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आखिर क्यों होता है पीरियड्स में इतना दर्द, एक्सपर्ट से जानिए अपने प्रजनन स्वास्थ्य और पीरियड साइकिल के बारे में

पीरियड्स और पीरियड पेन हर लड़की के जीवन का एक हिस्सा हैं। मगर शायद ही कोई इसके बारे में पूरी तरह से जानता हो। इसलिए इस लेख के माध्यम से अपने पीरियड्स को समझें और जानें कि आखिर क्यों आपको इतना दर्द सहना पड़ता है।
जानिए अपने पीरियड्स के बारे में और इसमें इतना दर्द क्यूं होता है। चित्र : शटरस्टॉक
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पीरियड्स में दर्द या दर्द में पीरियड्स! हर लड़की पीरियड्स के दौरान हल्के या तेज़ दर्द से गुजरती है। मगर ये क्यों होते हैं? इसके पीछे का कारण क्या है? यह शायद ही किसी लड़की को पता हो। मासिक धर्म में ऐंठन का क्या कारण है? ज्यादातर महिलाएं अपने जीवन में कभी न कभी यह सवाल पूछती हैं। ऐसा लगता है कि जब महीने के उस समय की बात आती है, तो हल्की ऐंठन, सूजन और चिड़चिड़ापन सभी को महसूस होता है।

पीरियड साइकिल एंड पेन

पीएसआरआई अस्पताल, नई दिल्ली के एंडोस्कोपिक गायनोकोलॉजी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ राहुल मनचंदा कहते हैं, “पीरियड्स के दौरान हर किसी को दर्द होता है, इसलिए बिना वजह हर महिला इसे सहती रहती है। यह सोचकर कि यह नॉर्मल है। मगर ऐसा नहीं है हर बार पीरियड्स में बहुत तेज़ दर्द होना नॉर्मल नहीं है। ज़्यादातर महिलाएं इसकी रिपोर्ट नहीं करती हैं और चिकित्सा देखभाल नहीं लेती हैं।”

मेयो क्लीनिक के अनुसार आपके मासिक धर्म की शुरुआत के 24 घंटों के भीतर हल्की ऐंठन शुरू हो जाती है और कुछ दिनों तक जारी रहती है। पीरियड पेन के लक्षणों में शामिल हैं:

लगातार दर्द होना
मासिक धर्म में ऐंठन जो आपकी पीठ के निचले हिस्से और जांघों तक फैलती है
पीरियड के दौरान आपके गर्भाशय में दर्द या ऐंठन

कुछ महिलाएं इन लक्षणों का भी अनुभव करती हैं:

चक्कर आना
सिरदर्द
गट हेल्थ कमजोर पड़ना
उल्टी

लेकिन आपके पीरियड्स के दौरान ऐंठन का क्या कारण है?

मासिक धर्म की ऐंठन को आम तौर पर “primary dysmenorrhea,” के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जो प्रोस्टाग्लैंडीन के बढ़ते उत्पादन के कारण होता है। गर्भाशय द्वारा उत्पादित यह हार्मोन इसका कारण बनता है। जब आपके पास मजबूत गर्भाशय संकुचन होता है, तो गर्भाशय को रक्त की आपूर्ति क्षण भर के लिए बंद हो जाती है, जिससे गर्भाशय की मांसपेशियां ऑक्सीजन से वंचित हो जाती हैं और मासिक धर्म में ऐंठन और दर्द का चक्र स्थापित हो जाता है।

पीरियड क्रेंप्स को नज़रअंदाज़ न करें। चित्र : शटरस्टॉक

एक्सपर्ट से जानिए कैसा होता है पीरियड पेन

मैत्री वुमनस हेल्थ (Maitri Woman’s Health) की संस्थापक और वरिष्ठ सलाहकार, प्रसूति एवं स्त्री रोग, डॉ. अंजलि कुमार का कहना है कि दर्द दो प्रकार का हो सकता है: “एक शुरुआत में होने वाला हल्का दर्द है, जो प्रोस्टाग्लैंडीन नामक रासायनिक पदार्थों के कारण होता है, जो गर्भाशय से निकलते हैं।”

वे बताती हैं कि ”यह आमतौर पर मासिक धर्म के दौरान कुछ दिनों के भीतर कम हो जाता है और कुछ घरेलू उपचार या हल्के दर्द निवारक दवाओं को छोड़कर किसी विशेष चिकित्सा उपचार की आवश्यकता नहीं होती है। जबकि तेज़ दर्द आमतौर पर जननांग पथ के कुछ रोगों जैसे कि पैल्विक संक्रमण, एडिनोमायोसिस, एंडोमेट्रियोसिस और गर्भाशय फाइब्रॉएड के कारण होता है।”

नॉर्मल नहीं है तेज़ पीरियड पेन

मेयो क्लिनिक के अनुसार, एंडोमेट्रियोसिस और पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज जैसी कुछ स्थितियां मासिक धर्म में ऐंठन से जुड़ी होती हैं। एंडोमेट्रियोसिस प्रजनन समस्याओं का कारण बन सकता है। श्रोणि सूजन की बीमारी आपके फैलोपियन ट्यूब को नुकसान पहुंचा सकती है।

जिससे एक्टोपिक गर्भावस्था का खतरा बढ़ जाता है, जिसमें निषेचित अंडा आपके गर्भाशय के बाहर प्रत्यारोपित होता है। अन्य जोखिम कारकों में अंतर्गर्भाशयी डिवाइस (आईयूडी), गर्भाशय फाइब्रॉएड ट्यूमर और यौन संचारित रोगों का उपयोग शामिल है।

नॉर्मल पीरियड पेन को कम किया जा सकता है

जर्नल ऑफ बॉडीवर्क एंड मूवमेंट थेरेपीज में अक्टूबर 2017 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार जिन महिलाओं ने घर पर 12 सप्ताह के लिए प्रति दिन 30 मिनट, सप्ताह में दो दिन योग का अभ्यास किया, उनमें मासिक धर्म के दर्द और शारीरिक फिटनेस में उल्लेखनीय सुधार हुआ।

इस जर्नल में जनवरी 2017 में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि हठ योग अभ्यास एंडोमेट्रोसिस वाली महिलाओं में पुरानी श्रोणि दर्द के स्तर में कमी के साथ जुड़ा हुआ था।

तो अगर आपके पीरियड्स के कारण आपको काफी दर्द हो रहा है, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि मासिक धर्म का दर्द किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।

यह भी पढ़ें : क्या आपको भी पीरियड्स में होता है असहनीय दर्द? तो जानिए इसके कारण और बचाव के उपाय

 

ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं। ...और पढ़ें

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