शरीर के विकास और स्वास्थ्य के लिए सभी पोषक तत्वों का संतुलित मात्रा में होना जरूरी है। किसी एक पोषक तत्व की कमी से गंभीर बीमारी हो सकती है। खासकर विटामिन का सही मात्रा में होना जरूरी है। विटामिन डी की कमी से बोन डेंसिटी में कमी हो सकती है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर होने की संभावना बढ़ सकती है। विटामिन डी की कमी से कई दूसरी बीमारियां भी हो सकती हैं। कुछ शोध बताते हैं कि विटामिन डी की कमी से सेक्सुअल हेल्थ भी प्रभावित (vitamin d deficiency and sexual health) हो सकता है।
यूरोपियन जर्नल ऑफ़ ओब्स्टेटिक्स गायनेकोलोजी एंड रीप्रोडकटिव बायोलोजी में प्रकाशित रॉबर्ट क्रिसियाक और एम गिलोव्स्का के शोध आलेख के अनुसार, विटामिन डी की कमी से युवा महिलाओं के सेक्सुअल डिजायर पर असर पड़ता है। उनमें अवसाद के भी लक्षण देखे जाते हैं। सेक्स पर विटामिन डी के प्रभावों की जांच करने के लिए एक स्टडी की गई। इस अध्ययन में विटामिन डी की कमी वाली 14 महिलाओं के साथ-साथ 14 स्वस्थ महिलाओं को भी शामिल किया गया। इसकी जांच करने के लिए सभी प्रतिभागियों को एक प्रश्नावली दी गयी।
सभी महिलाओं की सेक्सुअल फंक्शनिंग मापी गई। स्टडी के परिणाम में देखा गया कि विटामिन डी की सामान्य स्थिति वाली महिलाओं की तुलना में विटामिन डी की कमी वाली महिलाओं में यौन इच्छा(Sexual Desire), कामोन्माद (Orgasm) और संतुष्टि (Satisfaction) की कमी देखी गई। परिणामों से शोधकर्ताओं ने यह निष्कर्ष निकाला कि विटामिन डी का लो लेवल असामान्य महिला यौन क्रिया से जुड़ा है । साथ ही महिलाओं में अवसाद के भी लक्षण पाए गये।
इंटरनेशनल जर्नल ऑफ़ इम्पोटेंस रिसर्च में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, हाइपोविटामिनोसिस डी (Vitamin D deficiency) महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों में भी यौन रोग विकारों की उपस्थिति का कारण बनता है। इस अध्ययन के अंतर्गत विटामिन डी की कमी वाले युवा पुरुषों में यौन क्रिया से जुड़े लक्षणों की जांच करना था। अध्ययन में विटामिन डी की कमी वाले 15 पुरुषों के साथ-साथ 15 स्वस्थ पुरुषों (18-40 वर्ष) को भी शामिल किया गया।
यह देखा गया कि स्वस्थ पुरुषों की अपेक्षा विटामिन डी की कमी वाले पुरुषों में इरेक्टाइल फंक्शन, ओरगेज्म, सेक्सुअल डिजायर में कमी जैसी समस्या देखी गई।
वर्ल्ड जर्नल ऑफ़ मेंस हेल्थ में प्रकाशित शोध भी इस बात पर जोर देते हैं कि विटामिन-डी की कमी भी इरेक्टाइल डिसफंक्शन का कारण बन सकती है। लिंग की शारीरिक रचना और शरीर क्रिया विज्ञान को नियंत्रित कर सकता है विटामिन डी। इरेक्टाइल फंक्शन के लिए विटामिन डी की आवश्यकता होती है।
विटामिन डी (Vitamin D) यानी सनशाइन विटामिन (Sunshine Vitamin) सूरज की रोशनी की प्रतिक्रिया में आपकी त्वचा द्वारा निर्मित होता है। यह कुछ खाद्य पदार्थों में भी पाया जाता है। विटामिन डी की कमी से बोन हेल्थ, इम्यून सिस्टम प्रभावित होने के साथ-साथ यह बेहतर सेक्स ड्राइव में भी कमी ला देता है। जिन पुरुषों में विटामिन डी की कमी होती है, उनमें टेस्टोस्टेरोन का स्तर कम होने की संभावना अधिक हो सकती है। यह उनके यौन जीवन को प्रभावित करता है।
पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं में विटामिन डी की कमी होती है, तो उन्हें मेटाबॉलिक सिंड्रोम का खतरा अधिक हो जाता है। इसके कारण पेट पर बढ़ी हुई चर्बी उनकी सेक्सुअल हेल्थ (vitamin d deficiency and sexual health) को भी प्रभावित कर देती है।
इससे सेक्स ड्राइव कम हो जाती है और संतुष्टि में भी कमी आ जाती है। महिलाओं में विटामिन डी सप्लीमेंट लेने से पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारण टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होने और हार्मोन लेवल में सुधार करने में मदद मिल सकती है ।
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