दांत दर्द बहुत ही आम समस्या है और कई बार लोग इसे छोटी समस्या भी मान लेते हैं। लेकिन क्या हो कि अगर इसका कनेक्शन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से हो। ऐसा भी नहीं कि केवल माउथ कैंसर की वजह से ही दांत दर्द हो बल्कि प्रोस्टेट कैंसर के केस में भी ऐसा हो सकता है। कई रिसर्च में ये दावा सामने आया है। आज हम एक्सपर्ट की मदद से यही कनेक्शन (Toothache in prostate cancer) समझने वाले हैं और ये भी कि ऐसी स्थिति से बचाव के तरीके क्या हैं?
कानपुर के धनवंत्री अस्पताल के एमडी और यूरोलॉजिस्ट डॉ सौरभ सिंह कहते हैं कि जब कैंसर प्रोस्टेट (Toothache in prostate cancer) से बाहर निकलकर हड्डियों में फैलने लगता है, तो यह बहुत सारे दर्द और समस्याएं दे सकता है। प्रोस्टेट कैंसर में खासतौर पर रीढ़ की हड्डी, हिप बोन, और जंगली हड्डियों में मेटास्टेसिस होता है।
लेकिन, कभी-कभी, इस मेटास्टेसिस की वजह से दांतों में भी दर्द हो सकता है। जब कैंसर सेल्स हड्डी में फैल रही हों तो ये हड्डियों को प्रभावित कर सकती हैं। नतीजतन दांतों की जड़ें भी कमजोर हो सकती हैं जिससे आपको दांतों में दर्द और सूजन महसूस हो सकती है।
डॉक्टर सौरभ के अनुसार, प्रोस्टेट कैंसर का इलाज करने के लिए कई तरह की दवाइयां दी जाती हैं – जैसे कीमोथेरेपी, हार्मोनल थेरेपी, और रेडिएशन। ये सभी दवाइयां शरीर में कुछ बदलाव करती हैं। इनमें से कुछ दवाइयां मुंह के अंदर की कोशिकाओं को प्रभावित करती हैं, जिससे मसूड़ों में सूजन, दर्द और खून आ सकता है। इस दौरान दांतों की जड़ों में भी कमजोरी (Toothache in prostate cancer) आ सकती है, जो दांतों के टूटने या सेंसिटिव होने का कारण बन सकती है।
अब एक और वजह है जो दांतों में दर्द का कारण बन सकती है। प्रोस्टेट कैंसर के दौरान शरीर में कैल्शियम की कमी हो सकती है। और जब शरीर में कैल्शियम की कमी होती है तो यह दांतों की जड़ों को भी कमजोर कर सकता है।
कैल्शियम और विटामिन D दांतों और हड्डियों की सेहत के लिए बेहद जरूरी होते हैं। जब इनकी कमी होती है, तो दांतों में दर्द और सेंसिटिविटी बढ़ सकती है। इसलिए, जो लोग प्रोस्टेट कैंसर का इलाज करवा रहे होते हैं, उन्हें अपनी डाइट (Toothache in prostate cancer) में इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए।
कैंसर के इलाज के दौरान इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। जब इम्यून सिस्टम कमजोर होता है तो शरीर के अन्य हिस्सों में इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है और दांतों में भी सूजन, दर्द या इन्फेक्शन हो सकता है।
अक्सर आपको सुना होगा कि दर्द कहीं और होता है लेकिन उसका असर शरीर के दूसरे हिस्से पर भी महसूस होता है। इसे रेफर्ड पेन कहते हैं। उदाहरण के तौर पर, अगर रीढ़ की हड्डी में कैंसर मेटास्टेसिस कर रहा है तो उसका असर कभी-कभी दांतों में भी महसूस हो सकता है। यानी जिस जगह पर कैंसर है उस जगह पर दर्द महसूस न होकर शरीर के दूसरे हिस्से में दर्द हो सकता है।
अगर आप या आपके परिवार में कोई प्रोस्टेट कैंसर का इलाज करवा रहा है, तो उसे अपनी दांतों की नियमित जांच करवानी चाहिए।
दांतों की सफाई और जांच से किसी भी प्रकार की समस्या का जल्दी पता चल सकता है। इस तरह, आप दांतों के इन्फेक्शन (Toothache in prostate cancer), सूजन या खून आने जैसी समस्याओं से बच सकते हैं।
अगर आप प्रोस्टेट कैंसर (Toothache in prostate cancer) का इलाज करवा रहे हैं, तो अपनी दवाइयों के साइड इफेक्ट्स के बारे में डॉक्टर से बात करें। दवाइयां कभी-कभी मसूड़ों को प्रभावित कर सकती हैं, इसलिए इस बारे में डॉक्टरी सलाह लेना जरूरी है। इसके अलावा, अपनी दवाइयों के सेवन के बाद मुंह को अच्छे से धोने की आदत डालें, ताकि मसूड़ों और दांतों पर दवाइयों का नकारात्मक असर न हो।
कैल्शियम और विटामिन D दांतों और हड्डियों के लिए बहुत जरूरी होते हैं। प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के दौरान इनकी कमी हो सकती है, इसलिए इनका सेवन बढ़ाना चाहिए। दूध, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां और मछली का सेवन दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसके अलावा, डॉक्टर की सलाह से कैल्शियम और विटामिन D सप्लीमेंट्स (Toothache in prostate cancer) भी लिए जा सकते हैं।
प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के दौरान अच्छे ओरल हेल्थ की अहमियत और भी बढ़ जाती है। दांतों की नियमित सफाई, फ्लॉसिंग, और माउथवॉश का उपयोग करने से मसूड़ों और दांतों को स्वस्थ रखा जा सकता है।
इससे न केवल दांतों में दर्द (Toothache in prostate cancer) कम होगा बल्कि संक्रमण का खतरा भी कम होगा।
अच्छे डाइट से शरीर में सही पोषण मिलता है और दांतों की सेहत भी अच्छी रहती है। ताजे फल, सब्जियां, प्रोटीन युक्त आहार और खूब सारा पानी पीने से शरीर हाइड्रेटेड रहता है और दांतों की सेहत (Toothache in prostate cancer) भी बेहतर रहती है।
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