अबॉर्शन पिल्स गर्भपात का सबसे ज्यादा प्रचलित तरीका है। आंकड़े बताते हैं कि अवांछित गर्भावस्था से बचने के लिए ज्यादातर युवतियां इनका इस्तेमाल करती हैं। पर क्या आप जानती हैं कि इनका बिना डॉक्टरी परामर्श के इस्तेमाल करना आपकी प्रजनन क्षमता और यौन स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है। अगर आप भी अबॉर्शन पिल्स का इस्तेमाल करने के बारे में सोच रहीं हैं, तो आपको इनसे होने वाले जोखिमों के बारे में भी जान लेना चाहिए।
दुनिया भर में गर्भपात के अधिकार की मांग ने जोर पकड़ा है। हर साल दुनियाभर में 7.3 करोड़ गर्भपात होते हैं। अनहेल्दी प्रेगनेंसी से अबॉर्शन को बेहतर होने के तर्क दिए जा रहे हैं। पर गर्भपात और सुरक्षित गर्भपात के अंतर को समझना आपके लिए बहुत जरूरी है। आपको जानकर हैरानी होगी कि 10 में से 6 अनपेक्षित गर्भावस्था अनसेफ अबॉर्शन पर आ कर खत्म होती हैं। 45 प्रतिशत अबॉर्शन असुरक्षित तरीके से किए जाते हैं। जिनमें से 97 प्रतिशत गर्भपात विकासशील देशों में होते हैं।
अक्सर अबॉर्शन के लिये गर्भावस्था की शुरुआत में महिलाएं बिना डॉक्टर की सलाह के अबॉर्शन पिल्स ले लेती हैं। जो कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकती हैं। यह जरूरी नहीं कि सभी समस्याएं आपको तुरंत दिखाई दें, कभी- कभी ये समस्याएं महीने भर बाद या 6 महीने के बाद भी आपको परेशान कर सकती हैं। जबकि कुछ महिलाओं में यह प्रजनन क्षमता को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं। अगर गर्भपात ठीक तरीके से नहीं हो पाया है तो कई बार सर्जरी करने की भी नौबत आ सकती है।
इन पिल्स के कई साइड इफेक्ट्स होते हैं जिन्हें ज्यादातर महिलाएं अनदेखा कर देती हैं। सही जानकारी न होने के कारण उन्हें बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पिल्स लेने से पहले उसकी पूरी जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए और यह भी ध्यान रखना चाहिए की क्या आपका शरीर पिल्स से होने वाली समस्यायों को झेलने के लिए तैयार है।
फोर्टिस मेडिकल रिसर्च, गुरुग्राम में डायरेक्टर, ऑब्स्ट्रिक्स और गाइनकालजिस्ट डॉ नूपुर गुप्ता कहती हैं, “गर्भनिरोधक पिल्स 7 सप्ताह से कम अवधि तक की गर्भवती महिलाएं ही ले सकती हैं। इसके बाद अगर कोई महिला पिल्स के माध्यम से एबॉर्शन करना चाहती हैं, तो उन्हें कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है। जैसे कि अधिक रक्त का बहाव और पूरी तरह एबॉर्शन न हो पाना। ऐसी समस्याओं के कारण आगे चलकर महिलाओं में गर्भ न ठहरने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।”
कई बार महिलाएं डॉक्टर की सलाह और प्रेगनेंसी की अवधि जाने बगैर पिल्स ले लेती हैं। ऐसे में उन्हें अत्यधिक ब्लीडिंग के कारण खून की कमी हो जाती है।
बिना पर्ची के मेडिकल दुकानों में गर्भनिरोधक पिल्स बेचना गैरकानूनी है। इस बात को कोई भी दुकानदार नहीं मानता। जिसके कारण कई महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हरियाणा में बिना पर्ची के गर्भनिरोधक पिल्स दुकानों में उपलब्ध नहीं कराया जाता है।
