हमारा शरीर रहस्यमय तरीके से काम करता है और कभी-कभी, यह हमें ऐसी जगह ला कर उलझा देता है कि हम कंफ्यूज हो जाते हैं। महिलाओं को अकसर ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है। खासतौर से पीरियड्स के दौरान हम में से ज्यादातर इस तरह के अनुभवों से गुजरती हैं। खैर, यह इसलिए भी और ज्यादा होता है क्योंकि उस समय आपका शरीर एक परिवर्तन से गुजर रहा होता है।
पीरियड्स में ही ऐसी एक अजीब चीज है, जिसे हम में से ज्यादातर पीरियड्स के पहले और बाद में अनुभव करते हैं। वह ब्राउन या काले रंग का डिस्चार्ज। इस डिस्चार्ज को देखकर हम परेशान हो जाते हैं कि, यह सामान्य है। या वाकई इस पर हमें किसी डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है!
इस बारे में हमने डॉ. बिल्सी मित्तल से बात की। डॉ. बिल्सी मित्तल मुंबई के वोकहार्ट अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं।
तो, आइए जानते हैं पीरियड्स के पहले और बाद में क्यों होता है ब्राउन या डार्क कलर का डिस्चार्ज।
डॉ मित्तल के अनुसार, भूरे रंग का डिस्चार्ज चिंता का कारण नहीं है। वह कहती है, “यह थोड़ा पुराना ब्लड है जो आपकी वेजाइना में रह गया था, जिसके ऑक्सीजन के संपर्क में आने से इसका ऑक्सीकरण हो गया है। हमारे खून में लोहे की उपस्थिति के कारण, यह रंग में भूरा हो जाता है। लाल रंग जो आप पीरियड्स के दौरान देखते हैं वह ताजा खून है।”
साथ ही वे चेतावनी देती हैं कि “यदि यह ब्राउन डिस्चार्ज ज्यादा हो रहा है तो हो सकता है कि आपको इसे डॉक्टर को दिखाना पड़े। यदि इस डिस्चार्ज के साथ ही दर्द और खुजली भी हो रही है तो आपको जल्द से जल्द अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए।”
डॉ. मित्तल बताती हैं, “यदि आपको पीरियड्स के एक या दो दिन से अधिक ब्राउन डिस्चार्ज हो रहा है तो यह तनावपूर्ण स्थिति के कारण हो सकता है।”
वह कहती है कि, “मेरे सभी पेशेंट में मैं एक कॉमन रीजन देख रही हूं और वह है तनाव। यह हमारे शरीर में एक हार्मोनल असंतुलन पैदा करता है, जिससे यह ब्राउन डिस्चार्ज होने लगता है। यह हार्मोनल असंतुलन मौसम में बदलाव और लगातार यात्रा के कारण भी हो सकता है।”
डॉ. मित्तल के अनुसार, तनाव को फिर भी संभाला जा सकता है, लेकिन इसके लिए कुछ स्वास्थ्य संबंधी स्थितियां भी जिम्मेदार हो सकती हैं। जिनके बारे में चिंता होना स्वभाविक है।
तनाव के अलावा, इन 7 वजहों से भी हो सकता है ब्राउन डिस्चार्ज:
कभी-कभी, मैंने यह भी देखा है कि टफ वर्कआउट के कारण भी ब्राउन डिस्चार्ज हो सकता है। इसलिए, मैं सलाह दूंगी कि जब आप माहवारी में हों तो ज्यादा भारी वर्कआउट करने से बचें।
डॉ मित्तल के अनुसार, यह एक आम धारणा है। ज्यादातर महिलाओं को लगता है कि यह एग फर्टिलाइजेशन के समय होने वाली ब्लीडिंग है। पर ऐसे किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले जरूरी है कि डॉक्टर से संपर्क कर लें। ताकि किसी भी बात पर डबल श्योर हुआ जा सके।
यदि आपकी मम्मी ऐसे किसी अनुभव से गुजर रहीं हैं तो हो सकता है कि यह मेनोपॉज का संकेत हो। डॉ मित्तल कहती हैं, “हां, 45 से 50 की वर्ष की आयु की महिलाओं में ब्राउन डिस्चार्ज प्री मेनोपॉज के संकेत हो सकते हैं।”
“यह सुनिश्चित करने के लिए, आपको मेनोपॉज के अन्य लक्षणों जैसे हॉट फ्लश, मूडस्विंग, अनिद्रा, योनि सूखापन आदि पर भी गौर करना चाहिए।”
डॉ मित्तल के अनुसार, अगर यह पहली बार हो रहा है, तो यह ज्यादा चिंता वाली बात नहीं है। किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले दूसरे सायकल का इंतजार करें। अगर यह दोबारा होता है और दर्दपूर्ण है, साथ में बुखार और अजीब सी गंध भी है तो निश्चित रूप से आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
तो, लेडीज, अपनी सेक्सुअल हेल्थ के प्रति बिल्कुल भी लापरवाह न रहें। वरना परेशानी बढ़ सकती है। अपने वेजाइना से होने वाले डिस्चार्ज पर नजर रखें। अगर इसमें किसी भी तरह का अंतर और तकलीफ हो रही है, तो आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
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