए दिमाग को शांत करें और फ़ोकस करें।
हमेशा टैम्पोन इन्सर्ट करने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं और सुखाएं। सूखे हाथ से ही टैम्पोन को छुएं। इससे आप किसी भी तरह के इंफेक्शन से बची रहेंगी।
यहां ज़रूरी है कि आप ऐसी पोजीशन में हों जिसमें आपकी वेजाइनल ओपेनिंग रीच में हो। हर किसी के लिए यह पोजीशन अलग होती है। आप अपनी सबसे कंफर्टेबल पोजीशन धीरे-धीरे समझ जाएंगी।
अपने टैम्पोन का वह स्पॉट देखें जहां इनर ट्यूब आउटर ट्यूब के अंदर जाता हो। धागा नीचे की ओर होना चाहिए। अब अपने अंगूठे और बीच वाली उंगली से टैम्पोन को पकड़ें और इंडेक्स फिंगर को बेस पर रखें जिससे पुश करने में सुविधा रहे।
आपकी तीन ओपेनिंग होती हैं- यूरेथ्रा (जिससे यूरिन निकलती है), वेजाइना (यह बीच मे होती है) और सबसे पीछे ऐनस। वेजाइना की ओपनिंग ढूंढकर अपने दूसरे हाथ से ओपनिंग को स्ट्रेच कीजिये।
अब जब आपको पता है कि टैम्पोन को कैसे पकड़ना है और आपकी वेजाइना कहां है, बस टैम्पोन लगाना बाकी है। टैम्पोन को वेजाइना के पास लाकर इंडेक्स फिंगर से पुश करें। आपको महसूस होगा कि इनर ट्यूब आगे बढ़ रहा है। अब आउटर ट्यूब को बाहर की ओर खींच लीजिए। बस धागा बाहर लटकना चाहिए, इससे ही आपको टैम्पोन रिमूव करना है।
आउटर ट्यूब यानी एप्लीकेटर को कैसे फेंकना है यह आपके टैम्पोन के पैकेट पर ही लिखा होगा। हर एप्लीकेटर को फेंकने का तरीका अलग होता है, जो उसके मैटेरियल पर निर्भर करता है।
हालांकि पैंटी लाइनर ज़रूरी नहीं है, लेकिन शुरुआत में आप प्रीकॉशन के तौर पर इसे लगा सकती हैं।
इन स्टेप्स को फॉलो करेंगी तो आपको पता भी नहीं चलेगा कि टैम्पोन मौजूद है या नहीं। हर 8 घण्टे पर टैम्पोन बदलें, अगर फ़्लो ज्यादा है तो 5-6 घण्टे में भी बदलने की ज़रूरत पड़ सकती है। एक टैम्पोन को 8 घण्टे से ज्यादा ना लगाएं।
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