डॉ नुपुर सुझाव देती हैं, “अगर कोई महिला अबॉर्शन करवाना चाहती है, तो डॉक्टर की सलाह और प्रेगनेंसी की अवधि की जांच करवा कर ही पिल्स लें। पिल्स खाने के कुछ दिन बाद तक नियमित जांच करवाती रहें। ताकि कोई भी अवशिष्ट आपके बच्चेदानी के अंदर बचा हुआ न रह जाए।”
1: इन एबॉर्शन पिल्स को खाने के बाद महिलाओं को अधिक मात्रा में ब्लीडिंग होती है। यह गोलियां प्रेग्नेंसी हॉर्मोन प्रोजेस्टेरॉन को शरीर मे बनने से रोक देती है। इसके कारण भ्रूण गर्भाशय से बाहर निकल आता है। ज्यादा ब्लीडिंग के कारण आपको कमजोरी महसूस हो सकती है।
2: आपके पेट मे अधिक दर्द और ऐठन की समस्या पैदा कर सकती है एबॉर्शन पिल्स। शरीर से अधिक मात्रा में खून निकलने के कारण आपको शरीर के कई हिस्सों में ऐठन महसूस हो सकता है।
3: एबॉर्शन पिल्स लेने के बाद आपको उल्टी और दस्त की शिकायत हो सकती हैं। यह सभी महिलाओं को नही होती ,है परंतु कई महिलाओं में यह समस्या देखी गई है।
4: पिल्स लेने के बाद आपको सर दर्द और चिड़चिड़ापन हो सकता है। दर्द अगर ज्यादा हो तब डॉक्टर से अवश्य मिल लेना चाहिए।
ज्यादातर युवा महिलाएं एबॉर्शन पिल्स का प्रयोग करती हैं। कम उम्र में पिल्स लेने से महिलाओं में कई तरह की स्वास्थ्य समस्या देखने को मिलती हैं। बार बार इन गोलियों के सेवन से स्वास्थ पर गलत असर पड़ता है और आगे जा कर यह खतरनाक साबित हो सकती हैं।
गर्भनिरोधक गोलियों के अधिक सेवन से आपको भविष्य में गर्भवती होने में परेशानी आ सकती है। गर्भपात के दौरान बच्चेदानी क्षतिग्रस्त हो जाती है और यह आगे चलकर बच्चे के लिए खतरनाक साबित होता है।
विशेषज्ञों की माने तो 3 बार से ज्यादा गर्भपात करवाने वाली महिलाओं को भविष्य में गर्भधारण करने में मुश्किल होती है। और अगर वह गर्भवती हो भी जाये तब उनका बच्चा अस्वस्थ हो सकता है जैसेकि कम बजन, मानसिक रूप से कमजोर। ऐसा देखा गया है कि ऐसी महिलाओं को गर्भावस्था के कुछ समय बाद अपने आप गर्भपात भी हो जाता है।
कभी-कभी महिलाओं में अधूरे गर्भपात की स्थिति पनप जाती है। ऐसे में भविष्य में बड़ी बीमारी का खतरा हो सकता है इसीलिए समय रहते डॉक्टर से ऑपरेशन करवा कर पूर्ण रूप से एबॉर्शन करवा लेना चाहिए।
यह बीमारी बार बार गर्भनिरोधक गोलियाँ खाने से होती है। यह एक ऐसी बीमारी है जो भविष्य में बांझपन का कारण बन जाती है। फैलोपियन ट्यूब के ऊपर घाव उत्तपन करती है जिसके कारण गर्भवती होने में दिक्कत आती है।
यह समस्या ज्यादातर 20 से 29 साल की महिलाओं में देखने को मिलता है। काम उम्र में पिल्स के अधिक सेवन से यह बीमारी होती है।
एबॉर्शन पिल्स लेने वाली 2 से 3 प्रतिशत महिलाओं में यह बीमारी देखी जाती है। इस समस्या से ग्रषित महिलाओं को गर्भावस्था में परेशानी होती है। कई बार उन्हें एनेस्थेसिया भी देना पड़ता है।
अधिक बार अबॉर्शन करवाने वाली महिलाओं में कई तरह की स्वास्थ्य समस्या देखी जाती है जैसेकि रक्तस्राव, संक्रमण, एम्बोलिज्म, गर्भाशय में सूजन, गर्भाशय ग्रीवा का चोटिल होना इत्यादि।
महिलाओं को अपने स्वस्थ को लेकर जागरूक होना चाहिए। जब तक आप माँ बनने के लिए तैयार नही है तबतक गर्भवती होने से बचे। पूरी तरह मानसिक रूप से तैयार होकर गर्भवती होने का फैसला करे। क्योंकि गर्भपात करवाने से कई तरह की समस्याएं उत्तपन होती है जिनसे बचना बहुत जरूरी है।
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