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पीरियड के पहले या बाद में आ रहा है सफेद पानी, तो एक्सपर्ट से जानिए ये नॉर्मल है या नहीं

कुछ लोगों को पीरियड्स के पहले अधिक व्हाइट डिस्चार्ज होता है, तो कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं, जिन्हें पीरियड्स (periods) के बाद व्हाइट डिसचार्ज का सामना करना पड़ता है। यदि आपके साथ भी ऐसा होता है तो यहां जानिए इसका कारण।
Published On: 18 Mar 2025, 05:51 pm IST
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White discharge ke kai kaaran ho sakte hain
थिक व्हाइट कर्डी डिसचार्ज एक प्रकार का फंगल डिसर्चाज होता है, जो शरीर में शुगर का लेवल बढ़ने से बढ़ जाता है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

बहुत सी महिलाओं को पीरियड से पहले और बाद में अधिक व्हाइट डिस्चार्ज होता है, जिसकी वजह से योनि के आसपास चिपचिपापन महसूस होता रहता है। अक्सर इस तरह के व्हाइट डिसचार्ज को लेकर महिलाओं के मन में कई तरह के सवाल होते हैं। आखिर ऐसा क्यों होता है? इसकी क्या वजह है? कुछ लोगों को पीरियड्स के पहले अधिक व्हाइट डिस्चार्ज होता है, तो कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं, जिन्हें पीरियड्स (periods) के बाद व्हाइट डिसचार्ज का सामना करना पड़ता है (white discharge after period)। यदि आपके साथ भी ऐसा होता है, तो परेशान न हो अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, जयपुर की कंसल्टेंट – ऑब्सट्रिक्स और गाइनेकोलॉजी, डॉ. पवित्रा शर्मा, ने इस विषय से संबंधी कुछ जरूरी बातें बताई हैं। तो चलिए एक्सपर्ट से समझते हैं, इस विषय पर अधिक विस्तार से (white discharge after period)।

पीरियड्स के पहले और बाद में क्यों आता है सफेद पानी (white discharge after period)

मासिक धर्म से पहले और बाद में सफेद स्राव (White discharge) एक सामान्य शारीरिक प्रक्रिया है, जो हार्मोनल बदलावों के कारण होती है। दरअसल, यह स्राव गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) और योनि की सफाई और सुरक्षा में मदद करता है। मासिक धर्म चक्र के विभिन्न चरणों में स्राव की मात्रा और बनावट बदल सकती है।

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गन्दगी से गंध शुरू हो सकता है। चित्र : एडॉबीस्टॉक

अलग हो सकता है पीरियड के पहले और बाद में आने वाला सफेद पानी

पीरियड्स (periods) से पहले, यह चिपचिपा या गाढ़ा हो सकता है, जो प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के प्रभाव से होता है, जबकि मासिक धर्म के बाद यह हल्का और पतला हो सकता है, क्योंकि इस समय शरीर एस्ट्रोजन हार्मोन का स्राव बढ़ाता है। यदि यह डिस्चार्ज बिना किसी जलन, बदबू या खुजली के आ रहा है, तो यह सामान्य है।

हालांकि, यदि सफेद स्राव में दुर्गंध, खुजली, जलन, या रंग में बदलाव (जैसे हरा या पीला) दिखाई देता है, तो यह संक्रमण या किसी अन्य स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है, जिसके लिए डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है। स्वस्थ आहार, स्वच्छता, और पर्याप्त पानी पीने से योनि स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सकता है।

डिसचार्ज में पतले स्ट्रेच होने वाले म्यूकस का नजर आना फर्टाइल माना जाता है। यह उस समय नजर आता है, जब एग रिलीज होता है। गाढ़ा व्हाइट कलर का डिसचार्ज, इनफर्टाइल मना जाता है। यह ओवुलेशन और पीरियड्स की शुरुआती स्टेज के बीच दिखाई देता है, जब फर्टिलिटी की संभावना बहुत कम होती है।

सफेद पानी आने पर इन 4 स्थितियों में लेनी चाहिए डॉक्टर की सलाह

1. रंग में बदलाव आना: हरा, पीला या भूरे रंग का स्राव या तेज़, अप्रिय गंध वाला स्राव संक्रमण का संकेत हो सकता है। इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टर की सलाह लें।

2. स्थिरता में परिवर्तन नजर आना: यदि डिस्चार्ज गाढ़ा, गांठदार या पनीर जैसा हो जाता है या खुजली, जलन या दर्द के साथ होता है, तो यह यीस्ट संक्रमण या अन्य संक्रामक समस्या का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में डॉक्टर की सलाह लेना बहुत जरूरी है।

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3. पेशाब में जलन के साथ डिस्चार्ज: पेशाब करते वक्त योनि में दर्द, जलन, या अनचाहा डिसचार्ज नजर आना गंभीर संक्रमण का संकेत हो सकता है। वहीं दाने या घाव नजर आए तो डॉक्टर से परामर्श करें।

4. बैक्टीरियल वेजिनोसिस: बैक्टीरियल वेजिनोसिस के कारण मछली जैसी गंध वाला पतला, भूरा-सफ़ेद स्राव हो सकता है, खासकर सेक्स या मासिक धर्म के बाद।

5. यीस्ट संक्रमण: खुजली और जलन के साथ गाढ़ा, सफ़ेद, गांठदार डिसचार्ज यीस्ट संक्रमण का संकेत हो सकता है।

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कॉटन की पैंटी पहने ताकि डिस्चार्ज एक जगह इकट्ठा न हो सके. चित्र : अडॉबीस्टॉक

सफेद पानी ज्यादा आ रहा है तो अपनाएं ये तरीके (Tips to deal with white discharge)

  • पैंटी के नीचे पैंटी लाइनर लगाएं, ताकि डिसचार्ज पैंटी को चिपचिपा न करें और लाइनर उसे अवशोषित कर ले।
  • कॉटन की पैंटी पहने ताकि डिस्चार्ज एक जगह इकट्ठा न हो सके, और उसमें बैक्टीरिया एवं अनचाहा दुर्गंध विकसित न हो।
  • अत्यधिक डिस्चार्ज के दिनों में अपनी योनि के आसपास के एरिया को क्लीन और ड्राई रखें। इसके लिए वॉशरूम इस्तेमाल करने के बाद योनि को अच्छी तरह से टिशु से ड्राई करें।
  • किसी भी तरह के सेंटेड टिशु, वाइप्स या फिर इंटिमेट हाइजीन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें, इससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  • सबसे महत्वपूर्ण है अच्छा खाना और पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर शरीर को हाइड्रेटेड रखना। पोषक तत्वों से भरपूर फल एवं सब्जियों का सेवन करें इस प्रकार पीरियड्स के दौरान डिस्चार्ज को नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी।
  • डिसचार्ज के दिनों में संक्रमण से बचने के लिए सेक्स के दौरान हमेशा कंडोम का इस्तेमाल करें।

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लेखक के बारे में
अंजलि कुमारी
अंजलि कुमारी

पत्रकारिता में 3 साल से सक्रिय अंजलि महिलाओं में सेहत संबंधी जागरूकता बढ़ाने के लिए काम कर रही हैं। हेल्थ शॉट्स के लेखों के माध्यम से वे सौन्दर्य, खान पान, मानसिक स्वास्थ्य सहित यौन शिक्षा प्रदान करने की एक छोटी सी कोशिश कर रही हैं।

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