वेजाइनल डिस्चार्ज एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और महिलाओं के जीवन का हिस्सा है। यह द्रव योनि और गर्भाशय ग्रीवा के पास ग्रंथियों द्वारा निर्मित होता है। यह योनि को साफ रखता है और नमी प्रदान करता है। पर कभी-कभी यह सामान्य से ज्यादा हो सकता है। आपकी पेंटी पर लगे एक्स्ट्रा दाग या नमी आपको परेशान कर सकती हैं। मगर चिंता न करें, क्योंकि इसके लिए जिम्मेदार कारक के बारे में जानने के लिए हमारे पास एक स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं।
आयुर्वेद एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ नीरज शर्मा कहती हैं, “योनि से होने वाला डिस्चार्ज बिल्कुल नॉर्मल है और और योनि को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण है। मगर यह आपकी योनि स्वास्थ्य को भी दर्शता है। वेजाइनल डिस्चार्ज यह समझने में मदद करता है कि आपकी इंटीमेट हाइजीन और रिप्रोडक्टिव हेल्थ कैसी है?
डिस्चार्ज की गंध, इसका रंग और टेक्सचर की जांच करके बहुत कुछ पता लगाया जा सकता है। ठीक इसी तरह वेजाइनल डिस्चार्ज यदि सीमित मात्रा में हो तो यह नॉर्मल है! मगर, यदि ये ज़्यादा हो रहा हो तो कई समस्याओं का कारण बन सकता है या आने वाली समस्याओं का संकेत हो सकता है।”
वेजाइनल डिस्चार्ज यदि ज़्यादा मात्रा में हो, तो इसके कई कारण हो सकते हैं। पर इसके साथ के कुछ संकेतों की ओर ध्यान देना भी जरूरी है। जैसे –
तेज अप्रिय गंध
हरा, भूरा या पीला डिस्चार्ज
खुजली, सूजन, या जलन होना
पेट या पैल्विक पेन के साथ डिस्चार्ज
पेशाब के दौरान जलन के साथ ज़्यादा डिस्चार्ज होना
एक महिला के मासिक चक्र के दौरान हार्मोनल उतार-चढ़ाव वेजाइनल डिस्चार्ज की मात्रा में बदलाव का कारण बनता है। मासिक धर्म के अंत में आप वेजाइना में ड्राइनेस महसूस कर सकती हैं। जबकि ओव्यूलेशन तक डिस्चार्ज की मात्रा उत्तरोत्तर बढ़ती जाती है। जन्म नियंत्रण, रजोनिवृत्ति, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS), और गर्भावस्था सभी हार्मोन को भी प्रभावित करते हैं।
वेजाइनल कैंडिडिआसिस, जिसे आमतौर पर यीस्ट इन्फेक्शन कहा जाता है, बहुत आम है। यीस्ट इन्फेक्शन से निकलने वाला डिस्चार्ज आमतौर पर पनीर की तरह सफेद और गाढ़ा होता है। यह अक्सर खुजली या जलन का कारण बनता है।
डॉ नीरज शर्मा का कहना है कि ”ज़्यादा डिस्चार्ज अक्सर इन्फेक्शन के कारण होता है। इन्फेक्शन होने के भी अलग – अलग कारण हो सकते हैं और इसे किसी भी कीमत पर नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिये। इसके लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।”
डॉ नीरज बताती हैं कि “पीरियड्स में साफ – सफाई का ख्याल न रखने से ज़्यादा वेजाइनल डिस्चार्ज हो सकता है। अक्सर महिलाएं पर्सनल हाइजीन का ख्याल नहीं रखती हैं। यदि पीरियड्स में फ्लो कम है, तो वे जल्दी पैड चेंज नहीं करती हैं। इस वजह से भी इनफेक्शन हो सकता है।”
डिस्चार्ज की औसत मात्रा प्रति दिन औसतन लगभग 1 चम्मच होती है। 1 चम्मच से अधिक का मतलब यह नहीं है कि यह ज़्यादा है। महिलाओं में मात्रा अलग-अलग होती है। कुछ लोग दूसरों की तुलना में अधिक उत्पादन करते हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि महिलाओं को पता है कि उनके लिए क्या सामान्य है। इसमें कुछ भी असामान्य होना वे महसूस कर रहीं हैं, तो यकीनन यह ज्यादा है। इन बदलावों को नोटिस करें और अपनी डॉक्टर से बात करें।
अपनी और पार्टनर की सेक्सुअल हाइजीन का ख्याल रखना बहुत जरूरी है। डॉ. नीरज के अनुसार ”यदि आप सेक्सुअली एक्टिव हैं तो अपने और अपने पार्टनर के हाइजीन का ख्याल रखना बहुत ज़रूरी है। यदि उन्हें किसी तरह का इन्फेक्शन है, तो यह आपको भी प्रभावित कर सकता है।”
अंडरवियर चेंज करना न भूलें औए साफ कपड़े पहनें।
पीरियड्स में पैड बदलती रहें। भले ही फ्लो कितना भी कम हो।
तो लेडीज, यदि आपको भी ज़्यादा वेजाइनल डिस्चार्ज हो रहा है, तो इस पर ध्यान दें। बचाव के उपाय करें और तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।
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