एक रिलेशनशिप को खूबसूरती और प्यार से आगे बढ़ाने के लिए अपने पार्टनर के साथ इंटीमेसी और रोमांस होना जरूरी है। पर कई बार कुछ ऐसा होता है कि आप एक-दूसरे के उतने करीब नहीं हो पाते, जितना आप होना चाहते हैं। यौन समस्याएं इसका कारण हो सकती हैं। एक बेहतर रिश्ते के लिए जरूरी है कि आप अपनी ही नहीं, बल्कि अपने पार्टनर की यौन समस्याओं के बारे में भी जागरुक हों। जागरुकताक ही समाधान की ओर पहला कदम है।
आपकी वेजाइनल ड्राईनेस हो या उनका जल्दी इजेकुलेट होना, दोनों ही आपके यौन जीवन को प्रभावित कर सकते हैं। और इसका असर आपके रिश्ते पर भी पड़ सकता है। अध्ययन बताते हैं कि यौन समस्याएं किसी भी व्यक्ति को न केवल शारीरिक तौर पर, बल्कि मानसिक तौर पर भी परेशान कर सकती हैं। इसलिए अपने रिश्ते को बेहतर बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि आप दोनों संकोच छोड़कर इन समस्याओं पर खुलकर बात करें और विशेषज्ञ परामर्श लें।
कभी-कभी आप सेक्स चाहते हैं और कभी-कभी नहीं चाहते। यह सामान्य स्थिति है। प्रत्येक व्यक्ति का अपना स्तर होता है जिसे “सामान्य” माना जाता है। यह आपके अपने अनुभवों और सेक्स ड्राइव के आधार पर होता है। लेकिन जब आपके पार्टनर में लगातार कम यौन इच्छा होती है और वह सेक्स में रुचि की इस कमी से परेशान होने लगते है, तो यह हाइपोएक्टिव सेक्शुअल डिज़ायर डिसॉर्डर (HSDD) होता है।
शोध बताते हैं कि हर दस में से एक महिला और पांच में से एक पुरुष इस समस्या से ग्रस्त है। इसके लिए कई स्वास्थ्य समस्याएं जैसे स्तन कैंसर, मधुमेह, डिप्रेशन , थायराइड और मल्टीपल स्केलेरोसिस (sclerosis) जिम्मेदार हो सकता है।
मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर (neurotransmitter) का असंतुलन इसका कारण हो सकता है, क्योंकि यह वो केमिकल है जो उत्तेजना को पैदा या बाधित कर सकता है। यह डिप्रेशर, एंग्जायटी और हाई ब्लड प्रेशर की दवाओं का साइड इफैक्ट भी हो सकता है।
क्या आप दोनों में से कोई ऑर्गेज्म का अनुभव नहीं कर पाता है? यह चिंता की बात तब होती है, जब आप यौन उत्तेजित (excited) होने के बावजूद ऑर्गेज्म का अनुभव नहीं कर पाते है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में यह समस्या ज्यादा होती है। स्टडी बताती है कि इस विकार के कारण 11 से 46 प्रतिशत कपल्स के बीच तनाव पैदा हो जाता है।
एचआईवी (HIV), गोनोरियाह (gonorrhea), प्युबिक लाइस (pubic lice), हरपीज (herpes), आदि कुछ ऐसी बीमारियां होती हैं जो आपको या आपके पार्टनर को यौन संबंध बनाने से रोकती हैं। मगर इनसे डरने की बजाए विशेषज्ञ से परामर्श कर उचित उपचार करवाना चाहिए।
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