वर्क प्रियोरिटी के कारण अब देर से बच्चा पैदा करना (Late Pregnancy) को समाज और स्वास्थ्य जगत में भी स्वीकृति मिल गई है। 35 वर्ष से कम उम्र को सही मातृ प्रजनन आयु (advance maternal reproductive age) माना जाता है। पर शहरी आबादी में यह उम्र बढकर 40 हो गई है। हालांकि अधिक उम्र में गर्भावस्था प्रतिकूल जन्म परिणामों से जुड़ी होती है। देर से प्रसव के कारण पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं के साथ-साथ बच्चों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि ओवेरियन रिजर्व प्रभावित होने पर लेट प्रेगनेंसी की आशंका बढ़ जाती है। क्या है ओवेरियन रिज़र्व (ovarian reserve) और कैसे यह महिलाओं की लेट प्रेगनेंसी से जुड़ा है, यह जानने के लिए हमने बात की क्लाउड नाइन अस्पताल, गुड़गांव में सीनियर कंसल्टेंट गायनेकोलोजी और ऑरा स्पेशलिटी क्लिनिक की डायरेक्टर डॉ. रितु सेठी से।
ओवेरियन रिजर्व या डिम्बग्रंथि रिजर्व (Ovarian Reserve) एक महिला के अंडे (Oocytes) की मात्रा और गुणवत्ता को बताता है। ये एग फ़र्टिलाइजेशन के लिए उपलब्ध होते हैं। यह एक महिला के प्रजनन स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण कारक है। यह गर्भधारण करने और सफल गर्भधारण करने की उसकी क्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। ओवेरियन रिजर्व को आम तौर पर ब्लड टेस्ट के माध्यम से मापा जाता है। यह कुछ हार्मोन के स्तर का आकलन करता है।
एंटी-मुलरियन हार्मोन (anti-Mullerian hormone -AMH) और फोलिक्ल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (follicle-stimulating hormone-FSH) के स्तर की यह जांच करता है। अल्ट्रासाउंड टेस्ट के माध्यम से ओवरी में फोलिक्ल की संख्या की गणना करने के लिए ओवेरियन रिजर्व की जांच की जाती है।
जब हम पैदा होते हैं, तो ओवेरियन फोलिकल्स के रूप में 1 -2 मिलियन संभावित अंडे की कोशिकाएं मौजूद होती हैं। यह संख्या उम्र के साथ बहुत कम हो जाती है। युवावस्था तक लगभग 300,000 संभावित अंडे रह जाते हैं। रीप्रोडक्टिव एज के दौरान लगभग 300 – 400 अंडे ही ओवूलेट (Ovulate) कर पाते हैं।
ओवेरियन रिजर्व अंडे की संख्या और गुणवत्ता के आधार पर एक महिला के दो अंडाशय के भीतर की प्रजनन क्षमता को बताता है। कम ओवेरियन रिजर्व होने से अंडों की संख्या में कमी या खराब गुणवत्ता हो जाती है। इसके कारण ओवरी में सामान्य प्रजनन क्षमता (reproductive potential) का नुकसान होता है। इसके कारण इम्फरटीलिटी विकसित हो जाती है, जो लेट प्रेगनेंसी की वजह बनती है।
देर से गर्भावस्था, जिसे एडवांस मैटरनल एज (advanced maternal age) या एडवांस पैटर्नल एज (advanced paternal age) के रूप में भी जाना जाता है। यह 35 वर्ष या उससे अधिक उम्र की महिलाओं में होने वाली प्रेगनेंसी को कहा जाता है। इन मामलों में ओवेरियन रिजर्व में गिरावट के कारण फर्टिलिटी रेट कम हो सकती है। प्राकृतिक गर्भाधान (natural conception) की संभावना कम हो सकती है।
गर्भपात (miscarriage), क्रोमोसोमल असामान्यताएं (chromosomal abnormalities) जैसे कि डाउन सिंड्रोम(Down syndrome) और गर्भावस्था की जटिलताओं (preterm birth) का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा एडवांस मैटरनल एज के साथ कुछ बीमारियों का जोखिम भी बढ़ सकता है। गर्भावस्था के दौरान मधुमेह ( gestational diabetes) और प्रीक्लेम्पसिया (preeclampsia) का जोखिम बहुत अधिक बढ़ जाता है।
तनाव हमारे मन और तन के साथ-साथ अण्डों की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है। क्रोनिक तनाव से कोर्टिसोल और अन्य केमिकल का सीक्रेशन कई शारीरिक और भावनात्मक प्रभावों का कारण बन सकता है। इससे नियमित ओव्यूलेशन रुक जाती है या प्रभावित हो जाती है।
यह समग्र ब्लड सर्कुलेशन में सुधार कर सकता है। इससे अधिक ऑक्सीजन और पोषक तत्व अंडाशय तक पहुंच सकते हैं।
लीन मीट, साबुत अनाज के साथ-साथ फाइबर युक्त फलों और हरी पत्तेदार सब्जियों सहित संतुलित आहार (Balanced Diet) लेने का प्रयास करें। ट्रांस फैट, प्रोसेस्ड फ़ूड, एडेड शुगर से बचें।
धूम्रपान अंडाशय और अंडे की कोशिकाओं के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है। इसलिए स्मोकिंग तुरंत छोड़ें।
गर्भधारण करने में परेशानी हो रही है, तो तुरंत फर्टिलिटी क्लिनिक में एग की मात्रा और गुणवत्ता की जांच कराएं।
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