मानव शरीर का एक जरूरी हिस्सा है सेक्स। इससे ही सृष्टि चलती है और मानव सहित सभी जीवों की संख्या में वृद्धि होती है। पर मनुष्य के जीवन चक्र की सबसे बड़ी बाधा है असुरक्षित यौन संबंध। जानकारी होने के बावजूद असुरक्षित यौन संबंध बनाना सेक्सुअली ट्रांस्मिटेड डिजीज (Sexually Transmitted Disease) का कारण बनता है। इसके प्रति (unprotected sex) लोगों को जागरूक करने के लिए ही हर वर्ष अप्रैल में एसटीआई (Sexually Transmitted Infection) जागरूकता महीना मनाया जाता है।
अप्रैल में हर वर्ष एसटीआई (Sexually Transmitted Infection) जागरूकता माह मनाया जाता है। यह हमारे जीवन पर सेक्स के माध्यम से फैलने वाले रोगों के प्रभाव, एसटीडी परीक्षण और उपचार के महत्व सहित यौन संचारित रोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर देता है।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (World Health Organization) के आंकड़ों के अनुसार, विश्व में हर 4 में से 1 व्यक्ति कभी न कभी अपने जीवन काल में यौन संचारित रोग से प्रभावित होता है। 2020 में 37.4 करोड़ लोगों में एसटीआई के नए संक्रमण का अनुमान लगाया गया।
इसमें क्लैमाइडिया के 12.9 करोड़, गोनोरिया के 8.2 करोड़, सिफलिस के 7.1 करोड़ और ट्राइकोमोनिएसिस के 15.6 करोड़ लोग प्रभावित थे। ये संक्रमण दर विशेष रूप से युवा लोगों में अधिक है।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन इस बात की जानकारी देता है कि योनि, गुदा और ओरल सेक्स के माध्यम से 30 से अधिक विभिन्न बैक्टीरिया, वायरस और पैरासाइट सेक्सुअली ट्रांसमिशन के माध्यम से प्रसारित होते हैं। कुछ एसटीआई गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान मां से बच्चे में भी फैल सकते हैं।
आठ पैथोजेंस को एसटीआई के लिए सबसे अधिक खतरनाक माना गया है। इनमें से 4 का वर्तमान में इलाज संभव हैं : सिफलिस, गोनोरिया, क्लैमाइडिया और ट्राइकोमोनिएसिस का इलाज संभव है। वहीं 4 अन्य लाइलाज वायरल संक्रमण हैं। हेपेटाइटिस बी, हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (herpes simplex virus), एचआईवी और मानव पेपिलोमावायरस (human papillomavirus) से संक्रमित होने पर इलाज से ठीक भी नहीं किया जा सकता है।
इसके अलावा, मंकीपॉक्स (monkeypox), शिगेला सोननेई (Shigella sonnei), निसेरिया मेनिंगिटिडिस (Neisseria meningitidis), इबोला (Ebola) और ज़िका (Zika) के अलावा कम जाना हुआ लिम्फोग्रानुलोमा वेनेरियम (lymphogranuloma venereum) का फिर से उभरना भी सेक्सुअली ट्रांस्मिटेड डिजीज का कारण बन सकता है।
वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन के सुझावों के अनुसार, एचआईवी के अलावा, सभी एसटीआई के खिलाफ (Sexually Transmitted Disease) सुरक्षा के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है कंडोम का प्रयोग। जब सही ढंग से और लगातार इसका उपयोग किया जाता है।
हालांकि कुछ कारणों से अत्यधिक प्रभावी कंडोम एसटीआई के लिए सुरक्षा प्रदान नहीं कर पाते हैं। यह अतिरिक्त-जननांग अल्सर (extra-genital ulcers) जैसे कि सिफलिस या जेनिटल हर्पीज का कारण बनते हैं। इसलिए योनि और गुदा मैथुन के दौरान कंडोम का उपयोग अवश्य करना चाहिए।
वायरल एसटीआई के लिए सुरक्षित और अत्यधिक प्रभावी टीका उपलब्ध हैं – हेपेटाइटिस बी और एचपीवी। इन टीकों ने एसटीआई रोकथाम में प्रमुख भूमिका निभाई है। 2020 के अंत तक एचपीवी वैक्सीन को 111 देशों, मुख्य रूप से उच्च और मध्यम आय वाले देशों में नियमित टीकाकरण कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में पेश किया गया था।
विश्व स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में सर्वाइकल कैंसर को खत्म करने के लिए, एचपीवी टीकाकरण के लिए उच्च कवरेज लक्ष्य, प्रीकैंसरस घावों की जांच-उपचार और कैंसर के प्रबंधन को 2030 तक पहुंचा दिया जाना चाहिए।
इस बात के सबूत हैं कि मेनिनजाइटिस (मेनबी) को रोकने के लिए टीका गोनोरिया के खिलाफ कुछ क्रॉस-सुरक्षा प्रदान करता है। क्लैमाइडिया, गोनोरिया, सिफलिस और ट्राइकोमोनिएसिस के टीकों पर और अधिक शोध की जरूरत है। कुछ एसटीआई को रोकने के लिए अन्य बायोमेडिकल इंटरवेंशन में वयस्क पुरुष खतना, माइक्रोबिसाइड्स और पार्टनर उपचार शामिल हैं।
एसटीआई में अक्सर लक्षण नहीं दिख पाते हैं। जब लक्षण का पता चलता है, तो वे नॉन स्पेसिफिक हो सकते हैं। इसके अलावा, प्रयोगशाला परीक्षण ब्लड, यूरीन या शारीरिक नमूनों पर निर्भर करते हैं। इसलिए इस दिशा में सतर्कता बहुत अधिक जरूरी है।
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