अबॉर्शन और कॉन्ट्रासेप्शन! जानिए क्या होता है आपके शरीर पर इन दोनों का प्रभाव

अनचाहा गर्भ किसी भी महिला के लिए बहुत सारी परेशानियां लेकर आ सकता है। तो इससे बचने के लिए आप जो भी तरीका चुनती हैं, वह आपके शरीर को बहुत गहरे से प्रभावित करता है।
janiye contaception or abortion ke beech kya antar hai
जानिए गर्भपात और गर्भनिरोध के बीच क्या अंतर है। चित्र : शटरस्टॉक
Updated On: 21 Dec 2021, 03:32 pm IST
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गर्भावस्था हर महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण चरण होता है, जिसका फैसला सोच समझकर ही किया जाना चाहिए। यदि एक महिला मां बनने के लिए तैयार नहीं है, तो इसका असर उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। इतना ही नहीं, यह आने वाले शिशु के जीवन को भी काफी प्रभावित कर सकता है।

प्रेगनेंसी (Pregnancy) के साथ तीन ज़िंदगियां जुड़ी होती हैं। आपकी, आपके साथी की और आने वाली संतान की। इसलिए बेहतर यही है कि यह फैसला सोच समझकर किया जाए। मगर यदि आप मां बनने के लिए तैयार नहीं हैं, तो क्या है आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर है? अबॉर्शन (Abortion) या कॉन्ट्रासेप्शन (Contraception)।

ऐसे में यह जानना और समझना महत्वपूर्ण हैं कि आपके स्वास्थ्य के लिए क्या सही है? तो जानते हैं इन गर्भ निरोधक उपायों के बारे में –

जन्म नियंत्रण और गर्भपात दोनों अलग चीज़ें हैं। बर्थ कंट्रोल या कॉन्ट्रासेप्टिव मेथड गर्भावस्था को होने से रोकता है। वहीं गर्भपात एक मौजूदा गर्भावस्था को खत्म करने का तरीका है।

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गर्भपात आपकी सेहत को भी नुकसान पहुंचाता है। चित्र: शटरस्टॉक

क्या है अबॉर्शन का तरीका?

गर्भपात एक चिकित्सीय प्रक्रिया है। यह तीन चीजों के होने के बाद किया जाता है: जब

एक शुक्राणु एक अंडे को निषेचित करता है।
भ्रूण आपके गर्भाशय की परत में प्रत्यारोपित होता है।
आपका शरीर मानव कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (एचसीजी) बनाना शुरू कर देता है, जो कि गर्भावस्था परीक्षण के लिए हार्मोन है।

जब ऐसा हो जाता है और आप गर्भ नहीं चाहती हैं, तब गर्भपात के लिए जाना पड़ता है। अबॉर्शन दो प्रकार का होता है: सर्जिकल गर्भपात (Surgical Abortion) और चिकित्सकीय गर्भपात (Medical Abortion)। गर्भावस्था को समाप्त करने के लिए, आपको प्रत्यारोपित भ्रूण को बंद करना होगा या अपने गर्भाशय की परत को बहा देना होगा।

सर्जिकल गर्भपात के दौरान, डॉक्टर आपके गर्भाशय से भ्रूण को हटा देते हैं। चिकित्सीय गर्भपात में, आप एक ऐसी गोली लेती हैं, जो आपके गर्भाशय को सिकोड़ती है और उसकी परत और भ्रूण (Embryo) को बहा देती है।

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गर्भनिरोधक गोलियां आपके स्वास्थ्य पर करती है असर। चित्र: शटरस्टॉक

अब जानिए बर्थ कंट्रोल कैसे काम करता है?

जन्म नियंत्रण (Birth Control) एक अंडे और शुक्राणु को जुड़ने से रोकता है। यह ओव्यूलेशन (Ovulation) को रोकता है, जिससे एग रिलीज नहीं होता है। यह निषेचन को रोकता है, जिससे शुक्राणु अंडे तक नहीं पहुंच पाता और उसे निषेचित नहीं कर पाता।

उदाहरण के लिए, गर्भनिरोधक गोली आपको ओवुलेट करने से रोकती है। यह आपको ओव्यूलेशन को रोकने के लिए हार्मोन की एक स्थिर धारा देकर आपके प्राकृतिक हार्मोन को ओवरराइड करता है। यदि आप इसे ठीक से लेते हैं, तो कोई अंडा नहीं निकलता है।

आप इन दोनों में से खुद के लिए क्या चुनाव करती हैं, यह आप पर निर्भर करता है, क्योंकि जैसा डॉक्टर क्यूटरस उर्फ तनय नरेंद्र (Dr. Cuterus/Instagram) कहती हैं, आपके शरीर पर सिर्फ आपका अधिकार है। यहां देखें उनकी पोस्ट –

इसके बावजूद विशेषज्ञ अबॉर्शन यानी गर्भपात की बजाए गर्भ से बचने यानी कॉन्ट्रासेप्टिव या सेफ सेक्स की सलाह देते हैं। अबॉर्शन चिकित्सकीय हो या सर्जिकल, ये दोनों ही आपको शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित करते हैं।

यहां जानिए अबॉर्शन आपके शरीर को कैसे प्रभावित करता है

सर्जिकल अबॉर्शन की वजह से आपको रक्तस्राव हो सकता है, संक्रमण हो सकता है, आपके गर्भाशय को नुकसान हो सकता है, या एनेस्थीसिया (Anesthesia) के साथ आने वाले जोखिम हो सकते हैं। मेडिकल अबॉर्शन के जोखिमों में अपूर्ण गर्भपात, रक्तस्राव, संक्रमण, बुखार, उल्टी, ठंड लगना, दस्त और सिरदर्द जैसे लक्षण शामिल हैं।

मगर कई अध्ययनों में सामने आया है कि इसके लॉन्ग टर्म साइड इफैक्ट कम हैं।

कॉन्ट्रासेप्शन आपके शरीर को कैसे प्रभावित करते हैं

जन्म नियंत्रण (Contraception) आपके हार्मोन उत्पादन को बंद कर देता है। इसके रुकने के बाद फिर से हार्मोन का उत्पादन करने में कुछ समय लग सकता है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से आपको गर्भाशय ग्रीवा (Cervix Cancer) और स्तन कैंसर (Breast Cancer) का खतरा अधिक हो सकता है।

तो लेडीज अपने स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुये कोई भी कदम उठाने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।

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प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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